Kartik Maas Mein-Tulsi-Gaur-Ganesh Ka Pujan Book
Kartik Maas Mein-Tulsi-Gaur-Ganesh Ka Pujan Book (कार्तिक मास में-तुलसी-गौर-गणेश का पूजन पुस्तक): Experience the magic and spirituality of the month of Kartik with this informative book on the importance of performing Tulsi, Gauri and Ganesh Puja rituals during this holy month. Dive deep into the traditions and beliefs associated with these sacred practices and learn how they can have a profound impact on your spiritual journey. Discover the beauty of devotion and the power of connecting with these divine entities in the Puja of Tulsi – Gauri – Ganesh in the month of Kartik.
Women often fill up a room in the month of Kartik. This word Kotha is a corrupted word for kotha. Koshtak means food. 36 rooms are made in it. Rice is soaked and ground to make Aipan. With this Aipan, a square of 36 rooms is drawn in the courtyard, which is called koshtak. In front of this koshtak, place a Gauri-Ganesh and Tulsi pot facing west. After worshipping Gauri-Ganesh, Tulsi etc., the items kept in the room are donated.
Kartik Maas Mein-Tulsi-Gaur-Ganesh Ka Pujan Book Publication:
This important book of Shastri Prakashan is written by Shridhar Shastri. This book is of 18 pages. The method of filling the chamber is given in this book.
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कार्तिक मास में-तुलसी-गौर-गणेश का पूजन पुस्तक
इस पवित्र महीने के दौरान तुलसी, गौर और गणेश की पूजा अनुष्ठान करने के महत्व पर इस ज्ञानवर्धक पुस्तक के साथ कार्तिक मास के जादू और आध्यात्मिकता का अनुभव करें। इन पवित्र प्रथाओं से जुड़ी परंपराओं और मान्यताओं में गहराई से उतरें और जानें कि आपकी आध्यात्मिक यात्रा पर इनका क्या गहरा प्रभाव हो सकता है। कार्तिक मास में – तुलसी – गौर – गणेश का पूजन में भक्ति की सुंदरता और इन दिव्य संस्थाओं से जुड़ने की शक्ति की खोज करें।
प्रायः स्त्रियाँ कार्तिक माह में कोठा भरा करती हैं । यह कोठा शब्द कोष्ठक का अपभ्रंश शब्द है। कोष्ठक का अर्थ है – खाना। इसमें 36 खाना बनता है। चावल भिगोकर पीसकर ऐपन बना लिया जाता है। इसी ऐपन से आँगन में चौकोर 36 खाना खींच लिया जाता है, जिसे कोष्ठक कहते हैं। इस कोष्ठक के आगे पश्चिम की ओर गौर-गणेश तथा तुलसी का गमला रख दें। गौर-गणेश, तुलसी आदि की पूजा करने के बाद कोष्ठक में रखी वस्तुओं का दान किया जाता है।
कार्तिक मास में-तुलसी-गौर-गणेश का पूजन पुस्तक प्रकाशन:
शास्त्री प्रकाशन की यह महत्वपूर्ण पुस्तक जो श्रीधर शास्त्री द्वारा रचित हैं। यह पुस्तक 18 पृष्ठ की है। इस पुस्तक में कोठा भरने की पद्धति दी गयी है।
कार्तिक मास में-तुलसी-गौर-गणेश का पूजन पुस्तक कहाँ से खरीदे?
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Kartik Maas Mein-Tulsi-Gaur-Ganesh Ka Pujan Book Details:
Book Prakashan: Shastri Prakashan
Book Author: Shridhar Shastri
Language: Hindi, Sanskrit
Weight: 13 gm Approx.
Pages: 18 Pages
Size: “11.5” x “17” x “0.3” cm
Edition: 2020
Shipping: Within 4-5 Days in India
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