Narasimha Gutika (नरसिंह गुटिका) : Narasimha Devta is a special incarnation of Lord Vishnu, who is worshiped by devotees as Lord Narasimha. The Narasimha Lord is one of ten incarnations of Lord Vishnu. Narasimha Deity is known as a lion-man. Sri Vishnu had embodies the incarnation of Narasimha to destroy the demon “Hiranyakashipu”. Hiranyakashipu was troubling the deities. Shri Narasimha is a good symbol of righteousness on evil. Lord Narasimha is the supreme guardian against all evils and misfortune for his devotees. The Lord Narasimha is prominent in many ancient texts, including the Vedas, Puranas and even Mahabharata. Lord Narasimha is worships in his various forms like Aggar Narasimha, Krodha Narasimha, Malola Narasimha, Jwala Narasimha, Varaha Narasimha, Bhargava Narasimha, Karanj Narasimha, Yoga Narasimha and Lakshmi Narasimha.
Narasimha Gutika is a protective Gutika of Lord Narasimha God. Which protects against enemy, system constraints. The effects of negative planets, and the effects of various troubles. By holding this Gutika, worship, chanting, worshipping of Lord Narasimha. Lord Narsimha Special grace is received. Narasimha Gutika gives a signal to the seeker in the future, from which the person moves forward by changing his path or by taking the first step. This Gutika of Lord Vishnu gives a message to humans to be as mighty as lions. In fact, a successful life can only be said to be, which is equipages with the ability to achieve the goals of your life like a lion.
Among the wild animals, the most elates animal is consider as “lion”, which never spontaneously attacks anyone, but when the need arises or when he becomes angry, then what other small animals say? Mast Gajraj also thinks of his welfare when he goes out. The people have also imagine men in this ‘lioness’ form. Becoming a ‘lion’ is not only an act of bravery but even being a lion is necessary for this reason that the momentum of life can be justifies by adopting a lion like force, and if it does not prevail, all the beauty of life, the whole juice is eliminates in achieving the goal by getting rid of it.
Narasimha Gutika Benefits:
- The person holding the Narasimha Gutika progresses from all perspectives in life, all his work begins to form.
- To get the money, keep Narasimha Gutika in red cloth with lotus flower and keep it for one year.
- If your business is being interrupted or your work is not being created, then you should embrace this Gutika in a red thread or place it in the office where you do business.
- Nothing can obstruct the mechanism of holding the Narasimha Gutika.
- Due to the absence of planetary faults, paternal defects, Kalsarpa defects, Karmadum yoga defects etc., the person gets rid of the defect, so there is no such defect in his life.
- For peace in the house, Narasimha Gutika set up on the pile of black pepper in front of the goddess Durga in the worship place.
- By binding this Narasimha Gutika on the main door of the house there is protection from all types of evils.
Narasimha Gutika Sanctified:
This Narasimha Gutika sold by us are duly sanctified and energized by the expert Pundits and Sages of astromantra.com for immediate retention and ready to wear.
Narasimha Gutika Holding Method:
Take bath, sit and face at the south direction, then put a yellow garment on your front and set the “Narasimha Gutika” of Lord Vishnu on it, burning the lamp of pure ghee in front of the Gutika, tinkle with kumkum and make your wishes for, pray with folded hands, then chant the following mantra 324 times, then hold the Gutika or use it in other way.
