Kalika Siddhi Book/कालिका सिद्धि पुस्तक : Kalika Siddhi Book is an important book, in which information about maa kaali siddhi is hidden.
Kalika Siddhi Book About :
Kalika Sidhdhi is the part of Vedas, Tantras and Puranas are the basis of the scriptures, but the interpretation separates them. If the knowledgeable knower does not know the divine, then all his statements are proved in vain. Often people read Vedas Shastras (Kalika Siddhi Pushtak). But the person who understands the feelings is rare, that is, such person is rare. The sentences, essays, verses, poetry and ornaments, are also fascinated by the same anxiety behind the establishment of their intelligence at the place, in which the special status of society should be received by him. All the scholars engage in intriguing fantasy, and do not know God. To express their respective characteristic, weird acting is done. Some people roam freely, shuddering and performing rituals, give up food, but becomes dependent on air and forests go into the woods. -Kalika Siddhi Book.
To attain which God also face harshness for many years, an uncivilised man cannot get salvation by making the body to suffer. Brahma, Vishnu etc. all the deities and all the ghosts are destructive, therefore, one should always try hard for their welfare, because this body will not be received repeatedly and only then the element knowledge can be attained. After acquiring the human body, the soul has to get rid of the soul and rich heaven. -Kalika Siddhi Book.
कालिका सिद्धि पुस्तक/Kalika Siddhi Book
कालिका सिद्धि, यह एक महत्वपूर्ण पुस्तक है, जिसमें माँ काली सिद्धि के बारे में बताया गया है
कालिका सिद्धि पुस्तक के बारे में:
कलिका सिद्धि वेद, तंत्र एवं पुराणों आदि शास्त्रों का सदभाव है परन्तु व्याख्या उसे भिन्न कर दिया करती हैं। इन्हें जानने वाला ज्ञानी यदि परमार्थ को नही जनता तो उसका सारा कथन व्यर्थ ही प्रामाणित हुआ करता है। बहुधा लोग वेद शास्त्रादी को पढ़ते है। परन्तु उसके भाव को समझने वाले व्यक्ति निराले ही हुआ करते है अर्थात ऐसे व्यक्ति दुर्लभ है। वाक्य, निबंध, छन्द, काव्य तथा अलंकारों से शोभामय मूढ़ लोग स्थान-स्थान पर अपनी विद्यता की पताकाये स्थापित कर लेने के पश्चयात भी इसी चिंता से मोहित होकर दुखी रहते है की समाज में विशेष स्थिति किस भातिं प्राप्त की जाये। वेदशास्त्र रूपी सागर में गोते लगाते हुए ये सभी विद्वान कुतर्क रूपी भयंकर कल्पनाओ में उलझे रहते है और परमार्थ को नही जान पाते। अपनी-अपनी विशेषता को प्रकट करने के लिए विचित्र-विचित्र अभिनय किये जाते है। कुछ लोग लज्जा शून्य होकर नंगे होकर घूमते है, मिट्टी और भस्म रमा लेते है, अन्न त्याग देते है, मात्र जल हवा पर ही आश्रित हो जाते है तथा वन प्रान्तों में चले जाते है। -Kalika Siddhi Book.
जिस को प्राप्त करने के लिए देवता भी अनेको वर्षो तक कठोर तप करते है उस देह को कष्ट देने अविवेकी व्यक्तियों को मुक्ति नही मिला करती। ब्रम्हा, विष्णु आदि समस्त देवता एवं समस्त भूत नाशवान है अतः अपने कल्याण के लिए सर्वदा प्रयत्नशील रहना चहिये क्योकि यह देह बार-बार प्राप्त नही होंगी और जब तक देह है तब तक केवल तत्व ज्ञान प्राप्त किया जा सकता। मनुष्य देह को प्राप्त कर लेने के पश्चात् आत्मा को मुक्त करके परमात्मा को प्राप्त करना होता है। -Kalika Siddhi Book.
Kalika Siddhi Book Details:
Book Publisher: Randhir Prakashan
Book Author: Yogiraj Yashpal Ji
Language: Hindi
Weight: 400 gm Approx.
Pages: 263 Pages
Size: “21” x “14” x “2” cm
Edition: 2015
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