Vajra Gutika (वज्र गुटिका) : The Vajra is the main weapon of king of deities Indra, which is capable of destroying the enemies and it provides immense protection. By holding Vajra Gutika, there is complete protection from all tantra and black Magic etc. There is no black magic mechanism of any kind on such a person who holds this Vajra Gutika. Gutika gives king like enjoyment to the holder. The person who has this gutika is himself a king. It is no lack of any kind in the life like Lord Indra. Such as wealth, honour, prosperity, age, kirti, vehicle, son, grandson.
Vajra Gutika is not easily found in the market. It is said about this gutika that even before Valmiki made the Ramayana. This Vajra Gutika was built during the earlier period of Lord Ram era. Vajra Gutika has been prepared with the secret methods of “Damar Tantra“. This Gutika has been proven by the demonic mantras on the eclipse period, Holi Diwali, Navaratri, and the Kaalratri Muhurt. By the seekers of Astro-Mantra, its effect is infallible and Effective as Vajra.
Vajra Gutika Benefits:
- Holding the Vajra Gutika around the neck, all the effects of Tantra, Mantra and machinery is destroyers.
- Vastu defect becomes calm by suppressing this Vajra Gutika in the home, if you can not suppress this Gutika, then you can put it in red cloth and keep it in a solitary place in the south direction of the house.
- By placing a Vajra Gutika on a photo of the enemy in a black cloth and by suppressing it under a peepal tree, the enemy is completely destroyed; he is not worth for anything in his life, his movement and everything will be worthless.
- All the desires of life are fulfilled by Vajra Gutika.
- Complet peace is also achieved in the suffering of the planetery effects, in the condition of the effects of Rahu planet, this gutika is particularly beneficial.
- The house is protected from all evil effects by regularly performing worship of this Gutika, there is no fear of anybody on the house of thievery, tantra and black magic and enemy etc.
- In the event of any crisis, if the text of the Bajrang Baan is recited by holding this Gutika, then a typical force and power are received.
Vajra Gutika Sanctified:
This Vajra Gutika sold by us are duly sanctified and energized by the expert Pundits and Sages of astromantra.com for immediate retention and ready to wear.
How to wear Vajra Gutika?
During Saturday morning, between 5 am and 7 am, keep Vajra Gutika on a red cloth in the temple of the house and burn the lamps of pure ghee in front of this by chanting the following mantra 324 times. Hold the gutika in red thread and put around the neck or keep it in purse.
Mantra:
Gururbrahma gururvishnuah gururdevo maheshvarah।
Guruah sakshat par brahm tasmai shree gurve namah॥
वज्र गुटिका (Vajra Gutika) : वज्र देवताओं के राजा इन्द्र का प्रमुख हथियार है, जो एक तरफ शत्रुओं को पूर्णता नष्ट करने में सक्षम है, वही यह अमोघ सुरक्षा प्रदान करता है। इस गुटिका को धारण करने से समस्त तन्त्र-मन्त्र-यन्त्र जादू-टोना आदि से पूर्ण सुरक्षा होती है, ऐसे जातक पर किसी भी प्रकार का कोई तन्त्र जादू-टोना काम नहीं करता, वही यह गुटिका जातक को राज तुल्य भोग प्रदान करती है। जिसके पास यह गुटिका होती है, वह स्वयं राजा होता है, उसके जीवन में भगवान इन्द्र की तरह किसी तरह की कोई कमी नहीं रहती है। जीवन में धन, मान, यश, आयु, कीर्ति, वाहन, पुत्र, पौत्र सब कुछ प्राप्त होता रहता है।
यह गुटिका आसानी से बाजार में नहीं मिलती, इस गुटिका के बारे में ऐसा कहा जाता है, कि वाल्मीकि द्वारा रामायण बनाने से पहले भी इस वज्र गुटिका को श्रीराम युग की पूर्व अवधि के दौरान बनाया गया था। वज्र गुटिका को “डामर तन्त्र” की गुप्त विधियों से तैयार किया गया है, इस गुटिका को आसुरी मंत्रों से ग्रहण काल, होली, दीपावली, नवरात्रि, काल रात्रि मुहूर्तो पर एस्ट्रो-मंत्रा के साधकों द्वारा सिद्ध किया गया है, इसलिए इसका प्रभाव अचूक और वज्र की तरह प्रभावशाली है।
वज्र गुटिका के लाभ:
- वज्र गुटिका को गले में धारण करने से समस्त तन्त्र-मन्त्र-यन्त्र का नाश होता है।
- इस वज्र गुटिका को घर की भूमि में दबाने से वास्तु दोष शांत हो जाता है,यदि इस गुटिका को दबा नहीं सकते तो, घर के दक्षिण दिशा में लाल वस्त्र में बांध कर किसी एकांत स्थान पर रख सकते है।
- शत्रु की फोटो पर वज्र गुटिका को काले कपड़े में बांध कर पीपल के नीचे दबाने से शत्रु पूर्णतया नष्ट हो जाता है, वह अपने जीवन में किसी लायक नहीं रहता उसकी गति-मति सब कुछ बर्बाद हो जाती है।
- वज्र गुटिका से जीवन के सभी मनोरथ पूरे होते हैं।
- ग्रह क्लेश में भी पूर्ण शांति प्राप्त होती है, राहु ग्रह की दशा में यह गुटिका विशेष लाभप्रद है।
- इस गुटिका की नित्य पूजा करने से घर सभी प्रकार से सुरक्षित रहता है, उसके घर पर तन्त्र, चोर और शत्रु आदि किसी का भय नहीं रहता।
- किसी भी संकट के समय गुटिका धारण कर बजरंग बाण का पाठ किया जाये तो अपूर्व बल एवं शक्ति प्राप्त होती है।
यदि आपके कार्य न बन रहे हो, बनते बनते रुक जाते हो, कोई ग्रह दोष हो या कोई अन्य दोष हो, उस दोष की निश्चित समाप्ति के लिए इस वज्र गुटिका को अवश्य ही धारण करें, इस गुटिका को धारण करने के बाद स्वयं आप महसूस करेंगे कि यह गुटिका कितनी प्रभावशाली और विलक्षण है।
वज्र गुटिका को कैसे धारण करे?
शनिवार के दिन स्नान आदि करके सुबह 5 बजे से 7 बजे के बीच के समय, घर के मंदिर में वज्र गुटिका को लाल वस्त्र पर रखें और सामने शुद्ध घी का दीपक जलाकर, निम्नलिखित मन्त्र का 324 बार जाप करके गुटिका को लाल धागे में गले में धारण करे या पर्स में रखें।
मन्त्र:
गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णुः गुरुर्देवो महेश्वरः।
गुरुः साक्षात् पर ब्रह्म तस्मै श्री गुरवे नमः॥
Vajra Gutika Details:
Shape: Oval
Color: Dark Brown
Size: 1.5 x 1.5 x 0.5 cm
Weight: 2 gm Approx.
Energized: Guru Beej Mantra
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