Sarvdev Puja Bhaskar Book/सर्देव पूजा भास्कर पुस्तक : Sarvdev Puja Bhaskar Book is an important book, in which information about puja viddhi is hidden.
Sarvdev Puja Bhaskar Book About:
Virtue accumulation of many births leads to human life. This earth is our workplace. The primacy of karma is in human life. As a human being does such a thing becomes his destiny that is, doing good auspicious deeds leads to a superior fate, and doing evil deeds makes bad fortune. Human beings are born like that. Therefore, karma of previous birth becomes destiny. Therefore, in order to improve the birth of a human, two hours out of 24 hours must be devoted to worship of God. The statement of God is itself, the devotee who recites my worship after rising in Brahma Muhurt in the morning; I give him my memory at the time of his death. -Sarvdev Puja Bhaskar Book.
Pooja, reciting text is a deep and detailed subject, in this book a complete effort has been made to simplify and compress Pooja Bhaskar. Prayer, kirtan, bhajan nijavsh exit and dynasty have been introduced in Pooja Bhaskar, from Ganapati to all the worshipers performing Havan of all deities Aarti etc. -Sarvdev Puja Bhaskar Book.
The subject of ritualism is very intense and this book has been made for the purpose of the Pundits by reciting this deep subject and giving complete worship in this book, Pooja Bhaskar. While performing Puja, many books cannot be done without reading, studying, so the book is presented in a simple way. With the help of this “Pooja Bhaskar” Purohit and the Acharya who will perform the Yajna rituals will be special feature. This is the specialty of this treatise that it is written in the Home Episode according to karmas, the entire Yajna can be performed from this book alone. -Sarvdev Puja Bhaskar Book.
सर्देव पूजा भास्कर पुस्तक/Sarvdev Puja Bhaskar Book
सर्वदेव पूजा भास्कर, यह एक महत्वपूर्ण पुस्तक है, जिसमें पूजा विधि के बारे में बताया गया है।
सर्देव पूजा भास्कर पुस्तक के बारे में:
कई जन्मो के पुण्य संचय मानव जीवन प्राप्त होता है। यह भूलोक हमारी कर्मभूमि है। मानव जीवन में कर्म की प्रधानता है। मानव जैसे कर्म करता है वैसा ही उसका भाग्य बन जाता है, अर्थात् शुभ पुण्य कर्म करने से श्रेष्ठ भाग्य बनता है तथा बुरे कर्म करने से बुरा भाग्य बनता है। मानव जैसा बीज बोता है वैसा ही पैदा होता है। इसलिए पूर्व जन्म का कर्म भाग्य बनता है। इसलिए मानव को अपना जन्म सुधारने के लिए २४ घंटे में से २ घंटे भगवन की पूजा पाठ में अवश्य लगाने चाहिये। स्वंय भगवन का कथन है, जो भक्त प्रातः ब्रह्ममुहुर्त में उठकर मेरी पूजा पाठ करता है मैं उसे मृत्यु के समय अपनी स्मृति प्रदान करता हूँ। -Sarvdev Puja Bhaskar Book.
पूजा पाठ गहन एवं विस्तरित विषय है, इस पुस्तक में पूजा भास्कर को सरल सुगम व संक्ष्पित करने का पूर्ण प्रयास किया गया है। पूजा भास्कर में गणपति से लेकर सभी वेदियों पूजा सविधि सभी देवताओ का हवन, बल्कि तर्पण मार्जन पूजित देवताओ की आरती समेत प्रार्थना, कीर्तन, भजन निजवंश निकास एवं वंश परिचय दिया गया हैं। कर्मकांड का विषय अत्यंत ही गहन है और इस गहन विषय को मथकर इस पुस्तक पूजा भास्कर में सम्पूर्ण पूजन को देकर इस पुस्तक को पण्डित्योपयोगी बनाया गया है। पूजा यज्ञादि करते समय कई पुस्तकों को देखे-पढ़े बिना पूजन यज्ञ कार्य आदि संपन्न नही हो सकते, अतः इस पुस्तक में सरल ढंग से प्रस्तुत किया गया है। इस “पूजा भास्कर” की सहायता से विप्र पुरोहित तथा यज्ञ अनुष्ठान कराने वाले आचार्यो की विशेष सुविधा होंगी इस ग्रन्थ की विशेषता यह है की इसमें होम प्रकरण पर्यंत कर्मानुसार लिखा हुआ है एकमात्र इसी पुस्तक से सम्पूर्ण यज्ञ संपादित किया जा सकता है। इस पुस्तक को सरल सुगम अतिसरल विधि से, पूजा क्रमानुसार लिखने का प्रयास किया गया है पूजा भास्कर के द्वारा साधारण पढ़ा हुआ भी ब्राहमण भी यज्ञ के कार्य कर सकता है। -Sarvdev Puja Bhaskar Book.
Sarvdev Puja Bhaskar Book Details:
Book Publisher: D. P. B. Publications
Book Author: Pt. Lakshminarayan Shastri
Language: Hindi
Weight: 0.386 gm Approx.
Pages: 327 Pages
Size: “22” x “14” x “2” cm
Shipping: Within 4-5 Days in India
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Lovely –
bhagwan ki puja kaise karen sab kuch is pustk me dia gya hai