Annima Gutika (अणिमा गुटिका) : The ability to make oneself subtle is Annima. Annima Gutika is a Gutika of auspicious eulogy; this Gutika makes the person a master of all accomplishments. By holding it, the accomplisher can be the master of Asht Siddhi and Navinidhi. By achieving Annima siddhi according to the scripture, the accomplisher becomes able to make his body bigger or shorter, he can take the whole process in his control, it is the realization of ecstasy in life.
Annima Siddhi:
By taking the subtle form of annima, one becomes invisible to others in a way, it can be reduced in size to a molecule form, thus the seeker with the power of atoms and molecules becomes brave and strong. This accomplishment was done by “Hanuman ji” when he crossed the sea to Lanka, Hanumanji used the Annima Gutika Siddhi to take a very subtle form and inspected the whole of Lanka. Due to being very subtle, the people of Lanka did not even know about Hanumanji. The first accomplishment in the Ashta Siddhi is the Annima, which means to Make your body as subtle as a molecule. Just as we can not see a molecule with our naked eyes, in the same way.
Others can not see seeker, a seeker is capable of holding a microscopic body equal to one molecule whenever he wants. It is been proven proved by the sages of Astro-Mantra, this rare gutkha of “Uddish Tantra” has been proven to be priceless for the welfare of the society. It is a great achievement to find it, and by holding it. Experience of happiness is achieved and accomplishment is also achieved. It is such a process that one can adopt a subtle (very small) form. From this proactivity, Hanuman ji showed Sita its subtle form. It is also mentioned in the couplet of Hanuman Chalisa ‘Sukshma Roop dhari Siyahi Dikhawa ‘.
How does the Annima Gutika hold?
During Saturday morning, between 5 am and 7 am, keep the Annima Gutika on a red cloth in the temple of the house and burning the oil lamp, chanting the following mantra 108 times and embracing Annima Gutika in a red thread around the neck.
Mantra:
।। Om Hreem Dum Durgaye Namah ।।
Annima Gutika Benefits:
If you are not getting success in meditation, then you must wear this Gutika.
Anima Gutika is held to achieve the fulfillment of all the practices.
Anima Gutika is capable of awakening the entire horoscope of the Jatak, if you are practicing Kundli awakening, then this Gutika is like a sure shot for you.
The person can easily enter his astral body by wearing an Anima Gutka.
Success can be achieved easily in Anima Sadhana by wearing Anema Gutika, then Jatak can make his body very small.
Annima Gutika sold by us are duly sanctified and energized by the expert Pundits and Sages of astromantra.com for immediate retention and ready to wear.
अणिमा गुटिका (Annima Gutika) : अपने को सूक्ष्म बना लेने की क्षमता ही अणिमा है। अणिमा गुटिका आसुरी कल्प की गुटिका है, यह गुटिका जातक को समस्त सिद्धियों का स्वामी बना देती है, इसको धारण करने से कठीन से कठीन साधना को आसानी से सिद्ध किया जा सकता है, अणिमा गुटिका से साधक अष्ट सिद्धि और नवनिधि का स्वामी बन सकता है। शास्त्र अनुसार अणिमा सिद्धि प्राप्त करके जातक अपने शरीर को छोटा बड़ा करने में समर्थ हो जाता है, वह पूर्ण प्रक्रति को अपने नियन्त्रण में ले सकता है, उसे जीवन में परमानंद की प्राप्ति होती है।
अणिमा सिद्धि
यह अणिमा सिद्धि से व्यक्ति सूक्ष्म रूप धारण कर एक प्रकार से दूसरों के लिए अदृश्य हो जाता है, आकार में लघु होकर एक अणु रुप में परिवर्तित हो सकता है, इस प्रकार अणु एवं परमाणुओं की शक्ति से सम्पन्न साधक वीर व बलवान हो जाता है। इस सिद्धि का उपयोग हनुमानजी ने तब किया जब वे समुद्र पार कर लंका पहुंचे थे, हनुमानजी ने अणिमा गुटिका सिद्धि का उपयोग करके अति सूक्ष्म रूप धारण किया और पूरी लंका का निरीक्षण किया था। अति सूक्ष्म होने के कारण हनुमानजी के विषय में लंका के लोगों को पता तक नहीं चला था।अष्ट सिद्धियों में सबसे पहली सिद्धि अणिमा हैं, जिसका अर्थ! अपने देह को एक अणु के समान सूक्ष्म बना लेना हैं।
जिस प्रकार हम अपनी नग्न आंखों से एक अणु को भी नहीं देख सकते, उसी प्रकार अणिमा सिद्धि प्राप्त करने वाले साधक को भी दूसरा कोई व्यक्ति नहीं देख सकता है। ऐसा साधक जब चाहे एक अणु के बराबर का सूक्ष्म देह धारण करने में सक्षम होता हैं। “उद्दिश तन्त्र” की इस दुर्लभ गुटिका एस्ट्रो-मंत्रा के ऋषिओं द्वारा खोज कर इसे समाज के कल्याण के लिए प्राण-प्रतिष्ठित, सिद्ध किया गया है, इसे प्राप्त करना ही एक बहुत बड़ी उपलब्धि है और धारण करने से तो जीवन में बहुमूल्य सुख का अनुभव होता है और सिद्धि प्राप्त होती ही है। यह ऐसी सिद्धि है जिससे व्यक्ति सूक्ष्म (बहुत छोटा) रूप धारण कर सकता है। इसी सिद्धि से हनुमान जी ने सीता को अपना सूक्ष्म रुप दिखाया था। हनुमान चालीसा के दोहे में भी इसका उल्लेख है ‘सूक्ष्म रुप धरि सियहिं दिखावा‘।
अणिमा गुटिका को कैसे धारण करे?
शनिवार के दिन स्नान आदि करके सुबह 5 बजे से 7 बजे के बीच के समय, घर के मंदिर में अणिमा गुटिका को लाल वस्त्र पर रखें और तेल का दीपक जलाकर, निम्नलिखित मन्त्र का 108 बार जाप करके अणिमा गुटिका लाल धागे में गले में धारण करे।
मन्त्र:
।। ॐ ह्रीं दुम दुर्गाये नम: ।।
अणिमा गुटिका के लाभ:
यदि आपको साधनाओं में सफलता नहीं मिल रही है, तो इस गुटिका को अवश्य ही धारण करे।
अणिमा गुटिका को समस्त साधनाओं की सिद्धि प्राप्ति करने के लिए धारण किया जाता है।
अणिमा गुटिका जातक की पूर्ण कुंडली जागरण करने में समर्थ है, यदि आप कुंडली जागरण की साधना कर रहे है, तो यह गुटिका आपके लिए राम बाण के समान है।
इस गुटिका को धारण करने से जातक अपने सूक्ष्म शरीर में आसानी से प्रवेश कर सकता है।
अणिमा गुटिका को धारण करके अणिमा साधना में आसानी से सफलता प्राप्त की जा सकती है, फिर जातक अपने शरीर को बड़ा छोटा आसानी से बना सकता है।
Annima Gutika Details:
Shape: Cylindrical
Color: Maroon
Size: 1.7 x 0.7 x 0.5 cm
Weight: 4 gm Approx.
Energized: Annima Mantra
Shipping: Within 4-5 Days in India
Shop: Books | Yantra | Rosary | Rudraksha | Gemstones | Rings | Kavach | Lucky Charms | Online Puja | Puja Items | Gutika | Pyramids | FengShui | Herbs | View All
Reviews
Clear filtersThere are no reviews yet.