Shree Nath Rahasaya Book (श्री नाथ रहस्य पुस्तक): कापालिक कौल विद्या घोर घोर तिब्बतीय तन्त्र तथा विभिन्न भाषाओं में इत्यादि तन्त्र मन्त्रों का समावेश है और यह पूजा पाठ साधना करने का अधिकार शास्त्र विधि विधान जानने वाले को ही होता है। विशेषत: सद्गुरु प्राप्त साधक को। अत: इन पूजा साधनाओं में या भक्ति साधना में या कर्म साधनाओं में या किसी भी प्रकार के सेवा साधनाओं में मुख्यत: तीन भागों में विभाजन होता है –
1 सात्विक साधना – बिल्कुल नि:स्वार्थ होती है, जिससे साधक अंत में मोक्ष मुक्ति को प्राप्त होता है।
2 राजसी साधना – इसमें साधक का कोई न कोई स्वार्थ अवश्य होता है जिससे पुण्य प्राप्ति पाकर भविष्य में स्वर्ग सुखों को प्राप्त होता है। किन्तु जब तक पुण्य संचय साधक के पास होता है तब तक ही वह स्वर्ग सुखों का भागी होता है। आगे फिर वाही जन्म मृत्यु के चौरासी योनी चक्र में आना पड़ता है।
3 तामसी साधना – यह साधना शास्त्रों के या धर्म के विरुद्ध करते है। जो नीति नियम बाह्य होती है। इससे साधक अंत में दुःख, क्लेश को प्राप्त होता है। (श्री नाथ रहस्य पुस्तक)
अत: शास्त्रीय पूजा अर्चना, विधि विधान कर्मकाण्ड एवं साधना करने हेतु नाथ सिद्ध महात्मा, संतगण तथा साधक भक्त सेवकों एवं समस्त मानव प्राणीमात्र की आकांक्षा – आग्रह को मददेनजर रखते हुए मेरे सद्गुरु जी योगी आनन्दनाथ जी इन्हीं की कृपा आदेश प्राप्त होने पर मैंने यह “श्री नाथ रहस्य” नामक ग्रन्थ की रचना करने का प्रयास किया है। यह मेरा अहोभाग्य है कि मेरे सद्गुरुजी की असीम कृपा आशीर्वाद से यह परिश्रम करने का अवसर मुझे मिला। कलियुग में शाबरी मन्त्र-तन्त्र प्रभावशाली एवं कल्याणकारी है। पूर्वकाल में परम ईश्वर आद्य पुरुष योगी आदिनाथ जी और उन्हीं के शिष्य माया रूपी दादा मत्स्येन्द्रनाथ जी इन्होने शाबरी मन्त्रों की रचनाएँ थी तथा क्षेत्र त्र्यम्बक अनुपान शिला (महाराष्ट्र) एवं दुल्ल धर्मराज गद्दी पर बैठकर श्री शम्भुजती गुरु गोरक्षनाथ जी ने नवनाथ एवं अनंत कोटि सिद्धों को इस शाबरी मन्त्र तन्त्र का ज्ञान ध्यान का पाठ सुनाया था और भी कुछ मन्त्र रचनाएँ मां बिमला, योगिनी, शक्ति पार्वती स्वरूपी उदयनाथ तथा नागार्जुन नाथ जी इत्यादि नाथ सिद्धों ने भी की थी। अत: यहाँ कुछ पुराने हस्तलिखित मन्त्र कुछ प्राचीन गुप्त एवं गोपनीय मन्त्र तथा कुछ हमारे नाथ सिद्धों द्वारा प्राप्त किये हुए मन्त्र रचनाएँ इन सबकी सुचारू बद्ध रचना शाबर मन्त्र विधि विधान इस ग्रन्थ में विस्तृत रूप से की है। जिसके तीन खंडों में विभाजन किया है। – Shree Nath Rahasaya.
Shree Nath Rahasaya Book Details:
Book Publisher: Gorakhnath Mandir
Book Author: Yogi Vilasnath Ji
Language: Hindi
Weight: 0.732 gm Approx.
Pages: 1184 Pages
Size: “22” x “14” x “3” cm
Edition: 2015
Shipping: Within 4-5 Days in India
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