Hans Gutika (हंस गुटिका) : Hans or Paramahansa is said to be the state of Brahmananda. The seeker of very high degree of Yogi and Sages holds Hans Gutika, around their neck. It is a very rare Gutika. Which is considered rare to get. The information of this Gutika is known to very few Gurus. The Siddhas and the Acharyas, the main use of the Hans Gutika is for the state of meditation. It helps in concentrating meditation, through which the seeker under meditation, can attain the state of trance.
Hans Gutika is consider as Trishakti form, in the Vedas this Gutika has also been called Brahma Shakti Ma Gayatri, by this Gutika. The birth defects of many births, curse, planetary defects, disease, enemy, system obstruction, debt, poverty, suffering, premature death. Bad defects such can be quiet soon.
Hans Gutika Benefits:
The person holding the Hans Gutika receives his business, wealth, property, prestige etc.
It gives the person success in every working area.
The fear of death from the Hans Gutika ends.
Hans Gutika brings success and victory everywhere in life.
No device experiment works on the person who holds this pocket.
This Gutika keeps the mind calm and is consider beneficial for the removal of any kind of disease.
Gets Freedom from curses by holding a Hans Gutika.
Hans Gutika if kept in the home gets home like a paradise, disease, mourning starts keeps away from home, home environment remains calm.
By holding the Hans Gutika, success is achieved in all the practices.
Hans Gutika is the form of Brahma power, this Gutika is very powerful and rare. The information of this Gutika is very less to the seekers, and the Astro-mantra seekers have proven. Hans Gutika by energizing in Navaratri, Kaalratri. Normal people can also get the maximum benefit of this Hans Gutika.
How to hold a Hans Gutika?
On any Monday, after bathing between 4 am to 6 am. Keep the Hans Gutika on the red cloth in front of the mother Durga image in house, burning a lamp of pure ghee in front of it. Chanting the following mantra 108 times, hold the Hans Gutika in a red thread around your neck or put it in the purse. This Hans Gutika sold by us are duly sanctified and energized by the expert Pundits and Sages of astromantra.com for immediate retention and ready to wear.
Mantra:
।। Om bhurbhavah swaha tatsaviturvareniyum bhargo devasya dhimahi dhiyo yo nah prachodyat।।
हंस गुटिका (Hans Gutika): हंस या परमहंस ब्रह्मानन्द की अवस्था को कहते है। इस गुटिका को बहुत ही उच्चकोटि के साधक योगी संन्यासी अपने गले में धारण करके रखते है। यह बहुत ही दुर्लभ गुटिका है, जो प्राप्त करना ही दुर्लभ माना गया है। इस गुटिका की जानकारी बहुत ही कम गुरु, सिद्धों आचार्यों को है। हंस गुटिका का मुख्य उपयोग ध्यान की अवस्था से है। यह गुटिका ध्यान एकाग्र करने में सहायता करती है, जिससे साधक ध्यान, धारणा समाधी लगा सकें। हंस गुटिका त्रिशक्ति स्वरूप मानी गयी है। वेदों में इस गुटिका को ब्रहम शक्ति माँ गायत्री भी कहा गया है। इस गुटिका से जन्म जन्मान्तरों के दोष, श्राप, ग्रह दोष, रोग, शत्रु, तन्त्र बाधा, कर्जा, दरिद्रता, दुःख, अकाल मृत्यु आदि जैसे बुरे दोषों को शीघ्र ही शांत किया जा सकता है।
हंस गुटिका को धारण करने के लाभ:
इसको को धारण करने वाले जातक को उसके व्यवसाय, धन, संपत्ति, प्रतिष्ठा आदि की प्राप्ति होती है।
हंस गुटिका से व्यक्ति को प्रत्येक कार्य क्षेत्र में सफलता मिलती है।
हंस गुटिका का से अकाल मृत्यु जैसा भय समाप्त हो जाता है।
इससे जीवन में सर्वत्र विजय पूर्ण सफलता प्राप्त होती है।
जो व्यक्ति इस गुटिका को धारण करता है उस व्यक्ति पर कोई तन्त्र प्रयोग नहीं काम करता।
यह गुटिका मन को शांत रखती है और किसी भी प्रकार के रोग मुक्ति के लिए लाभप्रद मानी गयी है।
हंस गुटिका के धारण करने से श्रापों से मुक्ति मिलती है।और सभी साधनाओं में शीघ्र ही सफलता प्राप्त होती है।
इसे घर में होने से घर स्वर्ग के समान हो जाता है। घर से रोग, शोक दूर भागने लगते है, घर का वातावरण शांत बना रहता है
हंस गुटिका ब्रहम शक्ति स्वरूप है, यह गुटिका बहुत ही शक्तिशाली और दुर्लभ है। क्योंकि इस गुटिका की जानकारी बहुत ही कम साधकों को रही है।एस्ट्रो-मंत्रा के साधकों ने हंस गुटिका को नवरात्रि, काल रात्रि में प्राण-प्रतिष्ठित करके सिद्ध किया है। सामान्य लोग भी इस गुटिका का अधिक से अधिक लाभ उठा सके।
हंस गुटिका को कैसे धारण करे?
किसी भी सोमवार के दिन स्नान आदि करके सुबह 4 बजे से 6 बजे के बीच के समय। घर के मंदिर में माँ दुर्गा के सामने लाल वस्त्र पर हंस गुटिका रखें। सामने शुद्ध घी का दीपक जलाकर, निम्नलिखित मन्त्र का 108 बार जाप करके हंस गुटिका लाल धागे में गले में धारण करें या पर्स में रखें।
मन्त्र:
।।ॐ भूर्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात्।।
Hans Gutika Details:
Color: Kundalini Chakra Mantra
Shape: Round
Height: 60 mm
Diameter: 14 mm
Weight: 5 gram
Energized: Kundalini Mantra
Shipping: Within 4-5 Days in India
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