Gorakh Tantra Book/गोरख तन्त्र पुस्तक : Gorakh Tantra Book is an important book, in which information about tantra.
Gorakh Tantra Book About:
There is a legend that once Lord Shankar came to Earth with the purpose of traveling with Parvati to Lord Shiva. During the tour, both of them came to a terrible desert. Seeing that there is a mantra in an ascetic cave, and is chanting a mantra equally. Lord Avadhuta was shocked to hear his Mantra chant and looked at Mother Parvati with a compassionate look and said, Sati! It is utterly misinterpretation; consequently it will not get auspicious effect, but will get reversed death. Soft hearted Parvati is the mother of the world, she said, Lord! You are the creator of this mantra power. Why did you make mantra accent and language so complicated? If this death is received, then you will feel the blame.- Gorakh Tantra Book.
Lord Ashutosh heard this argument of Parvati and remained silent. He did not have a satisfactory answer. After a few moments, he said, okay sati! There should be a simpler form of these mantras. Well I will find some ways. Lord Shiva (Gorakh Tantra Book) went to the person camouflaged as an Aghori. He stopped him from uttering unclear pronunciation and told the simple mantra. Thus Bholanath simplified the entire mantra power and gave it to him. In the long run, the ascetic is called ‘Siddha’ or ‘Nath’. It was the first ‘Nath’ of the Nath sect. Since then, the details of nine naths and chaurasi other naths are available in this passage. Mantra adopted by Lord Rudra was adopted by Nath Panthis. Those mantras were identified as ‘Shabar Mantra’. Some people even know them as Kanphate Jogi. Instead of complicated Sanskrit, mantra was made in the language of common speaking tricks, by which the general person can prove his aspiration. – Gorakh Tantra Book.
गोरख तन्त्र पुस्तक/Gorakh Tantra Book
गोरख तन्त्र, यह एक महत्वपूर्ण पुस्तक है, जिसमें तंत्र शास्त्र के बारे में बताया गया है।
गोरख तन्त्र पुस्तक के बारे में..
एक पौराणिक कथा है कि एक बार भगवान शंकर माता पार्वती के साथ भ्रमण के उद्देश्य से पृथ्वी पर आये। भ्रमण के मध्य वह दोनों एक घोर भयानक निर्जन प्रदेश में आये। वहां देखा कि एक तपस्वी गुफा के भीतर मन्त्र साधना में रत है और एक मन्त्र का बराबर जाप कर रहा है। उसका मन्त्र जाप सुनकर भगवान अवधूत चौंक पड़े और करुणा भरी नजर से माता पार्वती की ओर देखा फिर बोले, सती ! यह एकदम अशुद्ध उच्चारण कर रहा है, फलस्वरूप इसका शुभ फल तो मिलेगा नहीं, उल्टे मृत्यु को प्राप्त करेगा। कोमल ह्रदय पार्वती आखिर जगत की माता है वह बोली, नाथ ! इस मन्त्र शक्ति के जन्मदाता तो आप ही है। आपने मन्त्र के उच्चारण और भाषा को इतना क्लिष्ट क्यों बना दिया? अगर यह मृत्यु को प्राप्त हुआ, तो इसका दोष आपको लगेगा। भगवान आशुतोष पार्वती का यह तर्क सुनकर मौन रह गये। उनके पास इसका कोई संतोषजनक उत्तर नहीं था। कुछ क्षण बाद बोले, तुम ठीक ही कहती हो सती! इन मन्त्रों का सरल रूप भी होना चाहिए? अच्छा मैं कुछ उपाय करता हूँ? – Gorakh Tantra Book.
भगवान शिव अघोरी का वेष धरके उसके पास गये। उसे अशुद्ध उच्चारण करने से रोका और सरल मन्त्र बताया। इस प्रकार भोलेनाथ ने सम्पूर्ण मन्त्र शक्ति का सरलीकरण करके उसे दे दिया। कालान्तर में वह तपस्वी ‘सिद्ध’ अथवा ‘नाथ’ कहलाया। नाथ सम्प्रदाय का वह पहला ‘नाथ’ था। तब से इस पन्थ में नौ नाथों का एवं चौरासी अन्य नाथों का विवरण मिलता है। नाथ पंथियों के द्वारा भगवान रूद्र द्वारा उच्चारित मन्त्र अपना लिए गये। उन मन्त्रों को ‘शाबर मन्त्र’ के रूप में पहचाना गया। कुछ लोग इन्हें कनफटे जोगी के रूप में भी जानते है। क्लिष्ट संस्कृत के स्थान पर साधारण बोल चाल की भाषा में मन्त्र बना दिए, जिनका जाप कर सामान्य व्यक्ति भी अपना मनोरथ सिद्ध कर सकता है। – Gorakh Tantra Book.
Gorakh Tantra Book Details:
Book Publisher: Randhir Prakashan
Book Author: Tantrik Behal
Language: Hindi
Weight: 175 gm Approx.
Pages: 192 Pages
Size: “18” x “12” x “1” cm
Edition: 2016
Shipping: Within 4-5 Days in India
Shop: Books | Yantra | Rosary | Rudraksha | Gemstones | Rings | Kavach | Lucky Charms | Online Puja | Puja Items | Gutika | Pyramids | FengShui | Herbs | View All
Reviews
Clear filtersThere are no reviews yet.