Ashtavakra Gita Book (अष्टावक्र गीता पुस्तक) : Ashtavakra Gita is an important book, Ashtavakra Gita Book is not easily available, this book is written by Nandlal Dashora Ji. This book Ashtavakra Gita Book published by Randhir Prakashan, Haridwar, in 2017, in this book, there are 391 pages.
Ashtavakra Gita Book Content list:
According to the subject matter in the Ashtavakra Gita Book- Abstract Abbreviations, Knowledge of King Janaka, Curiosity of Vairagya and Mukti., Ashtavakra’s Gyanopodesh, Achievement of Enlightenment to King Janak. Ashtavakra’s examination of enlightenment of Raja Janaka, Answer to King Janak . Ashtavakra to tell the parent the remedy for salvation, expression of salvation of Raja Janaka. Interpretation of bond and liberation by Ashtavakra. Ashtav By preaching the discourse of worldly life, the teaching of Ashtavakra’s desire for world renunciation. The teachings of the state of enlightenment by Ashtavakra, describing the sensation of enlightenment by King Janaka. Description of the state of self-realization by Raja Janak.
Description of the situation of the free man by Raja Janak, description of elementalism by Ashtavakra. The separation of world and liberation by Ashtavakra Description, description of the situation of life free by Ashtavakra. Description of the condition of state in enlightenment by King Janak. King Janak II State of self-realization are detailed in this Ashtavakra Gita Book with a description. Which is the significant part of the book.
Ashtavakra Gita Book Description:
Ashtavakra says that salvation is not an object which should be attained, there is no place to be reached where there is no happiness, which can be enjoyed, neither is rasa, nor it has any sadhana, neither is siddhi, nor is it in heaven , Not on the fabric Discernment is the only liberation in subjects. The subjects are interested in the subject, then the world is there.
When the mind becomes dissatisfied with the subjects then salvation is there. Living in the world, eating and doing karma is not a bondage, it is only emancipation to become unattached in it. So much is the essence of salvation science.
Ashtavakra Gita Book Benefits:
By reading the Ashtavakra Gita Book, you get information about the essence of life.
By reading the Ashtavakra Gita Book, you get the information about what is the essence of what salvation is.
अष्टावक्र गीता पुस्तक/Ashtavakra Gita Book
यह अष्टावक्र गीता एक महत्वपूर्ण पुस्तक है, अष्टावक्र गीता पुस्तक आसानी से उपलब्ध नही होती, यह पुस्तक नन्दलाल दशोरा जी के द्वारा लिखी हुई है, इस अष्टावक्र गीता पुस्तक को रणधीर प्रकाशन हरिद्वार, ने सन् 2017 में प्रकाशित किया है, इस पुस्तक में 391 पृष्ठ(पेज) है।
अष्टावक्र गीता पुस्तक की विषय सूचि:
इस पुस्तक में विषय सूचि अनुसार- सार संक्षेप, राजा जनक का ज्ञान, वैराग्य एवं मुक्ति की जिज्ञासा करना। अष्टावक्र का ज्ञानोपदेश।, राजा जनक को आत्मज्ञान की उपलब्धि।, अष्टावक्र द्वारा रजा जनक की आत्मज्ञान की परीक्षा।, राजा जनक का उत्तर।, अष्टावक्र द्वारा जनक को मोक्ष प्राप्ति का उपाय बताना।, राजा जनक की मुक्ति की अभिव्यक्ति।, अष्टावक्र द्वारा बन्ध व मुक्ति की व्याख्या।, अष्टावक्र द्वारा संसार से आसक्ति-त्याग का उपदेश।, अष्टावक्र द्वारा संसार से तृष्णा त्याग का उपदेश।, अष्टावक्र द्वारा आत्मज्ञानी की दशा का उपदेश।
राजा जनक द्वारा आत्मज्ञान की अनुभूति का वर्णन।, राजा जनक द्वारा आत्मबोध की स्थिति का वर्णन।, राजा जनक द्वारा मुक्त पुरुष की स्थिति का वर्णन।, अष्टावक्र द्वारा तत्वबोध का वर्णन।, अष्टावक्र द्वारा संसार व मुक्ति के भेद का वर्णन।, अष्टावक्र द्वारा जीवन्मुक्त की स्थिति का वर्णन।, राजा जनक द्वारा आत्मज्ञान में स्थिति की दशा का वर्णन।, राजा जनक द्वारा आत्मबोध की स्थिति का वर्णन। के बारे में विस्तार रूप से बताया गया है, जोकि अष्टावक्र गीता पुस्तक के महत्वपूर्ण अंग है।
अष्टावक्र गीता पुस्तक का विवरण:
यह अष्टावक्र कहते है कि मोक्ष कोई वस्तु नहीं है जिसे प्राप्त किया जाए, न कोई स्थान है जहां पहुंचा जाए, न कोई भोग है जिसे भोग जा सके, न रस है, न इसकी कोई साधना है, न सिद्धि है, न ये स्वर्ग में है, न सिद्धशिला पर। विषयों में विरसता ही मोक्ष है। विषयों में रस आता है तो संसार है। जब मन विषयों से विरस हो जाता है तब मुक्ति है। संसार में रहना, खाना पीना व कर्म करना बंधन नहीं है, इसमें अनासक्त हो जाना ही मुक्ति है। इतना ही मोक्ष विज्ञान का सार है।
अष्टावक्र गीता पुस्तक के लाभ:
इस पुस्तक को पढ़ने से आपको जीवन के सार के बारे में जानकारी मिलती है।
यह पुस्तक को पढ़ने से आप मोक्ष क्या है इसका सार क्या है की जानकारी मिलती है।
Ashtavakra Gita Book Details:
Book Publisher: Randhir Prakashan
Book Author: Nandlal Dashora
Language: Hindi
Weight: 0.366 gm Approx.
Pages: 391 Pages
Size: “21” x “14” x “2” cm
Edition : 2017
Shipping: Within 4-5 Days in India
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