Kabirsagar Book (कबीरसागर पुस्तक) It is an important book, Kabirsagar Book is not easily available, this book is written by Swami Yugalananda Bihari Ji, this Kabirasagar book has been published by Shri Khemraj Srikrishna Das Prakashan, Bombay, in 2016, there are 164 Pages in this book.
Kabirsagar Book Content list:
According to the subject matter in the Kabirsagar Book – Sadguruastuti, Sadguru stuti Panchashlok, Grantharambha Mangalacharan, Gurudev is complete, who is the officer? Can not find anything without love, symptoms of beloved, Examples of anchor, Illustrations of kites. Who can save the symptoms of idolatry, who can give you relief from untimely death?, What does a Sadguru do? Who can reach the unchallenged country, the rarity of the officer, who is the deceased ?, in the illustration of the deceased, how is the obtaining of Bhrigimitra? Has been explained in details. Which is an important part of the Kabirsagar Book.
Kabirsagar Book Description:
This book has the details of Sadguru Stuti and its effects. Beginning of Anuragsagar, parables of earth, parables of fire bird, Cupid’s loot, to know about the Nirakar by studying the Brahma Veda. Kabir Vachan, third churning of sea and many other matters on life and philosophy. Besides the above it has many hymns and verses which tells the causes of evocation of god and its processes by which attainment could be achieved.
Various composers and writers has written about the Anurags agar, and theosophy of Kabir but Swami Yugalanand Bihari ji has taken the truth from their creation and with his own wisdom he compose this Kabirsagar which not only says the truth but also the practicality in life to attain the wisdom. Since this book is not easily available in the market, we have collected it from our various sources to serve our values customers promptly. So to get the book please visit the website Astro Mantra and collect the other information.
Kabirsagar Book Benefits:
Reading Kabirsagar Book gives information about Kabir philosophy.
By reading the book of Kabirsagar, you can understand the secret of life.
You can learn the treatment of incidents in your life from the Kabirsagar book.
कबीरसागर पुस्तक/Kabirsagar Book
यह कबीरसागर एक महत्वपूर्ण पुस्तक है, कबीरसागर पुस्तक आसानी से उपलब्ध नहीं होती, यह पुस्तक स्वामी युगलानन्द बिहारी जी के द्वारा लिखी हुई है, इस कबीरसागर पुस्तक को श्री खेमराज श्रीकृष्णदास प्रकाशन, बम्बई, ने सन 2016 में प्रकाशित किया है, इस पुस्तक में 164 पृष्ठ(पेज) है।
कबीरसागर पुस्तक की विषय सूचि:
इस पुस्तक में विषय सूचि अनुसार – सद्गुरुस्तुति, सद्गुरुस्तुति पंचश्लोक, ग्रन्थारम्भ मंगलाचरण, गुरुदेव पूर्ण है, अधिकारी कौन है?, बिना अनुराग वस्तु को पा नहीं सकते, अनुरागी के लक्षण विषय प्रश्न, अनुरागी के दृष्टांत, पतंग का दृष्टांत, सती का दृष्टांत, तत्वानुरागी के लक्षण, काल से कौन छुड़ा सकता है?, सद्गुरु क्या करता है?, अविचल देश को कौन पहुँच सकता है, अधिकारी की दुर्लभता, मृतक किसे कहते है?, मृतक के दृष्टांत, भृंगीमात्र की प्राप्ति कैसे होती है? के बारे में विस्तार रूप से बताया गया है, जोकि कबीरसागर पुस्तक के महत्वपूर्ण अंग है।
कबीरसागर पुस्तक (Kabirsagar Book) विवरण:
13 प्रतियों को देखने का अवसर मिलने से मुझे ज्ञान हो गया कि, उन तेरह प्रतियों में परस्पर बहुत ही विभिन्नता है। इससे मैं शुद्ध और पुरानी से पुरानी प्रति को खोजने में लग गया। जिसका ब्योरा इस प्रकार है – 1 प्रति जो सबसे पुरानी है, प्रमोद गुरु बालापीर साहब के समय की लिखी हुई जान पड़ती है, क्योंकि ‘वंशावली लिखते हुए लिखने वाले ने उस समय तक के वंशों का नाम लिखा है जो समय भी उन्हीं का था। 2 प्रतियाँ कमलनाम साहब के समय की लिखी है, इसके अतिरिक्त 8 प्रतियाँ और भी संख्या 1860 से लेकर 1930 तक की लिखी हुई मुझे अपने पिता श्री जी के पुस्तकालय से प्राप्त हुई थीं।
3 प्रति अमोलनाम साहब के समय की लिखी है, जो गया जिले के किसी संत की लिखी हुई है। 4 प्रति सुरतस ने ही नाम साहब के समय की लिखी है जो ख़ास सिधौंडी में बैठकर लिखी गई है, जो ख़ास मुकाम सहरांव पो. कांथा जि. उन्नाव के कबीर पंथी सेवक आसादीन तम्बोली से मिली थी, जिसके वंश में कई पीढ़ी तक महन्ती चली आयी थी। 5 प्रतियाँ पाकनाम साहब के समय की लिखी हुई है।
कबीरसागर पुस्तक के लाभ:
कबीरसागर पुस्तक को पढ़ने से कबीर सार की जानकरी मिलती है।
इस पुस्तक को पढ़कर आप जीवन के रहस्य को समझ सकते है।
कबीरसागर पुस्तक से आप अपने जीवन में होने वाली घटनाओं के उपचार को जान सकते है।
Kabirsagar Book Details:
Book Publisher: Khemraj Prakashan
Book Author: Swami Yugal Ananda Bihari Ji
Language: Hindi
Weight: 0.190 gm Approx.
Pages: 164 Pages
Size: “18” x “12” x “1” cm
Shipping: Within 4-5 Days in India
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