Ghar Ka Vaidy Papaya Book (घर का वैद्य पपीता पुस्तक): It is an important book, Ghar Ka Vaidy Papaya Book is not easily available. This book is written by Poonam Gupta Ji, this Book has been published by Thakur Prakashan, Varanasi, There are 80 pages in this book.
Ghar Ka Vaidy Papaya Book Content list:
According to the content list of the Book, the contents are duly express in a simple language for the convenience of the readers. The matters are mention here under. Papaya, types of papaya, beauty, papaya, skin diseases, herpes, itching and itching, blood disorders, digestive system diseases. Constipation, colic, cholera, nervous system diseases, arthritis, foot pain, fever, navel ripening , Jaundice, dieresis, diabetes, head and throat diseases, hoarseness. Other diseases, weakness, insomnia, hemorrhoids, canker sores, chronic constipation, miscarriage. Wonderful dishes of papaya, beauty tips, common diseases, some important health threads Shri. Which is an important part of the Ghar Ka Vaidy Papaya Book.
Ghar Ka Vaidy Papaya Book Description:
The information about medicinal plants in our India is traditional since Vedic period. Nature was linked to its existence by the Indian mystics. It is very surprising that in India hundreds of years ago, sages and monks use to live in ashrams in the forests and they use to stay in the forests and use the things available from nature. They were use so accurately that they live for thousands of years. The effect of these herbs was so miraculous that even the dead were alive. There was a fix time for their daily routine and catering.
Accordingly, he use to do all his activities. The impact of these miraculous medicines was so much on the people of our country that in the course of time, many of the great men of Ayurveda, such as Charak, Dhanvantari, etc. Reached it to the extreme extent. These drugs came into vogue due to their freshness and purity. The same question is standing in front of every person who is patient from inside and is seen laughing from above. First of all we have to see what is the disease, after knowing this, then we should treat him.- Ghar Ka Vaidy Papaya pushtak.
Ghar Ka VaidyPapaya Book Benefits:
By reading the Ghar Ka Vaidy-Papaya Book one can get information about the Ayurvedic quality of papaya.
You will also get the knowledge to prepare dishes from papaya from the Ghar Ka Vaidy-Papaya Book.
You can bring changes in your life with the Book.
घर का वैद्य पपीता पुस्तक/Ghar Ka Vaidy Papaya Book
यह घर का वैद्य पपीता एक महत्वपूर्ण पुस्तक है, घर का वैद्य पपीता पुस्तक आसानी से उपलब्ध नही होती, यह पुस्तक पूनम गुप्ता जी के द्वारा लिखी हुई है, इस घर का वैद्य पपीता पुस्तक को ठाकुर प्रकाशन, वाराणसी, ने प्रकाशित किया है, इस पुस्तक में 80 पृष्ठ(पेज) है।
घर का वैद्य पपीता पुस्तक की विषय सूचि:
इस पुस्तक में विषय सूचि अनुसार- पपीता, पपीते के प्रकार, सौन्दर्य निखारे पपीता, चर्म रोग, दाद, खाज और खुजली, रक्त विकार, पाचन संस्थान के रोग, कब्ज, पेट का दर्द, हैजा, स्नायु तंत्र के रोग, गठिया, पैरों में दर्द, बुखार, नाभि पकना, पीलिया, मूत्रावरोध, मधुमेह, सिर व गले के रोग, स्वर भंग, अन्य रोग, कमजोरी, अनिद्रा, बवासीर, नासूर, पुराना कब्ज, गर्भपात, पपीते के लाजवाब व्यंजन, ब्यूटी टिप्स, सामान्य रोग, स्वास्थ्य के कुछ महत्वपूर्ण सूत्र, जोकि घर का वैद्य पपीता पुस्तक के महत्वपूर्ण अंग है।
घर का वैद्य पपीता पुस्तक का विवरण:
हमारे भारतवर्ष में औषधीय पौधों की जानकारी तो वैदिक काल से ही परम्परागत रूप से चली आ रही है। प्रकृति को अपने अस्तित्व के साथ जोड़कर देखा था, भारतीय मनीषियों ने। बड़े ही आश्चर्य की बात है कि भारतवर्ष में सैकड़ों वर्ष पहले ऋषि-मुनि जंगलों में आश्रम बनाकर निवास करते थे और जंगलों में रहकर वे प्रकृति से उपलब्ध वस्तुओं का निरन्तर उपयोग करते थे। उनका प्रयोग इतने सटीक ढंग से करते थे की वे हजारों वर्षों तक जीवित रहते थे। इन जड़ी-बुटियों का असर इतना चमत्कारिक होता था कि मुर्दा भी जिन्दा हो उठता था। उनकी दिनचर्या व खानपान का एक निश्चित समय होता था।
उसी के अनुसार ही वह अपना सभी क्रिया-कलाप करते थे। इन चमत्कारिक औषधियों का असर हमारे भारतवर्ष के जनमानस पर इतना अधिक हुआ कि कालान्तर में आयुर्वेद का विकास करने वाले मनीषियों जैसे चरक, धन्वंतरि आदि अनेकादि ऐसे महापुरुषों ने इसे चरम सीमा तक पँहुचाया। यह औषधियाँ अपनी ताजगी और शुद्धता के कारण ही प्रचलन में आई। यही एक प्रश्न हर उस इन्सान के सामने मुँह फाड़े खड़ा है जो अंदर से रोगी है और ऊपर से हँसता खेलता नज़र आता है, सबसे पहले हमें देखना यह है कि रोग क्या है, इसको जानने के बाद फिर उसका उपचार करना चाहिए।
घर का वैद्य पपीता पुस्तक के लाभ:
घर का वैद्य पपीता पुस्तक को पढ़ने से पपीते के आयुर्वेदीय गुण की जानकारी प्राप्त कर सकते है।
इस पुस्तक से आपको पपीते से व्यंजन बनाने का भी ज्ञान प्राप्त होगा।
घर का वैद्य पपीता पुस्तक से आप अपने जीवन में बदलाव ला सकते है।
Ghar Ka Vaidy Papaya Book Details:
Book Publisher: Rupesh Thakur Prakashan
Book Author: Poonam Gupta
Language: Hindi
Weight: 0.100 gm Approx.
Pages: 80 Pages
Size: “21.5” x “14” x “0.5” cm
Edition: 2012
Shipping: Within 4-5 Days in India
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