Shri Durga Saptashati Book
Shri Durga Saptashati Book (श्री दुर्गा सप्तशती पुस्तक): Reciting the thirteen chapters of Saptashati with devotion is called the Aishwarya method or sequence. This sequence is sufficient for the devotees of the mother who have unwavering faith in the words of Mother Jagadamba. There is no need for any other Stotra, Mantra, Utkeelan etc.
In this, just reciting the 13 chapters is sufficient. This provides prosperity. Those who recite in this sequence do not need any kind of initiation. Only the practice of correct pronunciation and knowledge of meaning is necessary. There is no need for any special procedure.
The recitation can be done by performing subtle worship. It is belief that if the devotee recites Shri Durga Saptashati with complete dedication. Then the grace of the mother always remains on him. The recitation of Durga Saptashati is completely dedicated to Mother Durga.
Shri Durga Saptashati Book Publication:
This is an important book of Randhir Publication, whose Editor is Pt. Pashupatinath Sharma Jugdan. Shri Durga Saptashati book has 752 pages. By reciting Durga Saptashati, all the troubles of the devotees come to an end. Happiness comes in the family and Maa Durga always resides in the house.
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श्री दुर्गा सप्तशती पुस्तक
सप्तशती के तेरह अध्यायों का श्रद्धापूर्वक पाठ करना ही ऐश्वर्य पद्धति या क्रम कहलाता है। माँ जगदम्बा के वचनों में अटूट श्रद्धा रखने वाले माँ के भक्तों के लिए यह क्रम ही पर्याप्त है। इसमें अन्य किसी स्तोत्र, मन्त्र, उत्कीलन आदि की आवश्यकता नहीं है। 13 अध्यायों का पाठ ही मात्र पर्याप्त है। यह ऐश्वर्य प्रदान करने वाला है। इस क्रम से पाठ करने वालों को किसी प्रकार की दीक्षा की आवश्यकता नहीं है।
शुद्ध उच्चारण का अभ्यास एवं अर्थज्ञान मात्र आवश्यक है। किसी विशेष विधि विधान की आवश्यकता नहीं है। सूक्ष्म पूजन कर पाठ किया जा सकता है। मान्यता है कि अगर साधक पूरे समर्पण के साथ श्री दुर्गा सप्तशती का पाठ करते हैं, तो उनके ऊपर मां की कृपा सदैव बनी रहती है। दुर्गा सप्तशती का पाठ मां दुर्गा को पूरी तरह से समर्पित है।
श्री दुर्गा सप्तशती पुस्तक प्रकाशन:
रणधीर प्रकाशन की यह महत्वपूर्ण पुस्तक जिसके संपादक पं. पशुपतिनाथ शर्मा जुगडाण हैं। श्री दुर्गा सप्तशती पुस्तक 752 पृष्ठ की हैं। दुर्गा सप्तशती का पाठ करने से साधको के सभी कष्टों का अंत होता है। परिवार में खुशहाली आती है और घर में सदैव माँ दुर्गा का वास होता है।
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Shri Durga Saptashati Book Details:
Book Publisher: Randhir Prakashan
Book Author: Pt. Pashupatinath Sharma Jugdan
Language: Sanskrit
Weight: 194 gm Approx.
Pages: 752 Pages
Size: “21.5” x “14” x “1” cm
ISBN No: 978-93-91939-84-7
Shipping: Within 4-5 Days in India
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