Tantrokt Durga Saptshati Book
Tantrokt Durga Saptshati Book (तंत्रोक्त दुर्गा सप्तशती पुस्तक): The supreme energy is imperishable. It continuously transforms from one form to another. According to this principle of creation, the clear pronunciation of the seed mantras of Durga Saptashati generates a sound that transforms into a potent energy mass.
Therefore, when the energy emitted through the chanting of these seed mantras merges with the brilliance of the supreme power, Mahamaya, one begins to inherently feel the grace of the mother.
This is a proven truth. The proper chanting of these sacred seed mantras of Durga Saptashati is especially fruitful for spiritual and mental progress. The seed mantras given in this book are fully awakened. Recite them clearly with a pure heart. This deep secret of Nityavallabha, Adimaya has been revealed by the grace of the Guru and by testing the special ability of the publisher.
All the seed mantras in this book are pure; this is the first printed book. In which many practitioners have achieved success by chanting these seed mantras even before their publication. However, their use is conducive to attaining Siddhi.
In the divine seven hundred mantras of this Tantric Saptashati, the seed ‘Aim’ is used in every mantra. In this context, the Tantra Kop clearly states, that ‘Aim’ is the seed of many divine powers. And since it is the principal seed of Durga, like the seed of Saraswati, ‘Aim’ is used in each mantra.
Publisher and writer of the Tantrokt Durga Saptshati Book:
Randheer Prakashan has published this book written by Pt. Kulpati Mishra.
Where can I buy the Tantrokt Durga Saptshati Book?
The Tantrokt Durga Saptshati Book contains accurate and authentic information. However, anyone who wants to take advantage of this book can order it online from our Astro Mantra store.
तंत्रोक्त दुर्गा सप्तशती पुस्तक
परमऊर्जा अविनाशी है। वह एक रूप से दूसरे स्वरूप में परिवर्तित होती रहती है। सृष्टि के इसी नियम के अन्तर्गत दुर्गा सप्तशती के बीज मन्त्रों के स्पष्ट उच्चारण से उत्पन्न ध्वनि प्रबल ऊर्जा पुञ्ज में रूपांतरित होती है। अतः इन बीज मन्त्रों के जप से उत्सर्जित ऊर्जा जब ब्रह्माण्ड में परमशक्ति महामाया के तेज से संयोजित होती है, तब माँ की कृपा का स्वतः ही आभास होने लगता है।
यह अनुभूत सत्य है। दुर्गा सप्तशती के इन पवित्र बीज मन्त्रों का विधिवत् जाप आध्यात्मिक एवं मानसिक उन्नति हेतु विशेष फलदायी है।प्रस्तुत पुस्तक में दिए गए बीज मन्त्र पूर्णतः जागृत हैं। इनका शुद्ध हृदय से स्पष्ट उच्चारण करें। नित्यवल्लभा, आदिमाया का यह गूढ़ रहस्य गुरुकृपा से प्रकाशक की विशेष योग्यता को परखकर ही उजागर किया गया है।
प्रस्तुत पुस्तक के सभी बीजमन्त्र शुद्ध हैं, यह पहली ऐसी मुद्रित पुस्तक है, जिसके अधिकाधिक बीजमन्त्रों का पाठ या जप इसके प्रकाशन से पूर्व ही कई साधकों ने करके सिद्धि प्राप्त की है। इनका प्रयोग सिद्धिप्रद है।
इस तंत्रोक्त सप्तशती के दिव्य सात सौ मन्त्रों में प्रत्येक मन्त्र में ‘ऐं’ इस बीज का प्रयोग किया गया है। इस सम्बन्ध में तन्त्रकोप में सुस्पष्ट लिखा है – ‘ऐं’ बीज अनेक दिव्य शक्तियों का बीज है, सरस्वती के बीज की तरह दुर्गा का प्रधान बीज होने के कारण ‘ऐं’ इस बीज का प्रयोग प्रति मन्त्र में किया गया है।
तंत्रोक्त दुर्गा सप्तशती पुस्तक के प्रकाशक और लेखक:
रणधीर प्रकाशन ने इस पुस्तक को प्रकाशित किया है और इसका लेखक पंडित कुलपति मिश्र है।
तंत्रोक्त दुर्गा सप्तशती पुस्तक कहाँ से खरीदें?
तंत्रोक्त दुर्गा सप्तशती बीज – मन्त्रात्मक साधना पुस्तक में सटीक और प्रामाणिक जानकारी है। हालाँकि, जो कोई भी इस पुस्तक का लाभ उठाना चाहता है, वह इसे हमारे एस्ट्रो मंत्रा स्टोर से ऑनलाइन मंगवा सकता है।
Tantrokt Durga Saptshati Book Details:
Book Publisher: Randhir Prakashan
Book Author: Pt. Kulpati Mishra
Language: Hindi, Sanskrit
Weight: 384 gm Approx.
Pages: 176 Pages
Size: “22” x “14” x “2.3” cm
ISBN No: 978-93-91939-73-1
Shipping: Within 4-5 Days in India
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