Aatmagyan Ki Sadhana Book (आत्मज्ञान की साधना पुस्तक): It is an important book, Atmagyan Ki Sadhana Book is not easily available. This book is written by Nandlal Dasora Ji, this book of Aatmagyan Ki Sadhana Book is published in 2011 by Randhir Publication, Haridwar. There are 142 pages in this book.
Aatmagyan Ki Sadhana Book Content list:
This book containing the following matters in an easy language for the convenience of the readers. The matters are What is knowledge? the method of enlightenment, spirituality and religion, the fundamental elements of Sanatana Dharma, preparation for eligibility, renunciation, lust renunciation, cultivation of karma. Purushartha is the only method, sin virtue, Grahastha Dharma, creation plan, truth promise, Bliss renunciation, divine compassion, the path of truth, the four pillars of spirituality, the method of karma, worship and yoga. Spiritual practice – three gurus, you are not a body but a soul, restraint practice, four means, meditation practice, proven A. Unknown people, debt relief, realization of the realms is explained in detail. Which is an important part of the book of Aatmagyan Ki Sadhana Book for spiritual knowledge.
Aatmagyan Ki Sadhana Book Description:
The path of enlightenment is the path of effort and there is a limit to effort where it ends. The final achievement is in the form of Prasad. Which has to be patiently await. It is not the way for those who are interested in enjoyments and whose consciousness has not yet develop. But readers can become aware of this knowledge and can move their life forward in this development process.
There is sorrow in life, it is a reality, but there is also a way to recover grief. It will not be retire from leaving the world and going to the forest and taking renunciation because the reason is not the world. It is a matter of spirituality to discover the reasons for this and to tell us the remedy of retirement of grief. The sorrows will not be retired through the propagation and development of science. Not even by the logic of intelligence, there will be no enjoyment either, not only through renunciation. But because of this, it increases and because the cause of sorrow is within the person and not outside.
Aatmagyan Ki Sadhana Book Benefits:
By reading the Aatmagyan Ki Sadhana Book you will get important information about the reality of life.
You can learn about enlightenment by reading the Aatmagyan Ki Sadhana Book.
आत्मज्ञान की साधना पुस्तक/Aatmagyan Ki Sadhana Book
यह एक महत्वपूर्ण पुस्तक है, आत्मज्ञान की साधना पुस्तक आसानी से उपलब्ध नहीं होती, यह पुस्तक नन्दलाल दशोरा जी के द्वारा लिखी हुई है, इस आत्मज्ञान की साधना पुस्तक को रणधीर प्रकाशन, हरिद्वार, ने 2011 में प्रकाशित किया है, इस पुस्तक में 142 पृष्ठ(पेज) है।
आत्मज्ञान की साधना पुस्तक की विषय सूचि:
इस पुस्तक में विषय सूचि अनुसार– ज्ञान क्या है?, आत्मज्ञान की विधि, अध्यात्म और धर्म, सनातन धर्म के मूल तत्व, पात्रता की तैयारी, वैराग्य भावना, वासना त्याग, कर्म की साधना, पुरुषार्थ ही विधि है, पाप पुण्य, ग्रहस्थ धर्म, सृष्टि योजना, सत्य वचन, परनिंदा त्याग, दैवी अनुकम्पा, सत्य का मार्ग, अध्यात्म के चार स्तम्भ, कर्म की विधि, उपासना और योग, साधनावस्था- तीन गुरु, तू शरीर नहीं आत्मा है, संयम साधना, चार साधन, ध्यान साधना, सिद्ध लोक, अज्ञात लोक, ऋण मुक्ति, लोकों की अनुभूति के बारे में विस्तार रूप से बताया गया है, जोकि आत्मज्ञान की साधना पुस्तक के महत्वपूर्ण अंग है।
आत्मज्ञान की साधना पुस्तक का विवरण:
आत्मज्ञान का मार्ग पुरुषार्थ का मार्ग है और पुरुषार्थ की एक सीमा है जहां इसकी समाप्ति हो जाती है। अंतिम उपलब्धि प्रसाद रूप में ही होती है जिसकी धैर्यपूर्वक प्रतीक्षा करनी पड़ती है। जिनकी भोगों में रूचि है तथा जिनकी चेतना का अभी विकास नहीं हुआ है उनके लिए यह मार्ग नहीं है; लेकिन पाठक इस ज्ञान के आलोक से अवगत होकर अपने जीवन को इस विकास प्रक्रिया में आगे बढा सकें,
जीवन में दुःख है, यह एक वास्तविकता है किन्तु दुःख की निवृत्ति का उपाय भी है। इसकी निवृत्ति संसार छोड़ देने तथा जंगल में जाने एवं सन्यास लेने से नहीं होगी क्योंकि इसका कारण संसार नहीं है। इनके कारणों की खोज करना तथा दुःख की निवृत्ति का उपाय बताना ही अध्यात्म का विषय है। दुखो की निवृत्ति विज्ञान के प्रचार प्रसार एवं विकास से नहीं होगी, बुद्धि के तर्क से भी नहीं होगी, भोग प्राप्ति से भी नहीं होगी, न त्याग से ही होगी बल्कि इससे और इनमें वृद्धि हो जाती है क्योंकि दुखो का कारण बाहर नहीं व्यक्ति के भीतर है।
आत्मज्ञान की साधना पुस्तक के लाभ:
इस पुस्तक को पढ़ने से आपको जीवन की वास्तविकता के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त होगी।
आत्मज्ञान की साधना पुस्तक को पढ़कर आप आत्मज्ञान के बारे में जान सकते हो।
Aatmagyan Ki Sadhana Book Details:
Book Publisher: Randhir Prakashan
Book Author: Nandlal Dashora
Language: Hindi
Weight: 0.131 gm Approx.
Pages: 142 Pages
Size: “18” x “12” x “1” cm
Edition: 2011
Shipping: Within 4-5 Days in India
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