Chamatkari Rudraksha Book/चमत्कारी रुद्राक्ष पुस्तक
Chamatkari Rudraksha (चमत्कारी रुद्राक्ष पुस्तक) is an important book, the Chamatkari Rudraksha Book is not readily available, this book is written by Baba Aaudharnath Tapaswi Ji, this Chamatkari Rudraksha Book has been published by Randhir Prakashan, Haridwar in 2016, in this book there are 134 Pages.
Chamatkari Rudraksha Book Content list:
According to the content list in the Chamatkari Rudraksha Book following matters are discussed in the book. Rudraksh Mahatya, the origin of Rudraksha, the differences of Rudraksh, the species of Rudraksha, the names of the fourteen types of Rudraksh and their glory, the identity of the superior Rudraksh, the symptoms of inferior Rudraksha, the importance of Rudraksha, the importance of Rudraksh Needless to do, Rudraksha holds the right, Rudraksha holding method, Holding Rudraksh without energizing prohibition, The description of Rudraksh from the main distinction, the mantra of the 14th fsces Rudrakshs, The magnitude of Rudraksh’s Mantra, the creation of Rudraksh hoopla, the garland decision, the law of chanting, Mala sanskar method, described by the sadhus saints Holding method, How many donations should be taken, the signs and valor of Rudraksh Japamal, the whole tantric method of Rudraksha holding, Rudraksh has explained as the product of agriculture, which is the most important of the miraculous Rudraksh book.
Chamatkari Rudraksha Book Benefits:
- Reading the Chamatkari Rudraksha Book book gives important information of Rudraksha.
- Read the Chamatkari Rudraksha Book and discover about Rudraksh’s glory and experimentation.
Chamatkari Rudraksha Book Description:
In today’s era, many concepts in Rudraksh are popular among all the classes. Rudraksh beads are also sold at religious places. Seeing this, the curator has the curiosity to get proper information about Rudraksh in his mind, but seeing the lack of authentic book, which shows proper guidance by saving all the misconceptions about Rudraksha, the legendary Rudraksh philosopher, Hon’ble Baba, Aadharnath Tapashe ji Vibeshwar Samhita, Goddess Bhagwat Puran, Skanda Purana, Padmuparan and Yogasar etc. have collected rituals from great texts and performed rudraksha lovers. The highly secretive Tantric method of wearing Rudraksha is also given in this book.
Since this book is not readily available in the market, the team of Astro Mantra could collect few books which are being sold through our website.
चमत्कारी रुद्राक्ष पुस्तक/Chamatkari Rudraksha Book
चमत्कारी रुद्राक्ष एक महत्वपूर्ण पुस्तक है, चमत्कारी रुद्राक्ष पुस्तक/Chamatkari Rudraksha Book आसानी से उपलब्ध नही होती, यह पुस्तक बाबा औढरनाथ तपस्वी जी के द्वारा लिखी हुई है, इस चमत्कारी रुद्राक्ष पुस्तक को रणधीर प्रकाशन, हरिद्वार, ने सन् 2016 में प्रकाशित किया है, इस पुस्तक में 134 पृष्ठ(पेज) है।
चमत्कारी रुद्राक्ष पुस्तक की विषय सूचि:
चमत्कारी रुद्राक्ष पुस्तक/Chamatkari Rudraksha Book में विषय सूचि अनुसार- रुद्राक्ष महात्म्य, रुद्राक्ष की उत्पत्ति, रुद्राक्ष के भेद, रुद्राक्ष की जातियां, रुद्राक्ष के चौदह प्रकार के नाम और उनकी महिमा, श्रेष्ठ रुद्राक्ष की पहचान, हीन रुद्राक्ष के लक्षण, रुद्राक्ष के गुण महत्वता, रुद्राक्ष धारण करने की आवश्यककता, रुद्राक्ष धारण करने का अधिकार, रुद्राक्ष धारण विधि, मन्त्र के बिना अभिमंत्रित किये रुद्राक्ष का धारण निषेध, मुख भेद से रुद्राक्ष का वर्णन, एक मुखी से चौदह मुखी रुद्राक्षों को मन्त्रों से अभिमंत्रित करने के मन्त्र, रुद्राक्ष की माला का परिमाण, रुद्राक्ष की जपमाला का निर्माण, माला निर्णय, जप करने का विधान, माला संस्कार विधि, साधु संतों द्वारा वर्णित धारण विधि, कितने दानों की माला किस अंग पर धारण करें, रुद्राक्ष जपमाला के लक्षण और महात्म्य, रुद्राक्ष धारण की सम्पूर्ण तांत्रिक विधि, रुद्राक्ष की पैदावार के बारे में विस्तार रूप से बताया गया है, जोकि चमत्कारी रुद्राक्ष पुस्तक/Chamatkari Rudraksha Book के महत्वपूर्ण अंग है।
चमत्कारी रुद्राक्ष पुस्तक के लाभ:
- चमत्कारी रुद्राक्ष पुस्तक को पढ़ने से रुद्राक्ष की महत्वपूर्ण जानकारी मिलती है।
- चमत्कारी रुद्राक्ष पुस्तक को पढ़कर रुद्राक्ष की महिमा और प्रयोग के बारे में पता चलता है।
चमत्कारी रुद्राक्ष पुस्तक का विवरण:
आज कल के युग में सभी वर्गो में रुद्राक्ष के विषय में अनेकानेक धारणाएं प्रचलित है। धार्मिक स्थानों पर रुद्राक्ष की मालाएं भी खूब बिकती है। यह देखकर क्रेता के मन में रुद्राक्ष के विषय में उचित जानकारी पाने की जिज्ञासा होती है लेकिन रुद्राक्ष के बारे में सभी भ्रांतियों से बचाकर उचित मार्ग दर्शन कराने वाली, प्रमाणिक पुस्तक का अभाव देखकर रुद्राक्ष के पौराणिक अध्येता माननीय बाबा औढरनाथ तपस्वी जी ने इस संदर्भ में विद्येश्वर संहिता, देवी भागवत पुराण, स्कन्द पुराण, पदम्पुराण एवं योगसार इत्यादि महान ग्रन्थों से श्लोक एकत्र करके रुद्राक्ष प्रेमियों पर उपकार किया है। रुद्राक्ष धारण करने की अत्यंत गोपनीय तांत्रिक विधि भी इस पुस्तक में दी गई है।
Chamatkari Rudraksha Book Details:
Book Publisher: Randhir Prakashan
Book Author: Baba Audharnath Tapasvi
Language: Hindi
Weight: 160 gm Approx.
Pages: 134 Pages
Size: “21” x “14” x “1” cm
Edition: 2016
Shipping: Within 4-5 Days in India
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