Satyanarayan Vrat Katha Book/सत्यानारायण व्रत कथा पुस्तक : This Book is an important book, in which information about satyanarayan vrat katha is hidden.
Satyanarayan Vrat Katha Book About :
Worshipping the truth is the worship of Satyanarayan as Satya as Narayan. The second meaning is that only Narayana is the only truth in the world, the rest is Maya. In the truth, the entire world has come. With the help of truth, the rest of the gods are holding the earth.- Satyanarayan Vrat Katha Pushtak.
In different chapters of the legend, through short stories, it is told through the stories that what kind of problems arises when it does not follow the truth. Therefore, the practice of truth-fast in life should be done with complete fidelity and strength. If not doing so, the Lord will not only get angry, but also deprives the property of punishment and the happiness of brothers and sisters. In this sense, this story is a popular and universal religious literature of truth in the public. Often the full moon is read in the family of this legend. On other festivals, this story has been instructed to do with the law.
सत्यानारायण व्रत कथा पुस्तक/Satyanarayan Vrat Katha Book
सत्यानारायण व्रत कथा, यह एक महत्वपूर्ण पुस्तक है, जिसमें सत्यानारायण व्रत कथा के बारे में बताया गया है।
सत्यानारायण व्रत कथा पुस्तक के बारे में..
सत्य को नारायण के रूप में पूजना ही सत्यनारायण की पूजा है। इसका दूसरा अर्थ यह है कि संसार में एकमात्र नारायण ही सत्य हैं, बाकि सब माया है। सत्य में ही सारा जगत समाया हुआ है। सत्य के सहारे ही शेष भगवान पृथ्वी को धारण करते हैं। व्रत कथा के अलग-अलग अध्यायों में छोटी कहानियों के माध्यम से बताया गया है कि सत्य का पालन न करने पर किस तरह की परेशानियां आती है। इसलिए जीवन में सत्य व्रत का पालन पूरी निष्ठा और सुदृढ़ता के साथ करना चाहिए। ऐसा न करने पर भगवान न केवल नाराज होते हैं अपितु दंड स्वरूप संपति और बंधु बांधवों के सुख से वंचित भी कर देते हैं। इस अर्थ में यह कथा लोक में सच्चाई की प्रतिष्ठा का लोकप्रिय और सर्वमान्य धार्मिक साहित्य हैं। अक्सर पूर्णमासी को इस कथा का परिवार में वाचन किया जाता है। अन्य पर्वों पर भी इस कथा को विधि विधान से करने का निर्देश दिया गया है।
Satyanarayan Vrat Katha Book Details:
Book Publisher: Randhir Prakashan
Language: Hindi
Weight: 0.058 gm Approx.
Pages: 48 Pages
Size: “22” x “14” x “0.5” cm
Shipping: Within 4-5 Days in India
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