Tantra Ke Saral-Upay Book/तंत्र के सरल-उपाय पुस्तक
The Tantra Ke Saral-Upay (तंत्र के सरल-उपाय पुस्तक) is an important book, the Tantra Ke Saral-Upay Book is not easily available, this book is written by Gopal Raju Ji, the Tantra Ke Saral-Upay Book is published by Randhir Prakashan, Haridwar, in 2017. This book has 128 pages.
Tantra Ke Saral-Upay Book Content list:
According to the content list of the book it contains the following matters.
What is the material Tantra, prana or other material establishment Mantra, Srifal Tantra, Coconut Tantra, Tulsi Tantra, Akshat Tantra, Clove Tantra, Camphor Tantra, Deepak Tantra, Gorochan Tantra, Sindoor Tantra, Mahavar Tantra, Mewa Tantra, Sesame Tantra, Beetle Nut Tantra, Madhu Tantra, Gulab Tantra, Flower Tantra, Havan Tantra, Mala Tantra, Bhojpatra Tantra, Indrajal Tantra, Dhatura Tantra, Lemon Tantra, Kali Tumbi Tantra, Kush root Tantra, conch Tantra, Ichchapatra Tantra, raw yarn Tantra, coin Tantra, cowry Tantra, metal Tantra, potter Tantra, eunuch Tantra, baby tooth Tantra, baby’s umbilical Tantra, Keelan Tantra, Annapurna Tantra, yellow mustard Tantra, Rai Tantra, Garlic Tantra, Salt Tantra, Bell Tantra, Chandan Tantra, Guular Tantra, Giloy Tantra, Bhang Tantra Banda Tantra, Peacock Tantra, fish Tantra, serpent Tantra, mongoose Tantra, lion Tantra are explained in detail, which is an important part of the book Tantra Ke Saral Upay.
Tantra Ke Saral-Upay Book Benefits:
- Reading the Tantra Ke Saral Upay Book gives information about the topics of the system of household items.
- By reading the Tantra Ke Saral Upay Book, you can understand the importance of the mechanism of the Tantra.
Tantra Ke Saral-Upay Book Description:
Our life is inherently unique among the objects, flora and substances used around the world. When it comes to the proper use of various animals like conch, gomti chakra kaudi, ratti, sindoor, gorochan, nagakesar, cloves, cardamom, ashoka, mango, banyan, banana, etc., and many animals, elephants, cows, horses, snakes etc., accordingly, in order to get benefit from them, the simple method of using all such material of esoteric disciplines is given in this book. This book also describes about the worldly forces like electromagnetic forces, gravitational forces and radioactive forces including their effects on human beings through planetary effects and houses. By this effect how the Tantra becomes useful is properly described in this book.
तंत्र के सरल-उपाय पुस्तक/Tantra Ke Saral-Upay Book
तन्त्र के सरल उपाय एक महत्वपूर्ण पुस्तक है, तन्त्र के सरल उपाय पुस्तक/Tantra Ke Saral Upay Book आसानी से उपलब्ध नही होती, यह पुस्तक गोपाल राजू जी के द्वारा लिखी हुई है, इस तन्त्र के सरल उपाय पुस्तक को रणधीर प्रकाशन, हरिद्वार, ने सन् 2017 में प्रकाशित किया है, इस पुस्तक में 128 पृष्ठ(पेज) है।
तंत्र के सरल-उपाय पुस्तक की विषय सूचि:
तन्त्र के सरल उपाय पुस्तक/Tantra Ke Saral Upay Book में विषय सूचि अनुसार- क्या है पदार्थ तन्त्र, प्राण अथवा अन्य पदार्थ प्रतिष्ठा मन्त्र, श्रीफल तन्त्र, नारियल तन्त्र, तुलसी तंत्र, अक्षत तन्त्र, लवंग तन्त्र, कपूर तन्त्र, दीपक तन्त्र, गोरोचन तन्त्र, सिंदूर तन्त्र, महावर तन्त्र, मेवा तन्त्र, तिल तन्त्र, सुपारी तन्त्र, मधु तन्त्र, गुलाब तन्त्र, पुष्प तन्त्र, हवन तन्त्र, माला तन्त्र, भोजपत्र तन्त्र, इंद्रजाल तन्त्र, धतूरा तन्त्र, नींबू तन्त्र, काली तुम्बी तन्त्र, कुश मूल तन्त्र, शंख तन्त्र, इच्छापात्र तन्त्र, कच्चा सूत तन्त्र, सिक्का तन्त्र, कौड़ी तन्त्र, धातु तन्त्र, कुम्हार तन्त्र, किन्नर तन्त्र, बच्चे का दांत तन्त्र, बच्चे की नाल तन्त्र, कीलन तन्त्र, अन्नपूर्णा तन्त्र, पीली सरसों तन्त्र, राई तन्त्र, लहसुन तन्त्र, नमक तन्त्र, बेल तन्त्र, चन्दन तन्त्र, गूलर तन्त्र, गिलोय तन्त्र, भांग तन्त्र बांदा तन्त्र, मयूर तन्त्र, मीन तन्त्र, सर्प तन्त्र, नेवला तन्त्र, सिंह तन्त्र के बारे में विस्तार रूप से बताया गया है, जोकि तन्त्र के सरल उपाय पुस्तक/Tantra Ke Saral Upay Book के महत्वपूर्ण अंग है।
तन्त्र के सरल उपाय पुस्तक के लाभ:
- तन्त्र के सरल उपाय पुस्तक को पढ़ने से घरेलू वस्तुओं के तन्त्र के विषयों की जानकारी मिलती है।
- तन्त्र के सरल उपाय पुस्तक को पढ़कर तन्त्र के उपाय के महत्व को समझ सकते है।
तन्त्र के सरल उपाय पुस्तक का विवरण:
हमारे जीवन संसार के चारों ओर प्रयोग में आने वाली वस्तुओं, वनस्पतियों और पदार्थो में विलक्षण गुणधर्म प्राक्रतिक रूप से समाहित है। शंख, गोमतीचक्र कौड़ी, रत्ती, सिंदूर, गोरोचन, नागकेसर, लौंग, इलाइची, अशोक, आम, बरगद, केला आदि वस्तुएं तथा हाथी, गर्दभ, अश्व, सर्प इत्यादि अनेक जीव जन्तुओं के उचित प्रयोग की बात आती है तो इनके समुचित प्रयोग और तदनुसार इनसे लाभ प्राप्त करने के लिए, गुह्य विद्याओं के ऐसे सर्वसुलभ सामग्री की सरल प्रयोग विधि इस पुस्तक में दी गई है।
Tantra Ke Saral Upay Book Details:
Book Publisher: Randhir Prakashan
Book Author: Gopal Raju
Language: Hindi
Pages: 128 Pages Book
Size: “22” x “14” x “1” cm
Weight: 216 gm (Approx)
Edition: 2017 Edition
Shipping: Within 4-5 Days in India
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