Nitya Puja Sandhya Book/नित्य पूजा संध्या पुस्तक : Nitya Puja Paath Hawan Sandhya Book is an important book of Jyotish Shashtra, in which information about astrology is hidden.
Nitya Puja Sandhya Book About :
This world is uncertain. When anything was going to happen anyone cannot know it. The creator knows only when and what to do. But in this uncertainty one thing is certain that whatever has come has to go. That is, whatever is born, there must be a realization of death. Then even after finding this rare human Yoni, if there is no spiritual benefit then all is useless. This is the only way to do Sadhana. If you do not use it even after receiving it, then it is a matter of ultimate misfortune. –Nitya Puja Sandhya Book.
However, in today’s tumult, man is heard saying this all the time that there is no time to stop praying when and how to sing it. Brother worldly work is also done by you – then how does it relieve you? Why there is no excitement in this work? If you do not believe it or not, nothing will spoil anyone by not doing it, you will make your totalitarian fall and then you will curse the time, karma and God for it. -Nitya Puja Sandhya Book.
Darkness: Bring the “light”, the darkness will destroy automatically. “Devotional Sutra: Do not do evil even with worse, otherwise what happened between you and him? It is absolutely true that he will do it. All the heads bow before power “power”. Power is also needed to convince anyone about the right thing. Lord Buddha says that because of your grief you are yourself, and by giving sorrow to others you will never be able to find happiness. We will not live in this world, the general do not know it and all the strife of those who know it becomes calm. -Nitya Puja Paath Hawan Sandhya Book.
नित्य पूजा संध्या पुस्तक/Nitya Puja Paath Hawan Sandhya Book
नित्य पूजा पाठ हवन संध्या, यह एक महत्वपूर्ण पुस्तक है, जिसमें ज्योतिष शास्त्र के बारे में जानकारी दी गई है।
नित्य पूजा संध्या पुस्तक के बारे में..
यह संसार अनिश्चित है कब क्या होगा किसी को इसका आभास नहीं। यह तो सृष्टिकर्ता ही जानता है कि किस व्यक्ति से कब और क्या करवाना है। पर इस अनिश्चितता में भी एक बात तो निश्चित ही है कि जो आया है उसे जाना ही है। अर्थात जो जन्मा है उसे मृत्यु की प्राप्ति अवश्य ही होनी है। फिर इस दुर्लभ मानव योनि को पाकर भी यदि कुछ आध्यात्मिक लाभ नहीं किया तो सब व्यर्थ ही है। यह तो साधना करने की एक मात्र अवस्था है। इसको प्राप्त करके भी इसका सद उपयोग नहीं किया तो यह परम दुर्भाग्य की बात ही है।
वैसे आज की इस आपा-धापी में मनुष्य हर समय यही कहता हुआ सुना जाता है कि मरने की तो फुर्सत नहीं भजन कब और कैसे हो। भाई सांसारिक कार्य भी तो आप सम्पन्न करते ही है – फिर इसमें शिथिलता कैसे? इस कार्य में उत्साह क्यों नहीं? आप माने या न माने, इसे न करने से किसी का कुछ भी नहीं बिगड़ेगा आप ही अपना सर्वतोन्मुखी पतन कर लेंगे और फिर व्यर्थ ही काल, कर्म और ईश्वर को इसके लिए दोषी ठहराएंगे। अंधकार: “प्रकाश” को ले आओ, अन्धकार आप ही आप नष्ट हो जाएगा। “भक्ति सूत्र: बुरे से भी बुराई न करो, नहीं तो तुम में और उसमें अंतर क्या हुआ? यह बिल्कुल सत्य है जो करेगा वह भरेगा। “शक्ति” शक्ति के आगे सभी सर झुकाते है। किसी को सही बात समझाने के लिए भी सामर्थ्य की आवश्यकता है। भगवान बुद्ध कहते है, कि तुम्हारे दुःख के कारण स्वयं तुम हो, और दूसरे को दुःख देने से तुम कभी सुख न पा सकोगे। हम इस संसार में नहीं रहेंगे, सामान्यजन यह नहीं जानते और जो इसे जानते है उनके सारे कलह शांत हो जाते है। -Nitya Puja Paath Hawan Sandhya Book.
Nitya Puja Paath Hawan Sandhya Book Details:
Book Publisher: D. P. B. Publications
Language: Hindi
Book Pages: 435 Pages Book
Books Size: “21” x “14” cm.
Weight: 464 gm Approx
Shipping: Within 4-5 Days in India
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Anshu –
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