Mrit Aatmaon Se Sampark Book/मृत आत्माओं से सम्पर्क पुस्तक: Mrit-Aatmaon Se Sampark Book is an important book, in which information about tantra shastra.
Mrit Aatmaon Se Sampark Book About:
We are amazed by the extensive discoveries being done in the field, but it is not unprecedented. If astrology is measured by the knowledge of science and the science of wisdom, then the spiritual state of the substance and the element is spirituality from the nature, the element got many achievements by awakening the conscience and practicing meditation. The subject of regret is that the system has become a pure business today. These days, Tantric housed in hotels or by staying in their place of residence, they do random advertisements. Employees are on their salary, it is different that they tell their devotees. The situation has happened that there will be some tantric in every town or city. In the name of the tantra, the incidents of adultery, the hunting of girls, marrying them, cheating of money come in light. Today, Tantric is said to be a matter of shame rather than pride. – Mrit Aatmaon Se Sampark Book.
For these reasons, the truth of the system has been suppressed. This is the oldest, the holy education of India, is now moaning very much. On the basis of this technique, Tantric saw the Universe, saw millions of planets, comets, galaxies with the naked eyes and examined them. This was the mental journey of the system. The form of Tantric is described in Tantra Saar in this way “Somya Mudra”, the graceful face, harsh meditation, austerity, graceful body, softness, calmness, common sense, tendency away from vanity. He does not show off, not advertise. They live ordinary life. This book has been written for the purpose of highlighting all these things and for the actual authentic form of scientific technique.
मृत आत्माओं से सम्पर्क पुस्तक/Mrit Aatmaon Se Sampark Book
मृत आत्माओं से संपर्क, यह एक महत्वपूर्ण पुस्तक है, जिसमें तन्त्र शास्त्र के बारे में जानकारी दी गई है।
मृत आत्माओं से सम्पर्क पुस्तक के बारे में..
तन्त्र क्षेत्र में की जा रही व्यापक खोजों से हम आश्चर्यचकित अवश्य हो जाते हैं लेकिन वह अभूतपूर्व नहीं हैं। ज्योतिषीय और विज्ञान के ज्ञान से आकाश को नापा जाता है तो पदार्थ व तत्व की सूक्ष्म अवस्था और प्रकृति से आध्यात्म ने, तत्व ने अन्तश्चेतना को जगाकर, साधनाएँ करके अनेकों उपलब्धियाँ पाई। खेद का विषय है कि आज तन्त्र एक शुद्ध व्यवसाय हो गया है। आये दिन तान्त्रिक होटलों में रूककर या अपने निवास स्थान पर रहकर धुंआधार विज्ञापन कराते हैं। अपने पास वेतन पर कर्मचारी रखते हैं, यह अलग बत है कि उन्हें अपना भक्त बतलाते हैं। स्थिति यह हो गयी है कि हर नगर या कस्बे में कोई न कोई तान्त्रिक मिल जायेगा। तन्त्र के नाम पर व्यभिचार, लडकियाँ भगाने, उनसे विवाह करने, रुपया ठगने की बातें आये दिन प्रकाश में आती हैं। आज तान्त्रिक कहलवाना गर्व की नहीं वरन् शर्म की बात बन गई है।
इन्ही कारणों से तन्त्र की सत्यता दबकर रह गई है। भारत की यह प्राचीनतम, पवित्र विद्या अत्यन्त कराह रही है। इसी साधना के बल पर तांत्रिको ने ब्रह्माण्ड देखा, करोड़ों मील दूर के ग्रहों, धूमकेतुओं, आकाशगंगा को नंगी आँखों से देखा उनका विवेचन किया। यह तन्त्र की मानसिक यात्रा थी। “तन्त्र सार” में तान्त्रिक का रूप इस प्रकार वर्णित है-सौम्य मुद्रा, आभामय मुखमण्डल कठोर साधना से तप गया कान्तिवान शरीर, मृदुवाणी, शान्त स्वभाव, सामान्य वेश, घमंड से दूर मन होता है तान्त्रिक का। वह दिखावा, विज्ञापन नहीं करता। साधारण जीवन जीता है। इन्ही सब बातों को उजागर करने और सर्वथा वैज्ञानिक तन्त्र विद्या का वास्तविक प्रामाणिक रूप प्रस्तुत करने के उद्देश्य से इस पुस्तक का लेखन किया गया है।
Mrit Aatmaon Se Sampark Book Details:
Book Publisher: Randhir Prakashan
Book Author: Tantrik Bahal
Language: Hindi
Weight: 180 gm Approx.
Pages: 206 Pages
Size: “18” x “12” x “1” cm
Edition: 2011
Shipping: Within 4-5 Days in India
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