Damar Tantra Book
Damar Tantra Book (डामर तंत्र पुस्तक): The practice of tantra has existed throughout the world since ancient times. During the Buddhist era, you can see that this knowledge was widely disseminated not only in India but also in distant countries like China, Tibet, and Sumatra.
It was through this knowledge that the demon teacher, Shankaracharya, obtained the Sanjeevani Vidya. By the power of mantras, Sage Vishwamitra created a new heavenly realm. Furthermore, even the gods used tantra to seek refuge from adverse situations.
It would not be inappropriate to cite a few examples here. When Lord Rama was residing in Chitrakoot during his exile, Bharat reached there to bring him back to Ayodhya. It was not acceptable to the gods. Therefore, the gods cast a spell of confusion on all the residents of Ayodhya present there, resulting in instability in their minds. Goswami Tulsidas described this in his work.
There are countless examples full of clear glimpses of tantric practices. Similarly, during the battle between Rama and Ravana, when Ravana began to see his defeat as certain. He engaged in tantric Sadhana to attain immortality, which Vibhishana conveyed to Rama.
Publisher and writer of the Damar Tantra Book:
The publisher of this book is Chaukhamba Krishnadas Academy, written by Pt. Harihar Prasad Tripathi.
Where to buy the Damar Tantra Book?
The Damar Tantra Book contains accurate and authentic information. However, anyone who wants to take advantage of this book can order it online from our Astro Mantra store.
डामर तंत्र पुस्तक
तन्त्र विद्या का प्रचलन पुरातन काल से सम्पूर्ण विश्व में रहा है ৷ बौद्ध कालीन युग में तो भारत के अतिरिक्त सुदूर देशी चीन, तिब्बत सुमात्रा आदि में भी इसका व्यापक रूप से प्रचार-प्रसार देखने को मिलता है ৷ इसी विद्या के बल पर दैत्यगुरु शुक्राचार्य ने संजीवनी विद्या की प्राप्ति की थी ৷ मंत्र बल के द्वारा ही महर्षि विश्वामित्र ने एक नूतन स्वर्गलोक की रचना कर डाली थी ৷ इतना ही नहीं, बल्कि विषम परिस्थितियों से त्राण पाने के लिए देवगन भी तंत्र विद्द्या के आश्रयण किया करते थे।
इसके कुछ उदाहरण यहाँ उद्धृत कर देना असंगत नहीं होगा ৷ जिस समय अपने वनवास काल में भगवान श्रीराम चित्रकूट पर निवास कर रहे होते हैं उस समय भरत जी उन्हें अयोध्या वापस लाने के लिए पहुंचते हैं। परन्तु यह कार्य देवों को स्वीकार नहीं था। अतः देवताओं ने वहाँ उपस्थित सभी अयोध्यावासियों पर उच्चाटन प्रयोग कर दिया। जिसके फलस्वरूप सभी के मन में अस्थिरता उत्पन्न हो गयी। इसका वर्णन गोस्वामी तुलसीदास जी ने अपने कृति पर किया है ৷ युद्ध में जब रावण को अपन पराजय सुनिश्चित प्रतीत होने लगी तो वह अमरत्व प्राप्ति के लिए तांत्रिक साधना में निरत हो गया, जिसकी सूचना विभीषण ने श्रीराम को दी।
डामर तंत्र पुस्तक के प्रकाशक और लेखक:
चौखम्बा कृष्णदास एकादेमी ने इस पुस्तक को प्रकाशित किया है इसकाऔर लेखक पंडित हरी प्रसाद त्रिपाठी है ।
डामर तंत्र पुस्तक पुस्तक कहाँ से खरीदें?
डामर तंत्र पुस्तक में सटीक और प्रामाणिक जानकारी है। हालाँकि, जो कोई भी इस पुस्तक का लाभ उठाना चाहता है, वह इसे हमारे एस्ट्रो मंत्रा स्टोर से ऑनलाइन मंगवा सकते है।
Damar Tantra Book Details:
Book Prakashan: Chaukhamba Prakashan Books
Book Author: Pt. Harihar Prasad Tripathi
Language: Hindi & Sanskrit
Weight: 100 gm Approx.
Pages: 99 Pages
Size: “21.5” x “13.5” x “0.7” cm
Edition: 2020
ISBN: 978-81-218-0094-3
Shipping: Within 4-5 Days in India
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