Karn Pishachini Gutika (कर्ण पिशाचिनी गुटिका): This is specially used in Karna Vaishchini Sadhana, according to the science of Tantra, there is ablution of any invisible power through chanting spells, which in a feminine form is a yakshini form. She has been called ‘Karna Pihachine‘, when swhe is enslaved, she tells the solution of the upcoming events and problems in the ears. According to the beliefs of Tantra and Mantra, Karn Pishachini is a wonderful woman form filled with pompous powers. This Karn Pishachini Gutika sold by us are duly sanctified and energized by the expert Pundits and Sages of astromantra.com for immediate retention and ready to wear.
As soon as she is subjugated, she not only tells about the events of yesterday’s past but also warns from the ongoing situation in the present day and also predicts the progress. During this time the person feels self-confident and full of great power. If you take this Karn Pishachini Gutika, it has divine power and fulfilling desire is possible. This sadhana can be done either by Aghori or with his help and its mantra has been called the “trikaladarshi” mantra. It is said that due to its influence, the subtle and hidden events of every person’s life are known.
On the basis of those events, problems are solved by analyzing positive thoughts about life. Retention of Karn Pishachini Gutika can be done by both Vedic and Tantric methods. This is considered a secret trikaldarshi measure, which is completed in 11 or 21 days. The person holding it becomes a triple-eyed person for some time. It can not be done with a general law, but it should have the inevitable and ineffable ability to withstand deep belief, confidence and uncomfortable in it. This is the reason that it is strictly forbidden to do the ordinary person. The main mantra of wearing is as follows:
।। Om ling sarvnam shakti bhagwati karn-pishachini chand rupi sach sa cham vachan de swaha ।।
Karn Pishachini Gutika is a very secretive Gutika, which is almost unavailable. The seekers of astro mantra have proven this Gutika by giving energization in the eclipse period, which is useful for making Karn Pishachini Sadhna and to become trikaldarshi. This worship is done daily at night and day twice, while beginning the worship in the auspicious time ofday or night, sanctify the place of worship first, take black Hakik beads rosary. Black colored posture and garments, put red flowers, wear black clothes and sit on a black colored posture and start appropriation with the following mantra-
।। Om asya shreekarnpishachini piplaad rishih nichrichhandah karn pishachini devta abhisht siddhayarthe mantra jape viniyogah ।।
Take a plate of bronze, make a trident shape by vermilion on it, and illuminate the lamp from the ghee of cow’s milk. Now chant the following mantra 270 Mala.
।। Om namah karnpishachini amogh satyvadini mm karne avtravtar ateeta nagtvart manani darshay darshay mm bhavishya kathay-kathay hayim karn pishachini swaha ।।
कर्ण पिशाचिनी गुटिका (Karn Pishachini Gutika) : कर्ण पिशाचिनी साधना में विशेष उपयोग की जाती है, तन्त्र विज्ञान अनुसार घोर साधना, मंत्र जाप के जरिए किसी अदृश्य शक्ति का वशीकरण किया जाता है, जो स्त्री रूप में एक यक्षिणी स्वरुप होती है। उसे ही ‘कर्ण पिशाचिनी’ कहा गया है, उसके वशीभूत होने पर, वह आने वाली घटनाओं और समस्याओं का समाधान कान में बताती है। तंत्र और मंत्र शास्त्र की मान्यताओं के अनुसार कर्ण पिशाचिनी अपार शक्तियों से भरी एक अद्भुत स्त्री रूप होती है। उसके वशीभूत होते ही वह न केवल बीते कल की घटित घटनाओं के बारे में बताती है, बल्कि मौजूदा समय में चल रही परिस्थितियों से भी आगाह करवाते हुए मार्ग-दर्शन कर भविष्यवाणी भी करती है।
इस दौरान व्यक्ति खुद को आत्मविश्वास से भरा हुआ और अद्भुत शक्ति-संपन्न महसूस करता है। यह कर्ण पिशाचिनी गुटिका धारण करने पर उसमें दैवीय शक्ति आ जाती है और इच्छा पूर्ति संभव हो पाती है। इसकी साधना एकांत में अघोरी के द्वारा या उसकी मदद से की जा सकती है तथा इसके मंत्र को “त्रिकालदर्शी” मंत्र कहा गया है। कहते हैं, इसके प्रभाव से व्यक्ति के जीवन के हर सू़क्ष्म से सूक्ष्म और छिपी हुई घटनाओं का पता चल जाता है। उन घटनाओं के आधार पर जीवन के बारे में सकारात्मक विचारों का विश्लेषण कर समस्याओं का समाधान निकाला जाता है।
कर्ण पिशाचिनी गुटिका धारण का अनुष्ठान वैदिक और तांत्रिक दोनों ही विधियों से किया जा सकता है। इसे एक गुप्त त्रिकालदर्शी उपाय माना गया है, जो 11 या 21 दिनों में पूर्ण होती है। इसे धारण करने वाला व्यक्ति थोड़े समय के लिए त्रिकालदर्शी बन जाता है। इसे सामान्य विधि-विधान से संपन्न नहीं किया जा सकता है, बल्कि इसकी धारण करने वाले में इसके प्रति घोर आस्था, आत्मविश्वास और असहजता को झेलने की अटूट व अटल क्षमता होनी चाहिए। यही कारण है कि इसे सामान्य व्यक्ति को करने से सख्त मना किया जाता है। धारण करने का मुख्य मंत्र इस प्रकार है:
।। ॐ लिंग सर्वनाम शक्ति भगवती कर्ण-पिशाचिनी चंड रुपी सच स चमम वचन दे स्वाहा ।।
कर्ण पिशाचिनी गुटिका एक बहुत ही गुप्त गुटिका है, जिसका मिलना करीब-करीब ना-मुमकीन है| एस्ट्रो मंत्रा के साधकों ने इस गुटिका को ग्रहण काल में प्राण-प्रतिष्ठा करके सिद्ध किया है, जो कर्ण पिशाचिनी साधना और त्रिकालदर्शी बनने के लिए उपयोगी है| यह पूजा रात और दिन दो बार नित्य की जाती है, रात दिन के शुभ मुहूर्त में पूजा प्रारम्भ करते हुए सर्व प्रथम पूजा स्थल को पवित्र कर, काली हकीक की माला, काले रंग का आसन तथा वस्त्र, लाल रंग का फूल रखें, काला वस्त्र धारण कर काले रंग के आसन पर बैठें तथा निम्न मंत्र से विनियोग प्रारम्भ करें–
।। ॐ अस्य श्रीकर्णपिशाचिनी पिपलाद ऋषि: निचृछंद: कर्ण पिशाचिनी देवता अभीष्ट सिद्धयर्थे मंत्र जपे विनियोग: ।।
कांसे की एक थाली लेकर सिंदूर से उसके ऊपर त्रिशूल की आकृति बनाएँ, गाय के दूध से बने घृत से दीपक प्रज्ज्वलित करें| अब 270 माला निम्नलिखित मंत्र का जाप करें –
।। ॐ नम: कर्णपिशाचिनी अमोघ सत्यवादिनि मम कर्णे अवतरावतर अतीता नागतवर्त मानानि दर्शय दर्शय मम भविष्य कथय-कथय ह्यीं कर्ण पिशाचिनी स्वाहा ।।
Karn Pishachini Gutika Details:
Shape: Cylindrical
Color: Black
Size: 1.5 x 1 x 0.5 cm
Weight: 3 gm Approx.
Energized: Karn Pishachini Mantra
Shipping: Within 4-5 Days in India
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