What is a Certified Lapis Lazuli Ring?
Lapis Lazuli gemstone, people wear to reduce the bad effects of Saturn and Rahu-Ketu. This gemstone is a sub-gem of sapphire gemstone. Wearing a Certified Lapis Lazuli Ring (लाजवर्द अंगूठी) provides mental peace. This ring removes negativity from the mind and increases concentration.
Besides, students who are weak in studies should also wear this ring. Wearing it increases intelligence and knowledge and leads to greater success in education. Apart from this, wearing this Certified Lapis Lazuli Ring provides relief from Tantra Dosh, Pitra Dosh etc.
Why should wear a Certified Lapis Lazuli Ring?
If a student is weak in studies or is not able to concentrate on their studies. His mind remains somewhere else, he is unable to concentrate on his studies even if he wants to. He forgets whatever he reads and does not remember anything. Thereafter, he lags in the examination every time, even after working hard he does not get success.
In such a situation, he must wear this Certified Lapis Lazuli Ring.
When all three planets Rahu, Ketu, and Saturn are in inauspicious places in the horoscope then its effect is directly read on the intelligence of the person. Moreover, wearing this ring increases intelligence and knowledge and leads to greater success in education. This ring has been consecrated with energized by the mantras of planet Saturn. You can order it online soon from our Astro Mantra online shop.
How to wear a Certified Lapis Lazuli Ring?
On any Saturday, between 7 pm to 10 pm, in a secluded place in your house or in the puja room, sit on a Black woolen mat facing west, in front of the Idol of Lord Shiva, in a plate filled with Kajal. Make a “U” and apply 8 dots using Kajal in it.
Then keep the Certified Lapis Lazuli Ring in that plate, place blue flowers or white ash flowers on it, after that light a pure oil lamp in front of the plate, worship it and chant the following mantra 5 Mala i.e. Shani Mantra 540 times and then wear it.
Shani Dev Mantra:
|| Om Pram Prim Praum Sah Shanicharyaya Namah: ||
Benefits of Certified Lapis Lazuli Ring:
- Wearing this Certified Lapis Lazuli Ring provides more benefits.
- By wearing a ring, a person gets wealth, social respect, good financial condition, and physical health.
- Above all, wearing this ring prevents evil eyes and is not affected by ghosts, spirits, witchcraft, etc. at all.
- By wearing it, the diseases related to fainting or insomnia cures.
- Besides, wearing a ring increases intelligence and knowledge and leads to greater success in education.
- Wearing a Certified Lapis Lazuli Ring provides mental peace.
- Additionally, by wearing this ring, one gets freedom from Tantra Dosh, Pitra Dosh, etc.
Precautions of Certified Lapis Lazuli Ring:
- Do not consume meat, alcohol and avoid getting intimate 24 hours before worship.
- Do the puja with a calm mind and concentration after taking bath.
- Do not touch this product with dirty hands before worshiping.
लाजवर्द अंगूठी क्या है?
लाजवर्द रत्न शनि और राहु-केतु के बुरे प्रभावों को कम करने के लिए धारण किया जाता है। इस रत्न को नीलम रत्न का उपरत्न माना जाता है। लाजवर्द अंगूठी को धारण करने से मानसिक रुप से शांति मिलती है। यह अंगूठी मन में बनी नकारात्मकता को दूर करती है और एकाग्रता को बढ़ाती है।
जो छात्र पढ़ाई में कमजोर हैं उन्हें भी यह अंगूठी जरूर धारण करनी चाहिए। इसे धारण करने से बुद्धि और ज्ञान में वृद्धि होती है और शिक्षा में अधिक सफलता प्राप्त होती है। इसके अलावा, इस अंगूठी को धारण करने से तंत्र दोष, पितृ दोष आदि से मुक्ति मिलती है।
लाजवर्द अंगूठी क्यों पहननी चाहिए?
यदि कोई छात्र पढ़ाई में कमजोर है या पढाई में ध्यान नहीं लगा पा रहा है ৷ उसका मन कहीं ओर ही रहता है, वे चाह कर भी अपनी पढ़ाई पर ध्यान नहीं दे पाता है, जो भी पढ़ता है भूल जाता है कुछ याद नहीं रहता है। और फिर परीक्षा में हर बार पीछे रह जाता है, अधिक मेहनत करने के बाद भी सफलता नहीं मिलती है, ऐसे में उन्हें यह लाजवर्द अंगूठी अवश्य पहननी चाहिए।
जब कुंडली में राहू, केतु और शनि तीनो ग्रह अशुभ स्थान पर होते है तो उसका प्रभाव सीधा जातक की बुद्धि पर पढ़ता है। इसलिए इस अंगूठी को धारण करने से बौद्धिकता और ज्ञान में वृद्धि होती है और शिक्षा में अधिक सफलता प्राप्त होती है। इस अंगूठी को शनि मंत्रो से सिद्ध कर प्राण-प्रतिष्ठित किया गया है ৷ इसे आप हमारे एस्ट्रो मंत्रा ऑनलाइन शॉप से शीघ्र ही ऑनलाइन मंगवा सकते है।
लाजवर्द अंगूठी कैसे धारण करें?
किसी भी शनिवार के दिन शाम के समय 7 बजे से 10 बजे के बीच अपने घर में किसी एकान्त स्थान या पूजा कक्ष में पश्चिम दिशा की तरफ़ मुख करके काले ऊनी आसन पर बैठ जाए, भगवान शिव की मूर्ती के सामने एक थाली में, काजल से “U” बनाकर, उसमें काजल से ही 8 बिंदियाँ लगाये। फिर लाजवर्द अंगूठी को उस थाली में रख कर, नीले पुष्प या सफ़ेद आक के पुष्प उस पर रखे, उसके बाद थाली के सामने शुद्ध तेल का दीपक जलाकर, पूजन करें और निम्नलिखित मंत्र का 5 माला यानि 540 बार शनि मंत्र का जाप कर, इसे धारण करें।
शनि देव मंत्र:
|| ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः ||
लाजवर्द अंगूठी के लाभ:
- इस अंगूठी को धारण करने से अधिक लाभ प्रदान होता है।
- लाजवर्द अंगूठी को पहनने से व्यक्ति को धन, सामाजिक मान-सम्मान, अच्छी आर्थिक स्थिति और शारीरिक स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है।
- इस अंगूठी को धारण करने से नजर नहीं लगती, भूत, प्रेत, जादू टोना आदि का प्रभाव बिलकुल भी नहीं पड़ता है।
- इसे पहनने से मूर्छा संबंधी रोग या नींद ना आने के रोग दूर होने लगते हैं।
- इस अंगूठी को धारण करने से बौद्धिकता और ज्ञान में वृद्धि होती है और शिक्षा में अधिक सफलता प्राप्त होती है।
- लाजवर्द अंगूठी को धारण करने से मानसिक रुप से शांति प्रदान होती है।
- इस अंगूठी को धारण करने से तंत्र दोष, पितृ दोष आदि से मुक्ति मिलती है।
लाजवर्द अंगूठी की सावधानियां:
- पूजा करने से 24 घंटे पहले मांस, मदिरा और मैथुन का प्रयोग न करें।
- पूजा स्नान कर शांत मन से एकाग्र होकर ही करें।
- पूजा करने से पहले गंदे हाथों से इस प्रोडक्ट को न छुयें।
Certified Lapis Lazuli Ring Details:
Gemstone Origin: Afghanistan
Shape: Oval
Color: Blue
Certified: With Certificates
Product Type: Gemstone Ring
Energized: Shani Mantra
Shipping: Within 7-8 Days in India.
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