Mantra:
॥ Om kshraum kraum narsinghay namah ॥
नरसिंह गुटिका : नरसिंह देवता विष्णु भगवान के एक विशेष अवतार है, जिनकी पूजा भगवान नरसिंह के भक्तों द्वारा की जाती है। नरसिंह भगवान विष्णु के दस अवतारों में से एक हैं। नरसिंह देवता शेर-मनुष्य के रूप में जाने जाते है। श्री विष्णु ने राक्षस “हिरण्यकश्यपु” को नष्ट करने के लिए नरसिंह का अवतार धारण किया था, हिरण्यकश्यपु देवताओं को पीड़ित कर रहा था। श्री नरसिंह अधर्म पर धर्म की जीत या बुराई पर अच्छा प्रतीक हैं। उनके भक्तों के लिए भगवान नरसिंह सभी बुराइयों और दुर्भाग्य के खिलाफ सर्वोच्च संरक्षक हैं। भगवान नरसिंह वेदों, पुराणों और यहां तक कि महाभारत सहित कई प्राचीन ग्रंथों में प्रमुख रूप से प्रमुख हैं। भगवान नरसिंह की पूजा उनके विभिन्न रूपों जैसे उग्र नरसिंह, क्रोध नरसिंह, मालोला नरसिंह, ज्वाला नरसिंह, वरहा नरसिंह, भार्गव नरसिंह, करंज नरसिंह, योग नरसिंह और लक्ष्मी नरसिंह में की जाती है।
श्री नरसिंह भगवान की नरसिंह गुटिका सुरक्षात्मक गुटिका है, जो शत्रु, तन्त्र बाधा, नकारात्मक ग्रहों के प्रभावों और विभिन्न परेशानियों के प्रभावों से बचाती है, जो इस गुटिका को धारण कर भगवान नरसिंह की पूजा, जप, तप करता है, उसे भगवान नरसिंह की विशेष कृपा प्राप्त होती है। नरसिंह गुटिका जातक को भविष्य में होने वाली घटनाओं का संकेत पहले ही प्रदान कर देती है, जिससे मनुष्य अपना मार्ग बदल कर या उसका पहले ही उपाय करके आगे बढता है। भगवान विष्णु की नरसिंह गुटिका मनुष्यों को सिंह के समान पराक्रमी बनने का संदेश देती है। वास्तव में सफल जीवन तो उसका ही कहा जा सकता है, जो अपने जीवन के लक्ष्यों को सिंह की भांति झपटकर प्राप्त करने की क्षमता से युक्त हो।
वन्य प्राणियों में सर्वाधिक ओजस्वी पशु “सिंह” को ही माना गया है, जो अनायास कभी किसी पर हमला नहीं करता किन्तु आवश्यकता पड़ने पर अथवा क्रुद्ध हो जाने पर जब वह हुंकार भरकर खड़ा हो जाता है, तो अन्य छोटे-बड़े जानवरों की कौन कहे मस्त गजराज भी कतराकर निकल जाने में ही अपनी भलाई समझते हैं। ॠषियों ने भी पुरुष की इसी ‘सिंहवत’ रूप में कल्पना की है। ‘सिंहवत्’ बनना केवल शौर्य प्रदर्शन की एक घटना नहीं होती वरन् सिंहवत् बनना इस कारण से भी आवश्यक है, कि सिंहवत् प्रबल स्वरूप ग्रहण करके ही जीवन की गति को सुनिर्धारित किया जा सकता है, प्रबल नहीं बने तो एक-एक आवश्यकता के लिए वर्षों घिसट-घिसट कर लक्ष्य प्राप्त करने में जीवन का सारा सौन्दर्य, सारा रस समाप्त हो जाता है।
नरसिंह गुटिका के लाभ:
- नरसिंह गुटिका को धारण करने वाला जातक जीवन में सभी दृष्टियों से उन्नति करता है, उसके सभी कार्य बनने लगते है।
- धन की प्राप्ति के लिए नरसिंह गुटिका को लाल वस्त्र में कमल के पुष्प के साथ बांधकर एक वर्ष रखें।
- यदि आपके व्यापार में बाधा आ रही है या आपका कार्य नहीं बन रहे तो आप इस गुटिका को लाल धागे में गले में धारण करें या जहां व्यापार करते हो वहा गल्ले में स्थापित करे।
- नरसिंह गुटिका के धारण करने से कभी कोई तंत्र बाधा हो ही नहीं सकती।
- ग्रह दोष जैसे, पितृ दोष, कालसर्प दोष, केमदुम योग दोष आदि में नरसिंह गुटिका धारण करने से जातक दोष मुक्त हो जाता है, उसके जीवन में किसी प्रकार से कोई इस प्रकार का दोष व्याप्त नहीं रहता।
- घर में शांति के लिए नरसिंह गुटिका अपने पूजा घर में माँ दुर्गा के सामने काली मिर्च की ढेरी पर स्थापित करें।
- घर के मुख्य दरवाजें पर इस नरसिंह गुटिका को बांधने से घर की सभी प्रकार से सुरक्षा होती है।
नरसिंह गुटिका धारण करने की विधि:
स्नान आदि करके दक्षिण दिशा की ओर मुख करके बैठ जाएं, अब अपने सामने एक बाजोट पर पीला वस्त्र बिछाकर उस पर भगवान विष्णु की “नरसिंह गुटिका” स्थापित करें, गुटिका के सामने शुद्ध घी का दीपक जलाकर, कुंकुम से तिलक करें तथा अपनी कामना के लिए, दोनों हाथ जोड़कर प्रार्थना करे, फिर निम्न मन्त्र का 324 बार जाप करे, फिर गुटिका को धारण करे या अन्य उपयोग करे।
मंत्र:
॥ॐ क्ष्रौं क्रौं नृसिंहाय नमः॥
Narasimha Gutika Details:
Shape: Round
Color: Line Mix
Size: 1.5 x 1.5 x 0.6 cm
Weight: 3 gm Approx.
Energized: Narsimha Beej Mantra
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