Shakta Pramod Book
The written form of this Shakta Pramod Book (शाक्तप्रमोद पुस्तक) or scripture has received fresh and continuous praise and recommendations from all the readers residing on this earth or planet. A commendation is being given to those readers for their goodwill towards the book. By following the mantras of worship and spiritual practice described in this scripture, all you readers can succeed in attaining auspicious results.
Keeping in mind the purpose of ensuring a contemporary life that is consistent, pure, service-oriented to all, and awakened to the divine sentiment towards nature according to the eternal spiritual truths, contextual events, occurrences, scenes, landscapes, and the natural and continuous changes of nature, our prehistoric ancestors have created numerous scriptures.
It is also entirely relevant to mention here that in ancient times, the people of India were fundamentally followers of the Vedic religion, as this was the primary period. Over time, the critics of this religion, the so-called founders of Buddhism and Jainism, began to confuse the minds of contemporary individuals, gradually creating a distortion of intelligence among them.
Publisher and writer of the Shakta Pramod Book:
The publisher of this book is D. P. B. Publication, written by Shree Raja Dev Nandan Singh Bahadur Malik.
Where to buy the Shakta Pramod Book?
The Shakta Pramod Book contains accurate and authentic information. However, anyone who wants to take advantage of this book can order it online from our Astro Mantra store.
शाक्तप्रमोद पुस्तक
इस धरती या पृथ्वी पर निवास करने वाले समस्त पाठकों द्वारा की गयी इस पुस्तक या ग्रन्थ की लिखितस्वरूप में ताजा और निरन्तर की गयी प्रशंसा एवं सिफारिस हो रही है। उन पाठकों की ग्रन्थ के प्रति इतनी सद्भावना के लिए उन्हें साधुवाद दिया जा रहा है। इस ग्रन्थ में वर्णित उपासना एवं शक्ति साधना के मन्त्रों का पालन करके आप सभी पाठक वृन्द शुभ फलों को प्राप्त करने में सफल हो सकते है।
इस भारतवर्ष की पवित्र धरा में जन्म लेने वाले सभी मनुष्य परम-अध्यात्मिक तथ्यों, प्रसंगगत घटनाओं, परिघटनाओं, दृश्यों, परिदृश्यों तथा प्रकृति के सहज और सतत् परिवर्तनों के अनुसार समकालिक जीवन को लगातार सहज, शुद्ध, सर्वजनसेवी तथा प्रकृति के प्रति उपास्य भावना के जागरण को सुनिश्चित करने के उद्देश्य को दृष्टि में रखकर ही हमारे प्रागैतिहासिक पुरुषों ने अनेकानेक ग्रन्थों का सृजन किया है।
यहां यह कहना भी सर्वथा प्रासंगिक रहेगा कि आदिकाल में भारतवासी वैदिक धर्म के ही मूलत: अनुयायी रहे; क्योंकि यही प्रमुख कालखण्ड था । कालान्तर में इस धर्म के आलोचक तथाकथित बौद्ध और जैन धर्म के संस्थापकों ने तत्कालिक मनुष्यों का मतिहरण करके उनमें क्रमश: बुद्धि-विपर्यास का सृजन करना आरम्भ कर दिया था।
शाक्तप्रमोद पुस्तक के प्रकाशक और लेखक:
डी० पी० बी० पब्लिकेशन ने इस पुस्तक को प्रकाशित किया है और लेखक श्री राजा देवनंदन सिंह बहादुर मालिक है ।
शाक्तप्रमोद पुस्तक कहाँ से खरीदें?
शाक्तप्रमोद पुस्तक में सटीक और प्रामाणिक जानकारी है। हालाँकि, जो कोई भी इस पुस्तक का लाभ उठाना चाहता है, वह इसे हमारे एस्ट्रो मंत्रा स्टोर से ऑनलाइन मंगवा सकते है।
Shakta Pramod Book Details:
Book Prakashan: D.P.B. Publication
Book Author: Shree Raja Dev Nandan Singh Bahadur
Language: Hindi & Sanskrit
Weight: 1255 gm Approx.
Pages: 913 Pages
Size: “22.5” x “14.5” x “5” cm
Edition: 2025
Shipping: Within 4-5 Days in India
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