Vartali Gutika(वार्ताली गुटिका) : This Vartali Gutika is an extraordinary Gutika, which has been confidential so far, it is mentioned in our ancient texts. In the Vartali Gutika, the power of Mother Bhagwati Vartali is instated, which makes the person a trikaldarshi. This Vartali Gutika helps to calculate the past, present and future. This Gutika is a rare thing, it is not easy to get it, and the sages of Astro Mantra have proven it during the eclipse period, by meditating Vartali and proven the Gutika. The description of this Vartali Gutika is found in the era of Mahabharata. It is said that during the Mahabharata, Sanjay had a Vaarta accomplishment.
He kept a Vartali Gutika around his neck and could intervene by seeing the events going away easily. Vartali power is related to the dialogue, which relates directly to the Kundalini Shakti, its function is similar to Panchanguli, Kalagyan and Karna pishachini. Holding this Vartali Gutika improves the power of the speech of the person, so that the person who speaks the sentence starts to prove the truth, the person can speak nonstop by holding this Gutika, so that he can easily influence people with his words.
If the person has difficulty in speaking or does not remember, or he is weak in studies then he must wear the talkative Gutika white thread. Performing the Vartali Sadhana with this Vartali Gutika means to achieve the fulfillment of the mantra, then the seeker gets the glimpse of Goddess, and in the form of a divine light, and in the heart of the seeker, the mother Vartali gets absorbed. After that, the seeker starts to vibrate the body and gets the knowledge of the trikaldarshi, he becomes the trikaldarshi person, whatever he speaks that becomes true, seeing the face of any person, he can predict the past, present and future. On being proved, the seeker can see the incident happening in any people as a movie in Doordarshan.
Vartali Gutika Benefits:
- By wearing a Vartali Gutika, there is the rise of the Agya Cycle, from which the seeker starts having knowledge of the past and the future.
- Vartali goddess is the Goddess of knowledge, so the Vartali Gutika makes the person a trikaldarshi.
- If the person has difficulty in speaking or he is weak in studies then he must wear the Vartali Gutika in white thread.
- If you work as a leader, teacher, doctor or an institution, where you have to address many people, then you should hold this Vartali Gutika today.
- By holding a Vartali Gutika, there is knowledge of the future, it helps in removing the bad way and moving it in the right path.
- If this Gutika is worshiped then the house is protected by all kinds of side effects. There is no fear of mechanisms, theft and enemy etc. at home.
- Gutika is a Sanskrit word, which means a treasure of powers. In Tantric texts and Brahmanical texts it means to fulfill all the wishes of life.
Vartali Gutika Sanctified:
This Vartali Gutika sold by us are duly sanctified and energized by the expert Pundits and Sages of astromantra.com for immediate retention and ready to wear.
How to hold a Vartali Gutika?
On any Monday morning between 5 am to 7 am, keep the Vartali Gutika on white clothes in the temple of the house and burn the lamp of pure ghee, chanting the following mantra 54 times and hold the Vartali Gutika around your neck in white yarn or place in purse.
Mantra:
।। Om hreem shreem kleem nrim tham tham namo devputri svargnivasi sarv nar-nari much vartali varta kathay sapt samudran darshay-darshay om hreem shreem kleem neem nee tham tham hum phat swaha ।।
