Baglamukhi Brahmastra Vidya Book/बगलामुखी ब्रह्मास्त्र विद्या पुस्तक : Baglamukhi Brahmastra Vidya Book is an important book, in which information about tantra shastra is hidden.
Baglamukhi Brahmastra Vidya Book About :
From the time of creation, laughing, crying, desires and obstacles in their fulfillment are challenging for humans. If you want to get some money, then you are worried about getting respect. If someone wants love, then in vain, it is burning in the fire of envy. Someone has been searching for his fulfillment in the enjoyment, and then he has been in search of salvation. Traditions of worshiping ten Mahavidyas are old enough to meet different wishes- Kali, Tara, Chinnamasta, Shodhashi, Matangi, Tripura Bhairavi, Bhuvaneshwari, Bagalamukhi, Kamala and Dhumavati worship are ancient tradition of India.- Baglamukhi Brahmastra Vidya Pushtak.
In the ten Mahavidya, the name of the Bagalamukhi is to topple the enemy, destroy the enemy. The second name of this goddess is Pitambara. This Vidya is called Brahmastra Vidya. This was the Brahmastra of ancient India which was capable of destroying the whole world in a moment. Even today, the use of this technique is done by the sadhak to make a stillness of the enemy. This is the same science that Meghnad did in Ashok Vatika on Sri Hanuman. -Baglamukhi Brahmastra Vidya Book.
बगलामुखी ब्रह्मास्त्र विद्या पुस्तक/Baglamukhi Brahmastra Vidya Book
बगलामुखी ब्रह्मास्त्र विद्या, यह एक महत्वपूर्ण पुस्तक है, जिसमें तन्त्र शास्त्र के बारे में बताया गया है।
बगलामुखी ब्रह्मास्त्र विद्या पुस्तक के बारे में..
सृष्टि के आदि काल से ही हंसना, रोना, इच्छायें और उनकी पूर्ती में आने वाली बाधायें मनुष्य के लिये चुनौती रहे हैं। कोई धन पाना चाहता है तो कोई मान-सम्मान पाने के लिये परेशान है। किसी को प्रेम चाहिये तो कोई व्यर्थ में ही ईर्ष्या की अग्नि में झुलसा जा रहा है। कोई भोग में अपनी तृप्ति ढूंढ़ता रहा है तो कोई मोक्ष की तलाश में रहा है। अलग-अलग कामनाओं की पूर्ती के लिये दस महाविद्याओं की साधनाओं की परम्परा काफी पुरानी है-काली, तारा, छिन्नमस्ता, षोडषी, मातंगी, त्रिपुरभैरवी, भुवनेश्वरी, बगलामुखी, कमला और धूमावती की उपासना भारत की पुरानी परम्परा है। इन दस महाविद्याओं में शत्रु का स्तम्भन करने, शत्रु का नाश करने में बगलामुखी का नाम सबसे ऊपर है। इस देवी का दूसरा नाम पीताम्बरा भी है। इसी विद्या को ब्रह्मास्त्र विद्या कहा जाता है। यही है प्राचीन भारत का वह ब्रह्मास्त्र जो पल भर में सारे विश्व को नष्ट करने में सक्षम था। आज भी इस विद्या का प्रयोग साधक शत्रु की गति का स्तम्भन करने के लिये करते हैं। ये वही विद्या है जिसका प्रयोग मेघनाद ने अशोक वाटिका में श्री हनुमान पर किया था। -Baglamukhi Brahmastra Vidya Book.
Baglamukhi Brahmastra Vidya Book Details:
Book Publisher: Randhir Prakashan
Book Author: Pt. Durgaprasad Sharma
Language: Hindi
Weight: 183 gm Approx.
Pages: 376 Pages
Size: “21” x “14” x “1” cm
Edition: 2016
Shipping: Within 4-5 Days in India
Shop: Books | Yantra | Rosary | Rudraksha | Gemstones | Rings | Kavach | Lucky Charms | Online Puja | Puja Items | Gutika | Pyramids | FengShui | Herbs | View All
Chanchal –
बहुत ही महत्वपूर्ण पुस्तक है