Shilanyas Paddhati Book
Shilanyas Paddhati Book (शिलान्यास पद्धति पुस्तक): Foundation worship In building a new house, the foundation is worshipped first. According to the scriptures, the house owner should worship Naag-Kachhap etc. in the foundation and add at least 5 bricks himself, only then the mason-labourer-mason should do the further joining.
According to the Vastu methods available for Grihaarambh, it is difficult to perform the rites, because according to the methods. There is a provision to wash the bricks with the water of such things as sea water, holy water-gold water-silver water, Sarvoshadhi-Vrishashringodak-Phalakrisht-Mridudak etc. Which is difficult to collect in the household normally. Generally, nowadays, after worshipping Panchdev, brick worship-Bhumi Pujan-Naag-Kachhap etc. is done and the work of laying the foundation (Grihaarambh) is started.
In this book, an attempt has been made to write this popular method in an easy form. The effort is to ensure that no essential topic is left out and all the methods are integrated. There is no dearth of methods for starting a house, but for ordinary priests these methods are a maze of confusion. This book has been prepared with the view to come out of this maze of confusion and to enable even an ordinary priest to perform the foundation puja without asking anyone or without any hindrance.
Shilanyas Paddhati Book Publications:
This important book of Shastri Publications is written by Shridhar Shastri. This book is of 40 pages. We believe that these methods of this book will prove useful.
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शिलान्यास पद्धति पुस्तक
नीव पूजन नया घर बनवाने में सर्वप्रथम नींव की पूजा होती है। शास्त्र के अनुसार मकान मालिक नींव में नाग-कच्छप आदि की पूजा करके पहले स्वयं कम से कम ५ ईंटा जोड़ दे, तब उसके बाद मिस्त्री-मजदूर-राजगीर को आगे की जुड़ाई करनी चाहिये। गृहारम्भ विषयक जो वास्तुपद्धतियां उपलब्ध हैं, उनके अनुसार संस्कार कराना कठिन है, क्योंकि पद्धतियों के अनुसार समुद्र का जल, तीर्थजल-सुवर्णजल-रजतजल, सर्वोषधि-वृषशृङ्गोदक-फालकृष्ट- मृदुदक आदि ऐसी-ऐसी वस्तुओं के जल से ईटा धोने का प्राविधान है, जो सामान्यतः गृहस्थी में एकत्र कर सकना कठिन है।
सामान्यतः आजकल पंचदेव पूजन करके ईंटा की पूजा-भूमिपूजन-नाग-कच्छप आदि की पूजा की जाती है और नींव देने का काम (गृहारम्भ) जुड़ाई शुरू किया जाता है। इस पुस्तक में इसी प्रचलित विधि को सुगम रूप में लिखने का प्रयास किया गया है। प्रयत्न यही है कि कोई भी आवश्यक विषय छूटे नहीं और सभी पद्धतियों का समीकरण भी हो जाय। गृहारम्भ की पद्धतियों की कमी नहीं है, लेकिन साधारण पुरोहितों के लिए ये पद्धतियाँ भ्रमजाल हैं। इसी भ्रमजाल से निकलने तथा बिना किसी से पूछे या बिना किसी अटकाव के एक सामान्य पुरोहित भी नींव की पूजा करा ले- इसी दृष्टिकोण से यह पुस्तक तैयार की गई है।
शिलान्यास पद्धति पुस्तक प्रकाशन:
शास्त्री प्रकाशन की यह महत्वपूर्ण पुस्तक जो श्रीधर शास्त्री के द्वारा रचित हैं। यह पुस्तक 40 पृष्ठ की है। विश्वास है, इस पुस्तक की ये पद्धतियां उपयोगी सिद्ध होंगी।
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शिलान्यास पद्धति पुस्तक में दी गई सारी जानकारी सटीक व प्रमाणिक हैं। जो भी व्यक्ति इस पुस्तक का लाभ उठाना चाहते है, वह इस पुस्तक को हमारे एस्ट्रो मंत्रा ऑनलाइन शॉप से शीघ्र ही ऑनलाइन मंगवा सकते है।
Shilanyas Paddhati Book Details:
Book Prakashan: Shastri Prakashan
Book Author: Shridhar Shastri
Language: Hindi, Sanskrit
Weight: 28 gm Approx.
Pages: 40 Pages
Size: “12” x “17.5” x “0.5” cm
Edition: 2024
Shipping: Within 4-5 Days in India
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