Swaroday Ke Chaar-Ratan Book/स्वरोदय के चार-रत्न पुस्तक : Swaroday Ke Chaar-Ratan Book is an important book of Yoga, in which information about almost all rare Yoga Shastra is hidden.
Swaroday Ke Chaar-Ratan Book About:
If it is said to be the first attempt in the Indian year for the easy spiritual practice of human liberation, it will not be superlative. Our intellectuals, sages and theologians have shed light on this from many texts such as Ashtadarshan, Ashtadh Purana, various memories, numerous Upanishads and Adi Shankaracharya. In addition to these scriptures, astrology, mantra, mechanics, rituals and academics are also the gifts of India. Given the hard work and expectations of time to understand and understand all these, there is also the rise of ‘Swar Shastra’.
Very few texts have been available in this scripture. Its propaganda compared to other schools is also not equal. However, Shiv Swarodaya is the only original, unique and important scripture in whatever is there. Through the all-round study of this book, it becomes easily understood that in both physical and spiritual terms this book is highly useful for Yogis, seekers, and astrologers and general. By taking into account the knowledge given in it, we can also learn the success of small tasks along with yogasiddhi, immortality, self-realization and hard-to-understand difficult things. – Swaroday Ke Chaar-Ratan Book.
The characteristic of this scripture is that it is very small but it also has its need and utility in every area of life. – Swaroday Ke Chaar-Ratan Book. Until today’s intelligent class is not attracted to our ancient heritage, this education cannot be made more useful and effective. Today, all our people of India and the world of this invaluable study will have the task of developing and upgrading the voice graphy. Keeping this in mind, I have tried to translate this Sanskrit text into Hindi. – Swaroday Ke Chaar-Ratan Book.
स्वरोदय के चार-रत्न पुस्तक/Swaroday Ke Chaar-Ratan Book
यह स्वरोदय के चार रत्न, एक महत्वपूर्ण पुस्तक है, जिसमे योग शास्त्र के बारे में जानकारी दी गई है।।
स्वरोदय के चार-रत्न पुस्तक के बारे में..
मानव मुक्ति की सहज साधना के लिए सर्वप्रथम भारतवर्ष में ही प्रयत्न हुए यदि यह कहा जाए तो अत्युक्ति न होगी। हमारे मनीषियों, ऋषियों और धर्मशास्त्रकारो ने षट्दर्शन, अष्टादश पुराण, विभिन्न स्मृतियाँ, अनेकानेक उपनिषद एवं आदि शंकराचार्यकृत अनेकों ग्रन्थों से इस ओर प्रकाश डाला है। इन शास्त्रों के अतिरिक्त ज्योतिषशास्त्र, मन्त्रशास्त्र, तन्त्रशास्त्र, रमलशास्त्र आदिक विद्याएँ भी भारत की देन हैं। इन सबको जानने-समझने के लिए कड़ी मेहनत एवं समय की अपेक्षा को देखते हुए ‘स्वर शास्त्र’ का उदय भी हुआ। – Swaroday Ke Chaar-Ratan Book.
इस शास्त्र के बहुत ही कम ग्रन्थ उपलब्ध हुए हैं। अन्य विद्याओं की तुलना में इसका प्रचार-प्रसार भी नहीं के बराबर है। फिर भी जो कुछ है उनमें शिव स्वरोदय ही एकमात्र मौलिक, अदभुत एवं महत्वपूर्ण ग्रन्थ है। इस ग्रन्थ के सर्वांगीण अध्ययन से हमे यह सुगमता से ज्ञात हो जाता है कि भौतिक तथा आध्यात्मिक दोनों दृष्टियों से यह पुस्तक योगियों, साधकों, ज्योतिषियों एवं सर्वसाधारण के लिए अत्यधिक उपयोगी है। इसमें दिए गए ज्ञान को व्यवहार में लाकर हम छोटे-छोटे कार्यों की सफलता से साथ-साथ योगसिद्धि, अमरता, आत्म-साक्षात्कार एवं कठिन से कठिन गूढ़ बातों को भी जान सकते हैं। इस शास्त्र की विशेषता है कि यह बहुत ही छोटा होकर भी जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में इसकी आवश्यकता एवं उपयोगिता है। – Swaroday Ke Chaar-Ratan Book.
हमारी इस प्राचीन धरोहर की ओर आज का बुद्धिमान वर्ग जबतक आकृष्ट नहीं होगा तब तक इस विद्या को अधिक उपयोगी व प्रभावशाली न बनाया जा सकेगा। हमारी इस अमूल्य विद्या की आज का भारत एवं विश्व के सभी लोग पढ़ें तभी स्वर शास्त्र को विकसित करने का तथा इसके उद्धार व उन्नत बनाने का काम होगा। इसी आशय को ध्यान में रखकर मैंने इस संस्कृत ग्रन्थ का हिन्दी अनुवाद करने का प्रयत्न किया है। – Swaroday Ke Chaar-Ratan Book. सर्वसाधारण व्यक्ति को भी इस ग्रन्थ में दी गई बातों का ज्ञान हो सके इसलिए यथाशक्ति सरल शब्दों में ही टीका दी गई है। विद्वान् पाठक एवं विषय का ज्ञान रखने वाले मुझे क्षमा करेंगे कि ‘स्वर शास्त्र’ के ज्ञान का प्रसार हो इसी दृष्टी से इस ग्रन्थ को प्रस्तुत किया गया है। – Swaroday Ke Chaar-Ratan Book.
मुझे प्रसन्नता होगी कि यदि इस स्वरोदय शास्त्र के सिद्धान्त प्रत्यक्ष प्रयोगों की कसौटी पर सत्य सिद्ध होकर हमारे जीवन की कठिन समस्याओं का हल कर सकें। हमारा सामाजिक जीवन इस शिव स्वरोदय, ज्ञान स्वरोदय, पवन स्वरोदय एवं तत्व स्वरोदय इन चारों ग्रन्थों के ज्ञान के द्वारा सर्वाधिक सुखमयता की ओर अग्रसर हो। भारतीय विद्याओं का स्वरूप और क्षेत्र अत्यधिक विकसित होने के कारण उनका सम्पूर्ण प्रभाव सामाजिक जीवन तथा मनुष्य की बौधिक उन्नति पर भी होता है। -Swaroday Ke Chaar-Ratan Book.
Swaroday Ke Chaar-Ratan Book Details:
Book Publisher: Randhir Prakashan
Book Author: Baba Anurag Das Ji
Language: Hindi
Weight: 0.261 gm Approx.
Pages: 155 Pages
Size: “22” x “14” x “1” cm
Edition : 2015
Shipping: Within 4-5 Days in India
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