Mahamrityunjay Sahastranam Book
Mahamrityunjay Sahastranam Book (महामृत्युंजय सहस्त्रनाम पुस्तक): There are one thousand different names of the deity in the recitation of Mahamrityunjaya Sahastranam. By reciting this, the deity definitely blesses. It is read word by word. By reciting it with complete caution at midnight, one attains siddhi. You can think for yourself that when Mahamrityunjaya mantra has so much power, then how much power Mahamrityunjaya Sahastranam will have.
It is impossible that by reciting this at any deserted crossroad, Kalpa tree, Peepal tree, Bilva tree or in contact with Ekling Shiva or Parad Shivalinga, one does not attain siddhi. Here, the original Mahamrityunjaya Sahastranam mentioned in Rudrayamal Tantra and its Hindi translation are presented for the convenience of the readers. In this book, the Hindi translation of each name has been done and the calculation of one thousand names is as follows.
Mahamrityunjay Sahastranam Book Publication:
This important book of Randhir Publications is edited by Dr. Anil Modi. This book is of 96 pages. If life is in danger, then reading Mahamrityunjaya Sahastranam removes the danger. One who recites this Sahastranam in the crematorium and at midnight, being completely naked and freeing his hair and becoming Lord Shiva, after attaining Siddhi, can even revive the dead.
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महामृत्युंजय सहस्रनाम पुस्तक
महामृत्युंजय सहस्रनाम के पाठ में देवता के विभिन्न एक हजार नाम हुआ करते हैं। इस पाठ को करने से देवता अवश्य ही कृपा करते हैं। इसे शब्दशः पढ़ा जाता है। अर्द्धरात्रि को पूर्ण सावधानी के साथ इसका पाठ करने से सिद्धि की प्राप्ति होती है। यह तो आप स्वयं विचार कर लें कि जब महामृत्युंजय मन्त्र में इतनी शक्ति है तो महामृत्युंजय सहस्रनाम में तो कितनी शक्ति होगी।
किसी निर्जन चौराहे, कल्प वृक्ष, पीपल वृक्ष, बिल्व वृक्ष या एकलिंग शिव के सम्पर्क में या पारद शिवलिंग के सम्पर्क में इसका पाठ करने से सिद्धि प्राप्त नहीं हो यह एक असम्भव बात है। यहाँ पर रुद्रयामल तन्त्र में वर्णित मूल महामृत्युंजय सहस्रनाम एवं उसका हिन्दी अनुवाद पाठकों की सुविधा के लिए प्रस्तुत है। इस पुस्तक में प्रत्येक नाम का हिन्दी अनुवाद कर एक हजार नामों की गणना निम्नवत् है।
महामृत्युंजय सहस्रनाम पुस्तक प्रकाशन:
रणधीर प्रकाशन की यह महत्वपूर्ण पुस्तक जिसके सम्पादक डॉ० अनिल मोदी हैं। यह पुस्तक 96 पृष्ठ की है। महामृत्युंजय सहस्रनाम पढने से प्राण संकट में हों तब इसे पढ़ने से संकट दल जाता है। श्मशान के तथा अर्द्धरात्रि के प्रयोग पूर्णतया नग्न होकर बालों को स्वतन्त्र करके भगवान् शिव बनकर जो इस सहस्रनाम का पाठ करता है उसे सिद्धि प्राप्ति होने पर वह मृतकों को भी वह पुनर्जीवित कर सकता है।
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महामृत्युंजय सहस्रनाम पुस्तक में दी गई सारी जानकारी सटीक व प्रमाणिक हैं। जो भी व्यक्ति इस पुस्तक का लाभ उठाना चाहते है, वह इस पुस्तक को हमारे एस्ट्रो मंत्रा ऑनलाइन शॉप से शीघ्र ही ऑनलाइन मंगवा सकते है।
Mahamrityunjay Sahastranam Book Details:
Book Publication: Randhir Prakashan
Book Author: Dr. Anil Modi
Language: Hindi, Sanskrit
Weight: 80 gm Approx.
Pages: 191 Pages
Size: “18” x “12” x “0.7” cm
Edition: 2024
Shipping: Within 4-5 Days in India
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