Mann Ki Adbhut-Shaktiyan Book/मन की अदभुत-शक्तियाँ पुस्तक : Mann Ki Adbhut-Shaktiyan Book is an important book, in which information about mann ki shakti is hidden.
Mann Ki Adbhut-Shaktiyan Book About:
Mind is a special creation of God, whose dominance is highest in this creation. The resolve of the whole mind creates the whole creation and the mind becomes the operator of all the activities of the human being. By utilizing it, man can also make God a means of salvation, and by misusing it can become a hellfire too. The mind causes birth and rebirth. Its development is the development of man. Its downfall is the fall of man. All the emotions of human life are the result of the mind and their solution can do the same. -Mann Ki Adbhut-Shaktiyan Book.
The mind experiences the world and the experience of God is also from this. It distinguishes between good and bad; it separates in living organisms. The soul divides itself into the soul; it separates the human beings. Raises the difference in man due to caste, religion, creed, language etc. Generating discrimination is the work and nature of this. Resolve option is the result of this. It does not remain stable at any one thought. By which no human work can be done systematically. -Mann Ki Adbhut-Shaktiyan Book.
For a successful life, it is necessary to take the life of the powers of the mind and its functioning. Otherwise the person passes his entire life in disorientation so that he is deprive of the desires benefit. The loss of the mind is the loss of the mind and the mind is the creation and the creation is mental. All these are mentioned in this book.
मन की अदभुत-शक्तियाँ पुस्तक/Mann Ki Adbhut-Shaktiyan Book
मन की अदभुत शक्तियाँ, यह एक महत्वपूर्ण पुस्तक है, जिसमें मन की शक्ति के बारे में बताया गया है।
पुस्तक के बारे में:
मन ईश्वर की एक ऐसी विशिष्ट रचना है जिसका प्रभुत्व इस सृष्टी में सर्वाधिक है। समष्टि मन का संकल्प ही समस्त सृष्टी की रचना करता है तथा मन मनुष्य की समस्त गतिविधियों का संचालक बन जाता है। मनुष्य इसका सदुपयोग करके उसे ईश्वर प्राप्ति का व मोक्ष का साधन भी बना सकता है तथा दुरपयोग करके वह नरकगामी भी बन सकता है। मन ही जन्म एवं पुनर्जन्म का कारण बनता है। इसका विकास ही मनुष्य का विकास है। इसका पतन ही मनुष्य का पतन है।
मनुष्य के जीवन की समस्त समास्याए मन की उपज है तथा इनका समाधान भी वही कर सकता है। मन ही संसार का अनुभव कराता है तथा इश्वर की अनुभूति भी इसी से होती है। यही अच्छे बुरे में भेद करता है, जीव –जीव में भेद करता है, आत्मा –आत्मा में भेद करता है, मनुष्य-मनुष्य में भेद करता है, जाति, धर्म,सम्प्रदाय, भाषा आदि के कारण मनुष्य में भेद उत्त्पन करता है। विभेद उत्पन्न करना इसी का कार्य एवं स्वभाव है। संकल्प विकल्प इसी की उपज है। यह किसी एक विचार पर स्थिर रहता ही नही है। निरंतर एक डाली से दूसरी डाली बंदरो की भातिं छलांगे लगाता रहता है। जिस से मनुष्य का कोई भी कार्य व्यवस्थित रूप से नही हो पाता।
एक सफल जीवन यापन के लिए मन की शक्तियों एवं उसकी कार्य प्रणाली की जान लेना आवश्यक है अन्यथा मनुष्य अपना सारा जीवन भटकाव में गुजार देता है जिससे वह इच्छित लाभ से वंचित रह जाता है। मन के हारे हार है मन के जीते जीत मन ही सृष्टी है और सृष्टी मानसिक ही है। जिसके बारे में इस पुस्तक में बताया गया है।
Mann Ki Adbhut-Shaktiyan Book Details:
Book Publisher: Randhir Prakashan
Book Author: Nandlal Dashora
Language: Hindi
Weight: 0.290 gm Approx.
Pages: 200 Pages
Size: “22” x “14” x “2” cm
Edition : 2015
Shipping: Within 4-5 Days in India
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