Mrityu Aur Parlok-Yatra Book/मृत्यु और परलोक-यात्रा पुस्तक : Mrityu Aur Parlok-Yatra Book is an important book, in which information about after death life.
About Mrityu Aur Parlok-Yatra Book:
This macro world is so subtle that it is visible from the world we see that this macro world has been create. Just as energy is the cause of matter, so is the reason that the astral world is the cause of the macrocosm. Just as the 9/10 portion of the iceberg floating in the ocean is under water. In the same way the vast part of the past of the macrocosm is in the subtle form which is not visible in the gross eyes. For this a divine vision is necessary which only a few have receive. Therefore their description has been considers as authentic. –Mrityu Aur Parlok-Yatra Book.
The knowledge of this entire root-conscious world is a matter of spirituality whereas science only opens the mysteries of the gross world. Both of these are two different areas. Spirituality is relation to consciousness and from science matter. Therefore they neither have any equality nor opposes. Spiritualism reveals the truth and seeks truth by scientific testing. One has to go and the second is going through the process of knowing. But the possibilities of superstition are more in spirituality and there is a limit to science beyond which there is no motion. Therefore, both are requirement to bring superiority in life. -Mrityu Aur Parlok-Yatra Book.
Death is an eternal truth of life which cannot be ignore but it can be made pleasant. So that, future life can become more advances and prosperous, it is in the hands of a man. How is the information of different people received? The information of many complex questions is given in this manual. Along with this, it has been made more useful by incorporating the creation of the universe. The nature and relationship of God and the relation between the body. The gradual development of the soul, the Paralok Yatra etc. So that the readers can benefit and their many queries are resolve. Accordingly which can bring change in the life system.
मृत्यु और परलोक-यात्रा पुस्तक/Mrityu Aur Parlok-Yatra Book
यह मृत्यु और परलोक यात्रा, एक महत्वपूर्ण पुस्तक है, जिसमें मृत्यु के बाद के सफर के बारे में बताया गया है।
मृत्यु और परलोक-यात्रा पुस्तक के बारे में..
यह स्थूल दृश्य जगत् जितना हमें दिखाई देता है उससे कई गुना वह सूक्ष्म है जिससे इस स्थूल जगत् का निर्माण हुआ है। जिस प्रकार ऊर्जा ही पदार्थ का कारण है उसी प्रकार यह सूक्ष्म जगत् ही स्थूल का कारण है। जिस प्रकार समुद्र में तैरते हुए हिमखण्ड का 9/10 भाग पानी के भीतर रहता है उसी प्रकार इस स्थूल जगत् का भूत बड़ा भाग सूक्ष्म रूप में है जो स्थूल आखों में नहीं दिखाई देता। इसके लिए दिव्य दृष्टि आवश्यक है जो कुछ ही मनीषियों ने प्राप्त की है इसलिए उनके वर्णन को प्रामाणिक माना जाता रहा है।
इस सम्पूर्ण जड़-चेतनात्मक जगत् का ज्ञान ही अध्यात्म का विषय है जबकि विज्ञान केवल स्थूल जगत् के रहस्यों का उद्घाटन करता है। इन दोनों के दो भिन्न क्षेत्र हैं। अध्यात्म का सम्बन्ध चेतना से है तथा विज्ञान का पदार्थ से। इसलिए इन दोनों की न कोई समता है न विरोध। अध्यात्मवादी सत्य को प्रकट करता है एवं वैज्ञानिक परीक्षण द्वारा सत्य की खोज करता है। एक ने जाना है व दूसरा जानने की प्रक्रिया से गुजर रहा है। किन्तु अध्यात्म में अन्धविश्वास की सम्भावनाएँ अधिक हैं एवं विज्ञान की एक सीमा है जिसके आगे उसकी गति नहीं है। इसलिए जीवन में श्रेष्ठता लाने के लिए दोनों की ही आवश्यकता है।
मृत्यु जीवन का एक शाश्वत सत्य है जिसकी उपेक्षा नहीं की जा सकती किन्तु इसे सुखद बनाया जा सकता है जिससे भावी जीवन अधिक उन्नत एवं समृद्ध बन सके, यह मनुष्य के हाथ में है। विभिन्न लोकों की जानकारी किस प्रकार प्राप्त की जाती है? आदि अनेक जटिल प्रश्नों की जानकारी इस पुस्तिका में दी गयी है। साथ ही सृष्टि रचना, ईश्वर जीवात्मा एवं शरीर का स्वरूप एवं परस्पर सम्बन्ध, जीवात्मा का क्रमिक विकास अता परलोक यात्रा आदि विषयों का भी इसमें समावेश करके इसे अधिक उपयोगी बनाया गया है जिससे पाठकगण लाभान्वित हो सकें तथा उनकी कई जिज्ञासाओं का समाधान होकर इसके अनुसार अपनी जीवन प्रणाली में परिवर्तन ला सकें।
Mrityu Aur Parlok-Yatra Book Details:
Book Publisher: Randhir Prakashan
Book Author: Nandlal Dashora
Language: Hindi
Weight: 0.116 gm Approx.
Pages: 142 Pages
Size: “18” x “12” x “1” cm
Edition : 2012
Shipping: Within 4-5 Days in India
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Naveen singh –
Amzing