Trisuktam Book/त्रिसूक्तम पुस्तक : Trisuktam is an important book of astrology, in which information about Jyotish Shastra.
Trisuktam Book About:
Tri Sukta has been taken from Rig-Veda. According to the scriptures, the person who recites the Shukta daily, receives all the pleasures in this world, it does not lack any wealth and fame. There is no lack of money till the birth of a person who reads Sri Sukta. Sri Suktam has been composed in Sanskrit, but since Sanskrit is not practiced today, hence, it can also be translated into Hindi to avoid impurities. Question is your reverence for your expressions. The text of Shri Sukta should be chanted in routine daily. Chanting on Navratri, Deepawali and on every Friday, its importance is increased even further. – Trisuktam Book
Sanatan Dharma is the earliest source of religion. There are 1028 Sukta in which the deities are praised. In it there are mantras to call for offerings to the gods. This is the first Vedas. Rig-Veda is considered by historians as one of the earliest available compositions of the Indo-European language family. It is one of the first texts in the world whose recognition in some form has remained in the society till date. This is a major Hindu scripture. In this book, special Sukta has been converted into ordinary language, so that all people can understand the meaning of Shri Sukta and recite it. -Trisuktam Book.
त्रिसूक्तम पुस्तक /Trisuktam Book
त्रिसूक्तम, तन्त्र विज्ञान की एक महत्वपूर्ण पुस्तक है, जिसमें लगभग सभी दुर्लभ तन्त्र के बारे में जानकारी छिपी हुई है।
त्रिसूक्तम पुस्तक के बारे में..
श्री सूक्त ऋग्वेद से लिया गया है। शास्त्रो के अनुसार नित्य श्री सूक्त का पाठ करने वाले जातक को इस संसार में समस्त सुखो की प्राप्ति होती है , उसे धन यश की कोई भी कमी नहीं होती है । श्री सूक्त का पाठ करने वाला जातक को जन्म जन्मान्तर तक भी धन का अभाव नहीं होता है। श्री सूक्तम की रचना संस्कृत में हुई है लेकिन आज चूँकि संस्कृत भाषा का चलन नहीं रह गया है अतः अशुद्धियों से बचने के लिए इसका हिंदी में पाठ भी कर सकते है । प्रश्न आपकी श्रद्धा आपके भाव का है । श्री सूक्त का पाठ नित्य करना चाहिए । नवरात्री, दीपावली एवं प्रत्येक शुक्रवार को तो इसका महत्व और भी अधिक बढ़ जाता है। -Trisuktam Book.
सनातन धर्म का सबसे आरम्भिक स्रोत है। इसमें 1028 सूक्त हैं, जिनमें देवताओं की स्तुति की गयी है। इसमें देवताओं का यज्ञ में आह्वान करने के लिये मन्त्र हैं। यही सर्वप्रथम वेद है। ऋग्वेद को इतिहासकार हिन्द-यूरोपीय भाषा-परिवार की अभी तक उपलब्ध पहली रचनाऔं में एक मानते हैं। यह संसार के उन सर्वप्रथम ग्रन्थों में से एक है जिसकी किसी रूप में मान्यता आज तक समाज में बनी हुई है। यह एक प्रमुख हिन्दू धर्म ग्रंथ है। इस पुस्तक में विशेष सूक्त को साधारण भाषा में परिवर्तित किया गया है, जिससे सभी लोग श्री सूक्त का अर्थ समझकर इसका पाठ और हवन कर सकें। -Trisuktam Book.
Trisuktam Book Details:
Book Publisher: Randhir Prakashan
Book Author: Pt. Hariom Kaushik
Language: Hindi
Weight: 167 gm Approx.
Pages: 174 Pages
Size: “18” x “12” x “1” cm
Edition: 2013
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