Hindu Riti Riwaj Book/हिन्दु रीती रिवाज पुस्तक: Hindu Riti Riwaj Book is an important book, in which information about indian traditions is hidden.
Hindu Riti Riwaj Book About :
In Hindu religion, special emphasis is placed on the natural life and the welfare of the animal in society. But giving these spiritual words an active form is not the case with everyone’s ability. Unless any motion-method is seen, any emotional and philosophical work remains out of the ordinary imagination. The practice of realizing emotions is done by customs. The custom of ritualism is like spices in the food. Without which life will become dull and faded. It is customary to do any action by way of a system, so that everyone should have a direct impression of the beginning and ending of the activities and no major parts of action should be missed. But when the rituals leave the real goal of the custom and only become pretentious or exit from the time and resources, and then they become a burden of useless. -Hindu Riti Riwaj Book.
Sandhya, Havan and worship are voluntary, personal daily routines. By choosing any place, worshipers can do all or some daily routines in their time, resources and convenience. This daily routine can be done either in concert or at a public place alone or with a family. The routine can be done at the temple, social centre, park or any place. The remarkable thing is that this daily routine is for personal satisfaction so others should not have any inconvenience. The legislation of the individual daily routine is merely a suggestion that can be changed according to convenience. -Hindu Riti Riwaj Book.
हिन्दु रीती रिवाज पुस्तक/Hindu Riti Riwaj Book
हिन्दुओं के रीती रिवाज, यह एक महत्वपूर्ण पुस्तक है, जिसमें रीती रिवाजों के बारे में बताया गया है।
हिन्दु रीती रिवाज पुस्तक के बारे में:
हिन्दू धर्म में प्राकृतिक जीवन तथा समाज में प्राणी मात्र के कल्याण पर विशेष बल दिया जाता है। किन्तु इन भावात्मिक शब्दों को क्रियात्मिक रूप देना हर किसी की योग्यता के बस की बात नहीं। जब तक कोई गति-विधि दिखाई ना पड़े, कोई भी भावनात्मिक तथा दार्शनिक काम जन साधारण की कल्पना से बाहर रहता है। भावनाओं को साकार करने का कार्य रीति रिवाज करते हैं। रीति रिवाजों का अस्तित्व भोजन में मसालों की तरह का है। जिन के बिना जीवन ही नीरस और फीका हो जायेगा। किसी भी क्रिया को निर्धारित प्रणाली से करना ही रीति रिवाज होता है ताकि सभी को क्रिया के आरम्भ होने तथा समाप्त होने का प्रत्यक्ष आभास हो जाये और क्रिया में से कोई भी मुख्य कड़ी छूट ना जाये। किन्तु जब राति रिवाज क्रिया का यथार्थ लक्ष्य छोड़ कर केवल दिखावा बन जाते हैं या समय और साधनों की समर्थ से बाहर निकल जाते हैं तो वह बेकार का बोझ बन जाते हैं। -Hindu Riti Riwaj Book.
संध्या, होम तथा पूजा स्वेच्छिक, व्यक्तिगत दैनिक नित्यक्रम हैं। उपासक किसी भी स्थान को चुन कर अपनी समय, साधनों तथा सुविधानुसार सभी या कुछ दैनिक नित्यक्रमों को कर सकता है। यह दैनिक नित्यक्रम ऐकान्त में या सार्वजनिक स्थल पर अकेले या परिवार के साथ कर सकते हैं। नित्यक्रम मन्दिर, सामाजिक केन्द्र, पार्क या किसी भी मनचाहे स्थान पर किया जा सकता है। उल्लेखनीय बात यह है कि यह दैनिक नित्यक्रम निजि संन्तुष्टि के लिये हैं जिस से दूसरों को असुविधा नहीं होनी चाहिये। व्यक्तिगत दैनिक नित्यक्रम का विधान केवल सुझाव मात्र है जिसे सुविधानुसार बदला जा सकता है। -Hindu Riti Riwaj Book.
Hinduon Ke Riti Riwaj Book Details:
Book Publisher: D. P. B. Publications
Book Author: Bharti Aggarwal
Language: Hindi
Book Pages: 424 Pages Book
Books Size: “22” x “14” cm.
Weight: 502 gm Approx
Shipping: Within 4-5 Days in India
Shop: Books | Yantra | Rosary | Rudraksha | Gemstones | Rings | Kavach | Lucky Charms | Online Puja | Puja Items | Gutika | Pyramids | FengShui | Herbs | View All
Shashank –
osm book, must read, great work for hindu mythology.