Shree Kuber Upasana Book/श्री कुबेर उपासना पुस्तक : Shree Kuber Upasana Book is an important book, in which information about tantra shastra.
Shree Kuber Upasana Book About:
Wealth is achieved by worshiping Kuber. They are worshiped especially on the day of Dhanatrayodashi and Deepawali. Apart from this, it is the law of fasting for Kubera every year throughout the year from Falgun Triodashi. In Hindu religion, different gods are worshiped for different purposes. Like the mother Lakshmi and Kuber, they worship for wealth. Kuber Dev is considered to be the god of wealth. They are called Treasurer of the Gods. By the grace of them, wealth can be achieved. The wealth of Kuber Dev has not been considered as philanthropic, while Mahalaxmi’s wealth is said to be the welfare of others. For this reason, worship of Mahalakshmi is always more than Kuber Dev. -Shree Kuber Upasana Book.
According to the scriptures, the worship of Goddess Mahalakshmi should be worshiped for attaining wealth. Along with Mahadevi, worshiping the god of wealth, Kuber, also removes money related problems. That is why worshiping any goddess and worshiping them also is very beneficial. In order to increase wealth, happiness and prosperity in life, many ways have been described according to the scriptures. Those who adopt good results are adopted. One of these measures is to keep a statue or photo of Kuber Dev in the house. -Shree Kuber Upasana Book.
Kuber is also the beloved minister of Lord Shiva. Due to being overlords of wealth, they can be pleased with Mantra Sadhana. The devotee who gets his happiness becomes rich. Kubera mantra chanting should be done facing towards the south. -Shree Kuber Upasana Book.
श्री कुबेर उपासना पुस्तक/Shree Kuber Upasana Book
श्री कुबेर उपासना, यह एक महत्वपूर्ण पुस्तक है, जिसमें तन्त्र शास्त्र के बारे में बताया गया है।
श्री कुबेर उपासना पुस्तक के बारे में..
कुबेर की उपासना से माया यानी धन की प्राप्ति होती है। धनत्रयोदशी तथा दीपावली के दिन इनका खासतौर से पूजन किया जाता है। इसके अलावा फाल्गुन त्रयोदशी से साल भर हर माह शुक्ल त्रयोदशी को कुबेर व्रत करने का विधान है। हिन्दू धर्म में अलग-अलग देवताओं की अराधना अलग-अलग उद्देश्यों की पूर्ति के लिए की जाती है। जैसे मां लक्ष्मी और कुबेर की पूजा धन के लिए करते हैं। कुबेर देव को धन का देवता माना जाता है। वे देवताओं के कोषाध्यक्ष कहे जाते हैं। इनकी कृपा से किसी को भी धन प्राप्ति के योग बन जाते हैं।
कुबेर देव के धन को जनकल्याणकारी नहीं माना गया है, जबकि महालक्ष्मी के धन को दूसरों का कल्याण करने वाला बताया है। इसी वजह से कुबेर देव की अपेक्षा महालक्ष्मी की पूजा अधिक होती है। शास्त्रों के अनुसार धन प्राप्ति के लिए देवी महालक्ष्मी की आराधना की जाना चाहिए। महादेवी के साथ ही धन के देवता कुबेर देव को पूजने से भी पैसों से जुड़ी समस्याएं दूर हो जाती हैं। इसी वजह से किसी भी देवी-देवता के पूजन के साथ ही इनका भी पूजन करना बहुत लाभदायक होता है।जीवन में धन, सुख और समृद्धि बढ़ाने के लिए धर्म शास्त्रों के अनुसार कई उपाय बताए गए हैं। जिन्हें अपनाने से शुभ फलों की प्राप्ति होती हैं। इन्हीं उपायों में से एक उपाय यह है कि घर में कुबेर देव की मूर्ति या फोटो रखना। कुबेर भगवान शिव के परमप्रिय सेवक भी हैं। धन के अधिपति होने के कारण इन्हें मंत्र साधना से प्रसन्न किया जा सकता है। इनकी प्रसन्नता जिस भक्त को मिल जाती है, वह धनवान हो जाता है। कुबेर मंत्र का जप दक्षिण की ओर मुख करके करना चाहिए। -Shree Kuber Upasana Book.
Shree Kuber Upasana Book Details:
Book Publisher: Randhir Prakashan
Book Author: Pt. Kapil Mohan Ji
Language: Hindi
Weight: 215 gm Approx.
Pages: 126 Pages
Size: “21” x “14” x “1” cm
Edition: 2016
Shipping: Within 4-5 Days in India
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