Mantra Prayog Book/मन्त्र प्रयोग पुस्तक : Mantra Prayog Book is an important book, in which information about use of mantra is hidden.
Mantra Prayog Book About:
Whatever the person speaks, the words and sound of his words, creates a special rhythm; the creation of the object becomes the form of the mantra.
- Mantra chant means – frequency repeatedly! Frequently, the frequency does so that humans can attain the inherent power for use in behavior form. – Mantra Prayog Book.
- As the expert of Ayurveda knows that there is a law to cook certain metal for a hundred times, to make such a calx, that action has to be repeated over and over again. Such a process of mantra is to go through a complex and painstaking process to prove it; and it is the law of chanting in different numbers for different mantras. – Mantra Prayog Book.
- In medicine, researching, caring, cooking and other chemical activities are done in the same way; mantra is also modified, so that Havan transmits its power from the actions to the perfect state. – Mantra Prayog Book.
- Mantra Sidhdhi means – make the Mantra strong and awake. According to life, the mantra seeker will surely get what he wants.
- According to the Mantra Shastra, Shiva and Shakti danced in the beginning of creation, due to which many types of sounds were produced, these sounds are the main basis of the mantras. – Mantra Prayog Book.
- In order to reveal the underlying atomic energy in the words, our ancestors’ mantra Shastra is a meaningful result of such meditation.
- In order to reveal the immense power of the word, we have to know the basic form of the word. Mantra science tells us that before leaving the throat, the word has to be erupted through what state. Before speaking, there is an action in the soul and the word mentions it with wisdom and mind. By the same words there is a structure of the mantras. – Mantra Prayog Book.
- Mantras are said to be a set of metamorphic force, its seed is known as the power wave.
- The word mantra is a seed which is sown with the mental power of meditation. – Mantra Prayog Book.
मन्त्र प्रयोग पुस्तक/Mantra Prayog Book
मन्त्र प्रयोग, यह एक महत्वपूर्ण पुस्तक है, जिसमें मंत्र के प्रयोग के बारे में बताया गया है।
मन्त्र प्रयोग पुस्तक के बारे में..
- मनुष्य जो कुछ भी बोलता है उसकी ध्वनि और शब्दों का जब गुम्फन हो जाता है तो उससे एक विशेष लय उत्पन्न होती है यह लय की सृष्टि ही मन्त्र का रूप बनती है।
- मन्त्र जप का अर्थ है – बार बार आवृत्ति! बार बार आवृत्ति इसलिए करते है कि मनुष्य निहित शक्ति को व्यवहार रूप में प्रयोग के लिए प्राप्त कर सके।
- जैसे आयुर्वेद का ज्ञाता जानता है कि अमुक धातु को सौ बार पकाने का विधान है, अमुक भस्म बनाने के लिए उस क्रिया को बारम्बार दोहराना होता है। ऐसे ही मन्त्र साधना की प्रक्रिया है उसे सिद्धिप्रद बनाने के लिए एक जटिल और श्रमसाध्य प्रक्रिया से गुजरना होता है और भिन्न भिन्न मन्त्रों के लिए अलग अलग संख्याओं में जप का विधान है।
- औषधि विज्ञान में जैसे शोधने, तराशने, पकाने और अन्य रसायनिक क्रियाएं सम्पादित की जाती है उसी प्रकार मन्त्र को भी संशोधित किया जाता है, हवन आदि क्रियाओं से उसकी शक्ति को सिद्ध अवस्था तक पहुंचाते है। – Mantra Prayog Book.
- मन्त्र सिद्धि का अर्थ है – मन्त्र को सशक्त और जाग्रत बनाना। प्राणतोषणी के अनुसार मन्त्र साधक जो भी चाहता है वह उसे अवश्य प्राप्त होता है। – Mantra Prayog Book.
- मन्त्र शास्त्र के अनुसार सृष्टि के प्रारम्भ में शिव और शक्ति ने नृत्य किया जिससे कई प्रकार की ध्वनियाँ उत्पन्न हुई, यही ध्वनियाँ मन्त्रों का मूल आधार है।
- शब्दों में अंतर्निहित परमाणुविक ऊर्जा को प्रकट करने के लिए जो साधना हमारे पूर्वजों ने की मन्त्र शास्त्र उसी साधना का सार्थक परिणाम है। – Mantra Prayog Book.
- शब्द की विराट शक्ति को प्रकट करने के लिए हमें शब्द के मूल स्वरुप को जानना पड़ता है। मन्त्र विज्ञान हमें बताता है कि कंठ से निकलने से पूर्व शब्द को किन अवस्थाओं से होकर प्रस्फुटित होना पड़ता है। बोलने से पहले आत्मा में क्रिया होती है और शब्द बुद्धि तथा मन से मंत्रणा करता है। उन्हीं शब्दों द्वारा मन्त्रों की संरचना होती है।
- मन्त्रों को तेजोमय शक्ति का समुच्चय कहा गया है इसके बीजाक्षर शक्तिपुंज माने जाते है।
- मन्त्र उच्चारित शब्द बीज है जो ध्यान की मानसिक शक्ति से बोये जाते है। – Mantra Prayog Book.
Mantra Prayog Book Details:
Book Publisher: Randhir Prakashan
Book Author: Siddh Baba Audharnath ‘Tapasvi’
Language: Hindi
Weight: 113 gm Approx.
Pages: 127 Pages
Size: “18” x “12” x “1” cm
Edition: 2015
Shipping: Within 4-5 Days in India
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