Tantra Mantra Rog-Nivaran Book/तन्त्र मन्त्र रोग-निवारण पुस्तक : Tantra Mantra Dwara Rog Nivaran Book is an important book, in which information about tantra mantra is hidden.
Tantra Mantra Rog-Nivaran Book About:
“Disease prevention by chants” is not a new topic. There are countless books on this. As the Ayurvedic, Allopathic Greek system of natural and magnetic treatment is arranged and they have some rules and principles, similarly on the basis of the science of psychology, the system of disease prevention has been arranged by mantra or Tantra or Yantra on the basis of air and phonology. Like other medical practices, it is also a science-based method, its theory is that it is used in a proper manner. To take advantage of this in a way, every Tom, Dick and Harry has started putting his hand in it and tried to get the benefit of the bath free in the river Ganga. After reading in the hands of clumsy “Shabar Mantra” was reversed. -Tantra Mantra Rog-Nivaran Book.
Without any theory or scientifically-shaped instrument mantra mechanism, many types of activities have been added in this gesture and work method in the greed of the people who have been victimized. Due to all this, the disease prevention became a mess, and it came to this point that the literature published or described in such a way has also started to fall into falsehood. By reading the “Charak” and “Sushruta” code written thousands of years ago, today, all the scientists and intellectuals are surprised that the creators of these texts had a very serious study of the human body and their diseases. Not only those, people are amazed by the description of the treatment method and the description of the astral tool described in them. So many subtle tools are now used in micro-surgeries. -Tantra Mantra Rog-Nivaran Book.
Similarly, the description of the planets, satellites described in the astrological texts that were prepared thousands of years ago is also astonishing, which is surprising by accepting today’s scientific truth. They wonder how it is possible without any means. The mechanism of the tantra mantra is still surprising. Due to not being able to explain them clearly, they are considered superstitious today, but when they are tested on the basis of science including interpretation, they are also surprisingly correct. -Tantra Mantra Rog-Nivaran Book.
तन्त्र मन्त्र रोग-निवारण पुस्तक/Tantra Mantra Rog-Nivaran Book
तन्त्र मन्त्र द्वारा रोग निवारण, यह एक महत्वपूर्ण पुस्तक है, जिसमें तन्त्र और मन्त्र के बारे में बताया गया है।
तन्त्र मन्त्र रोग-निवारण पुस्तक के बारे में:
“मंत्र द्वारा रोग निवारण” कोई नया विषय नही है। इस पर अनगिनत पुस्तके है। जिस प्रकार आयुर्वेदिक एलोपैथिक यूनानी प्राकर्तिक तथा चुम्बकीय इलाज की व्यवस्थाए है और उनके कुछ नियम और सिद्धांत है, उसी प्रकार मनोविज्ञान के सिद्धांतो पर वायु और स्वर विज्ञानं के आधार पर ही मंत्र या यंत्र अथवा तंत्र द्वारा रोग निवारण की व्यवस्था की गयी है। अन्य चिकित्सा पद्धतियों की तरह यह भी एक विज्ञानं की संपन्न पद्धति है, इसका सिद्धांत ये है की इसका प्रयोग उचित और सही तथा नियमानुसार ढंग से हो। यह एक प्रकार से लाभ उठाने के लिए हर एरे गैरे नत्थू खैरे ने इसमें हाथ डालना शुरू कर दिया है और बहती गंगा में स्नान का पुण्य लाभ मुफ्त में प्राप्त करने का प्रयत्न किया। अनाड़ी के हाथों में पढ़कर “शाबर मंत्र” उलट पलट गये। -Tantra Mantra Rog-Nivaran Book.
बिना किसी सिद्धांत या वैज्ञानिक आकार के यंत्र मंत्र तंत्र क्रियाओ से पीड़ित व्यक्तियों से धन हरण के लोभ में अनेक प्रकार की क्रिया कलाप ऐसी बाते तथा कार्य विधिया जोड़ी गयी। इन सबके कारण इस विद्या द्वारा रोग निवारण एक खिलवाड़ बन गया और नौबत यहाँ तक आ गयी की इस प्रकार प्रकाशित या वर्णित साहित्य भी प्रयोग में लाया जाने पर झूठा पड़ने लगा है। हजारो वर्ष पूर्व रचित “चरक” और “सुश्रुत” संहिता को पढ़कर आज सभी वैज्ञानिक और बुद्धिजीवी हैरान है की इन ग्रंथो के रचयिताओ को मानव शरीर और उनकी व्याधियो का कितना गंभीर गहन अध्ययन था। इतना ही नही उनमे वर्णित उपचार विधि और सूक्षतम औजार का वर्णन पढ़कर लोग चकित है। इतने सूक्ष्म औजार तो आजकल माइक्रो सर्जेरी में प्रयोग में लाये जाते है। इसी प्रकार हजारो वर्ष पूर्व रचित ज्योतिष ग्रंथो में वर्णित ग्रहों, उपग्रहों का वर्णन भी आश्चर्यजनक है जिसे आज के वैज्ञानिक सत्य रूप में स्वीकार कर चकित है। उन्हें आश्चर्य होता है की बिना किसी साधन के कैसे संभव हो सका है। -Tantra Mantra Rog-Nivaran Book.
तंत्र मंत्र यंत्र सम्बन्धी ग्रन्थ आज भी आश्चर्य की बात है। उनकी स्पष्ट व्याख्या न कर पाने के कारण आज उनको अन्धविश्वास माना जा रहा है, पर जब वह व्याख्या सहित विज्ञान की कसौटी पर परखे जाते है, तो उनको भी आश्चर्यजनक रूप से सही पाए जाते है। -Tantra Mantra Rog-Nivaran Book.
Tantra Mantra Dwara Rog Nivaran Book Details:
Book Publisher: Randhir Prakashan
Book Author: Tantrik Behal
Language: Hindi
Weight: 187 gm Approx.
Pages: 215 Pages
Size: “18” x “12” x “1” cm
Edition: 2011
Shipping: Within 4-5 Days in India
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