Mahavidya Mantra Tantra Book/महाविद्या मन्त्र तन्त्र पुस्तक : Mahavidya Mantra Tantra Book is an important book, in which information about use of tantragyan is hidden.
Mahavidya Mantra Tantra Book About:
Indian culture literature is divided into two branches – Agam and Nigam. The Agam has been used for the Tantra system and Nigam for Vedas. In this way the system is counted in the literature of high quality. According to the Tantra Shastra, the desire of favor of the divine powers can be taken from that. It has been reported in the Mahanirvaan Tantra (Mahavidya Mantra Tantra Pushtak) that in Kalyug, only man will be able to achieve Sidhdhi according to the Agam Tantra. Other routes will not achieve the accomplishment of the planets. But these ancient rare and mysterious practices are not exposed to any perfection. Some such practices and mantras have been accomplished by Yogiraj Avtar Singh Atwal, who is an experimental tantric but not a business writer or a hypocrite. The Tantra knowledge of him is unique. -Mahavidya Mantra Tantra Book.
It is too much necessary to understand the basic secrets of that accomplishment which is the related work to any system. In Indian texts, there is a mention of the method of these practices. Today no Tantric reveals the mysteries of these ancient rare and mysterious practices, with certainty. Tantric texts get a lot about the technique of Sadhana but it is very difficult to achieve these accomplishments. It is written in the Mahanirvaan Tantra that only those people in Kali Yuga will act according to the Agam Tantra; Sources will not receive the Sidhdhi from other routes. -Mahavidya Mantra Tantra Book.
महाविद्या मन्त्र तन्त्र पुस्तक/Mahavidya Mantra Tantra Book
महाविद्या मंत्र तंत्र, यह एक महत्वपूर्ण पुस्तक है, जिसमें तंत्रज्ञान के बारे में बताया गया है।
महाविद्या मन्त्र तन्त्र पुस्तक के बारे में..
भारतीय संस्कृति साहित्य दो शाखाओं में बांटा जाता है – आगम और निगम। आगम शब्द तन्त्र के लिए और निगम वेदों के लिए प्रयुक्त हुआ है। इस प्रकार तन्त्र उच्चकोटि के साहित्य में गिना जाता है। तन्त्र शास्त्र के अनुसार दैविक शक्तियों को अनुकूल उनसे मनोवांछित कार्य लिया जा सकता है। महानिर्वाण तन्त्र में बताया गया है कि कलयुग में मनुष्य केवल आगम तन्त्र के अनुसार ही सिद्धि पा सकेंगे। अन्य मार्गो से ग्रहस्थों को सिद्धि प्राप्त नहीं होगी। लेकिन इन प्राचीन दुर्लभ और रहस्यमयी साधनाओं को कोई भी पूर्णता के साथ उजागर नहीं करता। कुछ ऐसी ही साधनाओं और मन्त्र तंत्रों की सिद्धि योगिराज अवतार सिंह अटवाल ने की है जो प्रायोगिक तांत्रिक तो है लेकिन व्यवसायी लेखक या ढोंगी नहीं। इनका तन्त्र ज्ञान अद्वितीय है। किसी भी तन्त्र से सम्बन्धित सिद्धि को सम्पन्न करने के लिए उस सिद्धि के मूल रहस्यों का समझना बहुत आवश्यक है। भारतीय तन्त्र ग्रन्थों में इन साधनाओं का विधि सहित उल्लेख मिलता है। आज कोई भी तांत्रिक इन प्राचीन दुर्लभ व रहस्यमयी साधनाओं के रहस्यों को प्रमाणिकता के साथ उजागर नहीं करता। तांत्रिक ग्रन्थों में तन्त्र साधना के बारे में बहुत कुछ मिलता है लेकिन इन सिद्धियों को प्राप्त करने के लिए अत्यंत कठिनाई होती है। महानिर्वाण तन्त्र में लिखा है कि कलयुग में ग्रहस्थ लोग केवल आगम तन्त्र के अनुसार ही कार्य करेंगे; अन्य मार्गो से ग्रहस्थी को सिद्धियाँ प्राप्त नहीं होंगी। -Mahavidya Mantra Tantra Book.
Mahavidya Mantra Tantra Book Details:
Book Publisher: Randhir Prakashan
Book Author: Yogiraj Avtaar Singh Atvaal
Language: Hindi
Weight: 122 gm Approx.
Pages: 138 Pages
Size: “18” x “12” x “1” cm
Edition: 2008
Shipping: Within 4-5 Days in India
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