Ath Panchikaran Book/अथ पंचीकरण पुस्तक : Ath Panchikaran Book is an important book, Ath Panchikaran Book is not easily available, this book is written by Nandlal Dashora Ji, this book has been published by Randhir Prakashan, Haridwar in this year, there are 160 pages in this book.
Ath Panchikaran Book Content list:
According to the content list of the Ath Panchikaran Book, it has discussed the following matters which is self explicit. It contains Contract tetrarch, way tetrarch, cause of ignorance of man, shelter of the guru, method of enlightenment, samadhi method, Brahma, God, Maya, world composition, panchikaran, process of judiciary, proof of panchayat, primer, form of organism, soul Form, body composition, macro, subtle and causal body, five cells, three stages, four stages of soul, soul and Onkar, the form of Samadhi.
The teachings of the guru, the unity of the body and the Spirit, the uniqueness of soul, the soul itself is the most beloved, the underprivileged knowledge, the practice of meditation, the type of samadhi, the roles of knowledge, the cause of karma, the cause of liberation- knowledge, The detailed question about the spiritual doubt is explained in detail, which is an important part of the Ath Panchikaran Book.
Ath Panchikaran Book Description:
God Himself does not create creation, but rather two powers with its conscious and root name. This root power is only the tool of the power of consciousness that is formed with the help of it.
First of all, the creation of the five elements in the creation ha shappened. These microscopic are construed to form granules. Divide the two parts of one of the five divisions and leave half of it and divide it into four parts. Add the fourth part of this divider into one half. This action is called Panchikaran. This is all the philosophy of Mayaroop. They can not create the creation by having a microscopic root. It is expanded only by the support of anthology. Read this Ath Panchikaran Book to know the complete process of Shankaracharya formula and panchikaran.
Ath Panchikaran Book Benefits:
By reading the book Ath Panchikaran, you get information about the essence of life.Reading the Ath Panchikaran Book gives information about what is the essence of what salvation is.
अथ पंचीकरण पुस्तक/Ath Panchikaran Book
यह अथ पंचीकरण एक महत्वपूर्ण पुस्तक है, अथ पंचीकरण आसानी से उपलब्ध नही होती, यह पुस्तक नन्दलाल दशोरा जी के द्वारा लिखी हुई है, इस अथ पंचीकरण पुस्तक को रणधीर प्रकाशन, हरिद्वार, ने सन् 2014 में प्रकाशित किया है, इस पुस्तक में 160 पृष्ठ(पेज) है।
अथ पंचीकरण/Ath Panchikaran Book पुस्तक की विषय सूचि:
इस पुस्तक में विषय सूचि अनुसार- अनुबंध चतुष्टय, साधन चतुष्टय, मनुष्य के अज्ञान का कारण, गुरु की शरण, आत्मज्ञान की विधि, समाधि विधि, ब्रह्म, ईश्वर, माया, जगत रचना, पंचीकरण, पंचीकरण की प्रक्रिया, पंचीकरण के प्रमाण, अध्यारोप, जीव का स्वरुप, आत्मा का स्वरुप, शरीर रचना, स्थूल, सूक्ष्म व कारण शरीर, पांच कोश, तीन अवस्थाएं, आत्मा के चार पाद, आत्मा और ओंकार, समाधि का स्वरुप, गुरु का उपदेश, बोधोउपलब्धि, जीव और ब्रह्म की एकता, आत्मा ही सबसे प्रिय, अपरोक्ष ज्ञान, ध्यान का अभ्यास, समाधि के प्रकार, ज्ञान की भूमिकाएं, माया तत्व, कर्मो का कारण, मुक्ति का कारण- ज्ञान, ईश्वर प्राप्ति और पुरुषार्थ, आध्यात्मिक शंका समाधान के बारे में विस्तार रूप से बताया गया है, जोकि अथ पंचीकरण पुस्तक के महत्वपूर्ण अंग है।-Ath Panchikaran Pushtak
अथ पंचीकरण/Ath Panchikaran Book पुस्तक का विवरण:
ईश्वर स्वयं सृष्टि रचना नहीं करता बल्कि उसकी चेतन तथा जड़ नाम वाली दो शक्तियां मिलकर करती है। यह जड़ शक्ति उस चेतनशक्ति का उपकरण मात्र है जिसकी सहायता से रचना होती है। सृष्टि रचना में सर्वप्रथम पंचभूतों की रचना होती है। इन्हीं सूक्ष्मभूतों का पंचीकरण होकर स्थूलभूतों की रचना होती है। पंचभूतों में से एक एक के दो दो भाग करके उसमें से आधे भाग को छोड़कर आधे भाग को फिर चार भागों में विभक्त कर दें। इस विभक्त किये हुए चतुर्थांश भाग को एक एक अर्धांश में जोड़ दें। इसी क्रिया को पंचीकरण कहते है। -Ath Panchikaran Pushtak
यही सब मायारूप का दर्शन है। ये सूक्ष्मभूत जड़ होने से सृष्टि की रचना नहीं कर सकते। चेतनतत्व के सहयोग से ही इसका विस्तार होता है। शंकराचार्य कृत सूत्र और पंचीकरण की पूरी प्रक्रिया विस्तार से जानने के लिए यह पुस्तक पढ़े।
अथ पंचीकरण/Ath Panchikaran Book पुस्तक के लाभ:
इस पुस्तक को पढ़ने से आपको जीवन के सार के बारे में जानकारी मिलती है।
अथ पंचीकरण पुस्तक को पढ़ने से आपको मोक्ष क्या है इसका सार क्या है की जानकारी प्राप्त होगी।
Ath Panchikaran Book Details:
Book Publisher: Randhir Prakashan
Book Author: Nandlal Dashora
Language: Hindi
Weight: 0.254 gm Approx.
Pages: 160 Pages
Size: “21” x “14” x “1” cm
Edition : 2014
Shipping: Within 4-5 Days in India
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