वार्ताली गुटिका: यह गुटिका एक असाधारण गुटिका है, जोकि अभी तक गुप्त रही है, हमारे आदि ग्रंथों में इसका उल्लेख मिलता है। वार्ताली गुटिका में माँ भगवती वर्ताली की शक्ति विराजमान है, जो जातक को त्रिकालदर्शी बना देती है। यह गुटिका भूत, वर्तमान और भविष्य की गणना करने में मदद करती है। वार्ताली गुटिका एक दुर्लभ वस्तु है, इसको प्राप्त करना आसान नहीं होता, एस्ट्रो मंत्रा के संतो, साधकों ने ग्रहण काल में, वार्ताली साधना करके वार्ताली गुटिका को पुश्चरण करके सिद्ध किया है। इस गुटिका का वर्णन महाभारत के समय में मिलता है। कहा जाता है, महाभारत के समय संजय को वार्ताली सिद्धि थी वह अपने गले में वार्ताली गुटिका धारण करके रखते थे और दूर हो रही घटनाओं को आसानी से देख कर हस्तक्षेप कर सकते थे।
वार्ताली शक्ति का सम्बन्ध वार्ता से होता है, जो सीधा कुण्डलिनी शक्ति से सम्बन्ध रखती है, इसका कार्य भी पंचागुली, कालज्ञान और कर्ण पिशाचिनी की तरह ही होता है। वार्ताली गुटिका जातक की वाणी की शक्ति को सुधारती है, जिससे जातक जो वाक्य बोलता है वह सत्य साबित होने लगता है, वार्ताली गुटिका धारण करने से जातक नॉन स्टॉप बोल सकता है, जिससे वह लोगों को अपनी बातों से आसानी से प्रभावित कर सकता है। यदि जातक को बोलने में दिक्कत होती है या उसे याद नहीं रहता, या वह पढाई में कमजोर है तो उसे वार्ताली गुटिका सफ़ेद धागे में अवश्य ही धारण करनी चाहिए।
वार्ताली साधना करने से वार्ताली मन्त्र की सिद्धि होती है। तब साधक को देवी माँ के दर्शन होते है, और एक दिव्य प्रकाश पुंज अर्थात बिन्दु के रूप में साधक के ह्रदय में माँ वार्ताली समाहित हो जाती है। उसके बाद साधक का शरीर कम्पन्न करने लगता है, तभी से साधक को त्रिकालदर्शी का ज्ञान प्राप्त हो जाता है, वह त्रिकालदर्शी तो बन जाता है। वह जो भो बोलता है वह सत्य होता है, ऐसा जातक किसी का भी चेहरा देखकर उसका भूत, भविष्य, वर्तमान बता देता है। सिद्ध होने पर साधक किसी भी लोक में घट रही घटना को दूरदर्शन की भांति चलचित्र की तरह देख सकता है।
वार्ताली गुटिका के लाभ:
- इस वार्ताली गुटिका को धारण करने से आज्ञा चक्र का उदय होता है, जिससे साधक को भूत भविष्य, का ज्ञान होने लगता है।
- वार्ताली देवी कालज्ञान की देवी है, इसलिए वार्ताली गुटिका जातक को त्रिकालदर्शी बना देती है।
- यदि जातक को बोलने में दिक्कत होती है या उसे याद नहीं रहता, या वह पढाई में कमजोर है तो उसे वार्ताली गुटिका सफ़ेद धागे में अवश्य ही धारण करनी चाहिए।
- यदि आप नेता, शिक्षक, डॉक्टर या किसी ऐसी संस्था में काम करते है, जहाँ आपको कई लोगों को संबोधित करना पड़ता है, तो आप आज ही इस गुटिका को धारण करें।
- वार्ताली गुटिका को धारण करने से भविष्य का ज्ञान होता है, यह गुटिका जातक को बुरे मार्ग से हटाने में और सही मार्ग में गतिशील करने में सहायक होती है।
- अगर इस गुटिका की पूजा की जाती है तो घर सभी प्रकार के दुष्प्रभावों से संरक्षित हो जाता है। घर पर तंत्र, चोरी और दुश्मन आदि का कोई डर नहीं होता।
- गुटिका संस्कृत शब्द है, जिसका अर्थ शक्तियों का एक खजाना है। तांत्रिक ग्रंथों और ब्राह्मणीय ग्रंथों में इसका अर्थ जीवन की सभी कामनाओं को पूर्ण करना होता है।
वार्ताली गुटिका को कैसे धारण करे?
किसी भी सोमवार के दिन स्नान आदि करके सुबह 5 बजे से 7 बजे के बीच के समय, घर के मंदिर में वार्ताली गुटिका को सफ़ेद वस्त्र पर रखें और शुद्ध घी का दीपक जलाकर, निम्नलिखित मन्त्र का 54 बार जाप करके गुटिका को सफ़ेद धागे में गले में धारण करे या पर्स में रखें।
मन्त्र:
।। ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं नृं ठं ठं नमो देवपुत्रि स्वर्गनिवासि सर्व नर-नारी मुख वार्ताली वार्ता कथय सप्त समुद्रन दर्शय-दर्शय ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं नीं नि ठं ठं हुं फट् स्वाहा ।।
Vartali Gutika Details:
Weight: 0.001 gm Approx.
Shape: Oval
Diameter: 15 mm
Color: Green
Product Types: Gutika
Energized: Vartali Mantra
Shipping: Within 4-5 Days in India
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