Shrimad Bhagwat Geeta Book (श्री मदभागवत गीता पुस्तक): It is an important book, in which information about Geeta.
Shrimad Bhagwat Geeta Book Description:
Our Krishna consciousness movement is fundamentally authentic, intuitive, and divine because it is based on Bhagavad Geeta. It is becoming very popular among the whole world, especially among the new generation. It used to provide greater excitement even among ancient generations. Adult is showing so much interest that the father and grandfather of our disciples are encouraging us by becoming a lifelong member of our Sangha.
In Los Angeles many mothers and fathers came to express my gratitude to me that I am leading the movement of Krishna-conscious movement all over the world. But the organizers of this movement are themselves Lord Krishna. Because this movement had been promoted a long time ago and by tradition it has been running in human society.
If it has only a little credit, it is not me. But due to my Guru Krishna Krishnakripashrimurti Vishnupad Paramahansa Parivrajyacharya 108 Shree Shrimad Bhakti Siddhant Saraswati Goswami Maharaj Prabhupada. – Shrimad Bhagwat Geeta Book .
The only purpose of presenting the Bhagavad Geeta as such is to guide the intimate inquirers to that purpose. For which Lord Krishna takes an incarnation of Brahma’s one a day, i.e. every year. This purpose has been mentioned in the Bhagavad Geeta and we should take it in the form of it otherwise. There is no meaning to understand the Bhagavad Geeta and its speaker Lord Krishna.
Lord Krishna first gave a sermon of Bhagwad Geeta to lord Sun million years ago. We have to accept this fact and understand the historical significance of Bhagwad Geeta without incorrect interpretation of Krishna’s proof. Explaining Bhagwad Geeta without reference to Krishna’s wish is a great crime. To avoid this crime, Krishna must be understood in the form of Lord Krishna.
The first disciple of Krishna, Arjuna understood him. Such knowledge of Bhagavad Geeta is really beneficial and will also be authentic for the welfare of the human being in fulfilling the purpose of life. – Shrimad Bhagwat Geeta Book .
श्री मदभागवत गीता पुस्तक/Shrimad Bhagwat Geeta Book
यह श्रीमद्भगवद्गीता यथारूप, एक महत्वपूर्ण पुस्तक है, जिसमे गीता के बारे में बताया गया है।।
श्री मदभागवत गीता पुस्तक के बारे में..
हमारा कृष्ण भावनामृत आन्दोलन मौलिक ऐतिहासिक दृष्टि से प्रामाणिक, सहज तथा दिव्य है क्योंकि यह भगवद्गीता यथा रूप पर आधारित है। यह सम्पूर्ण जगत में, विशेषत: नई पीढ़ी के बीच, अति लोकप्रिय हो रहा है। यह प्राचीन पीढ़ी के बीच भी अधिकाधिक सुरुचि प्रदान करते थे।
प्रौढ़ इसमें इतनी रुचि दिखा रहे हैं कि हमारे शिष्यों के पिता तथा पितामह हमारे संघ के आजीवन सदस्य बनकर हमारा उत्साहवर्धन कर रहे हैं। लॉस एंजिलिस में अनेक माताएँ तथा पिता मेरे पास यह कृतज्ञता व्यक्त करने आते थे कि मैं सारे विश्व में कृष्णभावनामृत आन्दोलन की अगुआई कर रहा हूँ।
उनमें से कुछ लोगों ने कहा कि अमरीकी लोग बड़े की भाग्यशाली हैं कि मैंने अमरीका में कृष्ण भावनामृत आन्दोलन का शुभारम्भ किया है। किन्तु इस आन्दोलन के आदि प्रवर्तक तो स्वयं भगवान् कृष्ण हैं, क्योंकि यह आन्दोलन बहुत काल पूर्व प्रवर्तित हो चुका था और परम्परा द्वारा यह मानव समाज में चलता आ रहा है।
यदि इसका किंचितमात्र श्रेय है तो वह मुझे नहीं, अपितु मेरे गुरु कृष्णकृपाश्रीमूर्ति ॐ विष्णुपाद परमहंस परिव्राजकाचार्य 108 श्री श्रीमद् भक्तिसिद्धान्त सरस्वती गोस्वामी महाराज प्रभुपाद के कारण है। भगवद्गीता यथारूप को प्रस्तुत करने का एकमात्र उद्देश्य बध्द जिज्ञासुओं को उस उद्देश्य का मार्गदर्शन कराना है, जिसके लिए कृष्ण इस धारा पर ब्रह्मा के एक दिन में एक बार अर्थात् प्रत्येक वर्ष बाद अवतार लेते हैं।
भगवद्गीता में इस उद्देश्य का उल्लेख हुआ है और हमें उसे उसी रूप में ग्रहण कर लेना चाहिए अन्यथा भगवद्गीता तथा उसके वक्ता भगवान् कृष्ण को समझने का कोइओ अर्थ नहीं है। भगवान् कृष्ण ने सबसे पहले लाखों वर्ष पूर्व सूर्यदेव से भगवद्गीता का प्रवचन किया था। हमें इस तथ्य को स्वीकार करना होगा और कृष्ण के प्रमाण की गलत व्याख्या किये बिना भगवद्गीता के ऐतिहासिक महत्व को समझना होगा।
कृष्ण की इच्छा का संदर्भ दिये बिना भगवद्गीता की व्याख्या करना महान अपराध है। इस अपराध से बचने के लिए कृष्ण को भगवान् रूप में समझना होगा जिस तरह से कृष्ण के प्रथम शिष्य अर्जुन ने उन्हें समझा था। भगवद्गीता का ऐसा ज्ञान वास्तव में लाभप्रद है और जीवन-उद्देश्य को पूरा करने में मानव के कल्याण हेतु प्रामाणिक भी होगा।
Shrimad Bhagwat Geeta Book Details:
Book Publisher: Bhakti Vedanta Books
Book Author: Shrimad A. C. Bhakti Vedanta
Language: Hindi
Weight: 0.604 gm Approx.
Pages: 475 Pages
Size: “22” x “15” x “4” cm
Shipping: Within 4-5 Days in India
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Krishna ji –
OM Namo