Hath Yoga Pradipika Book/हठ योग प्रदीपिका पुस्तक : This is an important book of Yoga, in which information about almost all rare Yoga Shastra.
Hath Yoga Pradipika Book About:
This is the meaning of salvation and the minds of all the occult Siddhi Yoga in this in this immovable world, which is described by Yogiraj Shiva in the Mahakal Yoga scriptures the same Hath Vidya benefit of the creatures, have attained by Brahma ji for Brahmapad, which has been received by Arjuna in Geeta and Uddhav in Shrimad Bhagwat and taught by Shri Krishna.
Often, Brahma, Vishnu, Mahesh, Narada, Yagnavalkya have all consumed it. Matsyendranath and Gorakhnath ji first heard Hatha Yoga from Lord Shiva, by the grace of Gorakhnathji, Swatmaramyogyindre compiled the book “Hath Yoga Pradipika“ in four precepts for the salvation of all the devotees.
In the first verse it is described first part of the posture, the prayer of Pranayam in the Diwasipadesh, the printing in the third language, the antitrust form of the fourth one, including the Sanskrit called “Jyotsna” and the benefit of all the devotees. Has also been cleaned and published in a clean manner.
हठ योग प्रदीपिका पुस्तक/Hath Yoga Pradipika Book
यह एक महत्वपूर्ण पुस्तक है, जिसमे योग शास्त्र के बारे में जानकारी दी गई है।।
हठ योग प्रदीपिका पुस्तक के बारे में..
इस असार संसार से मोक्ष के अर्थ तथा सर्व मनोगत सिद्धिद योग-विषय में हठ विद्या है जो प्राणियों के हितार्थ योगिराज शिव जी ने प्रति महाकाल योग शास्त्र में वर्णन की है, उसी हठ विद्या का सेवन से ब्रह्मा जी को ब्रह्मापद को प्राप्त हुए है, श्री कृष्ण जी ने गीता में अर्जुन को और श्रीमद्भागवत में उद्धव को उपदेश किया है।
प्राय: ब्रह्मा, विष्णु, महेश, नारद, याज्ञवल्क्य इन सभी ने इसका सेवन किया है। मत्स्येन्द्रनाथ और गोरखनाथ जी ने प्रथम शिवजी से हठयोग श्रवण किया, इन्हीं गोरखनाथजी की कृपा से स्वात्मारामयोगीन्द्रे ने सर्व मुमुक्षुओं के मोक्ष प्राप्त्यर्थ “हठ योग प्रदीपिका” नामक ग्रन्थ चार उपदेशों में रचित किया |
प्रथमोपदेश में यह, नियम सहित हठ का प्रथम भाग आसन, दिव्तीयोपदेश में प्राणायाम प्रकरण, तृतीयोपदेश में मुद्राप्रकरण, चतुर्थोपदेश में प्रत्याहारादि रूप समाधिकम वर्णन किये है, उक्त ग्रन्थ “ज्योत्स्ना” नामक संस्कृत सहित तथा सर्व मुमुक्षुओं के लाभार्थ आपको इस पुस्तक द्वारा यथा तथ्य भाषाटीका भी करा कर स्वच्छता पूर्वक प्रकाशित किया है।
Hath Yoga Pradipika Book Details:
Book Publisher: Khemraj Books
Book Author: Khemraj Shree Krishna Das
Language: Sanskrit
Weight: 0.209 gm Approx.
Pages: 206 Pages
Size: “21” x “14” x “1” cm
Edition : 2017
Shipping: Within 4-5 Days in India
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