What is an Ashta Dhatu Challa?
Ashtadhatu has great importance in astrology. Ashta Dhatu Challa/अष्टधातु छल्ला people wear to remove the ill effects and sufferings of many planets. Many idols of God are also made from Ashtadhatu. The reason for this is its purity. Ashtadhatu means a mixture of eight metals. These eight metals are Gold, Silver, Copper, Lead, Zinc, Tin, Iron and Mercury.
If the metal, people wear at the right time and considering the right position of the planets, it gives positive effects to the wearer. Besides, this Ashta Dhatu Challa removes the negativity around the person and creates peace in his mind. Also, wearing it increases knowledge.
Why should wear an Ashta Dhatu Challa?
If a person keeps getting evil eye every day, due to which he starts getting ill every day, some disease or the other troubles him every day like Headache, Stomach ache, Hunger etc. Not feeling it, or having ulcers in the mouth etc. In such a situation, if he is not able to get cured even after getting treatment, then a person must wear this challa.
Its mixture of eight metals helps in removing the evil eye from the person. Moreover, it increases the physical strength of the person and keeps him away from negative energy. You can order this Ashta Dhatu Challa online soon from our Astro Mantra online shop.
How to wear an Ashta Dhatu Challa?
On any Saturday evening between 7 pm to 9 pm, chant the following Raksha Mantra 3 times and then wear this Ashta Dhatu Challa.
Ashta Dhatu Challa Mantra:
Om Kaala Bhairoo, Kapila Kesh। Kaana Kundal Bhagava Vesh।
Teer Patar Liyo Haath, Chausath Joganiya Khele Paas।
Aas Maee, Paas Maee। Paas Maee Sees Maee।
Saamane Gaadee Baithe Raaja, Peedo Baithe Praaja Mohe।
Raaja Ko Banaoo Kukada। Praja Banaoo Gulaam।
Shabd Saancha, Peend Kaacha। Raajaguru Ka Bachan Jug Jug Saacha।
Satanaam Aadesh Gurujee Ko Aadesh Aadesh।
Benefits of Ashta Dhatu Challa:
- Ashta Dhatu Challa people wear to remove the ill effects and sufferings of many planets.
- Besides, wearing it has a positive effect on the child.
- It creates peace in the mind of the wearer.
- This challa one should wear to get rid of diseases like headaches, stomach aches, loss of appetite, mouth ulcers, etc.
- It keeps away from evil eyes and negative powers.
- Ashta Dhatu Challa increases physical strength.
- Additionally, this Ashta Dhatu Challa protects the person.
Precautions of Ashta Dhatu Challa:
- Do not consume meat, alcohol and avoid getting intimate 24 hours before worship.
- Do the puja with a calm mind and concentration after taking bath.
- Do not touch this product with dirty hands before worship.
अष्टधातु छल्ला क्या है?
ज्योतिष शास्त्र में अष्टधातु का बड़ा महत्व माना जाता है। कई ग्रहों के दुष्प्रभाव और पीड़ा दूर करने के लिए अष्टधातु छल्ला धारण किया जाता है। भगवान की कई मूर्तियां भी अष्टधातु से बनाई जाती है। इसका कारण है इसकी शुद्धता। अष्टधातु का अर्थ है आठ धातुओं का मिश्रण, इनमें आठ धातुएं है सोना, चांदी, तांबा, सीसा, जस्ता, टिन, लोहा तथा पारा।
धातु अगर सही समय में और ग्रहों की सही स्थिति को देखकर धारण किया जाए तो उसका सकारात्मक प्रभाव पहनने वाले को मिलता है। यह अष्टधातु छल्ला व्यक्ति के आसपास बनी नेगेटिविटी को दूर करता है और उसके मन मस्तिष्क में शांति बनाता है। साथ ही, इसे धारण करने से ज्ञान में वृद्धि होती है।
अष्टधातु छल्ला क्यों पहनना चाहिए?
यदि किसी व्यक्ति को आये दिन किसी न किसी की नज़र लगती रहती है, जिसके कारण वे रोज-रोज बीमार रहने लगता है, दिन-प्रतिदिन कोई न कोई बीमारी उसे परेशान करती है जैसे, सर में दर्द रहना, पेट में दर्द रहना, भूख ना लगना, या फिर मुहं में छाले रहना आदि। ऐसे में इलाज़ करवाने के बाद भी वह ठीक नही हो पाता, तो उसे यह छल्ला अवश्य पहनना चाहिए।
इसके आठ धातुओं के मिश्रण से व्यक्ति पर बना नज़र दोष दूर होने लगता है, यह व्यक्ति की शारीरिक शक्ति को बढ़ाता है और उसे नकारात्मक ऊर्जा से दूर रखता है। इस छल्ले को आप हमारे एस्ट्रो मंत्रा ऑनलाइन शॉप से शीघ्र ही ऑनलाइन मंगवा सकते है।
अष्टधातु छल्ला कैसे धारण करें?
किसी भी शनिवार के दिन शाम के समय 7 बजे से 9 बजे के बीच निम्नलिखित रक्षा मंत्र 3 बार बोलकर इस अष्टधातु छल्ला को धारण कर करें ৷
अष्टधातु छल्ला मंत्र:
ॐ काला भैरू, कपिला केश। काना कुंडल भगवा वेष।
तीर पतर लियो हाथ, चौसठ जोगनिया खेले पास।
आस माई, पास माई। पास माई सीस माई।
सामने गादी बैठे राजा, पीडो बैठे प्राजा मोहे।
राजा को बनाऊ कुकडा। प्रजा बनाऊ गुलाम।
शब्द सांचा, पींड काचा। राजगुरु का बचन जुग जुग साचा।
सतनाम आदेश गुरुजी को आदेश आदेश।
अष्टधातु छल्ला के लाभ:
- कई ग्रहों के दुष्प्रभाव और पीड़ा दूर करने के लिए अष्टधातु छल्ला पहना जाता है।
- इसे धारण करने से बच्चे पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
- यह धारणकर्ता के मन मस्तिष्क में शांति बनाता है।
- सर में दर्द रहना, पेट में दर्द रहना, भूख ना लगना, या फिर मुहं में छाले आदि जैसी बीमारियों को दूर करने के लिए यह अष्टधातु छल्ला पहनना चाहिए।
- यह बुरी नज़र व नकारात्मक शक्तियों से दूर रखता है।
- अष्टधातु छल्ला शारीरिक शक्ति को बढ़ाता है।
- यह छल्ला व्यक्ति की रक्षा करता है।
अष्टधातु छल्ला की सावधानियां:
- पूजा करने से 24 घंटे पहले मांस, मदिरा और मैथुन का प्रयोग न करें।
- पूजा स्नान कर शांत मन से एकाग्र होकर ही करें।
- पूजा करने से पहले गंदे हाथों से इस प्रोडक्ट को न छुयें।
Ashtadhatu Challa Details:
Metal: Ashtadhatu
size: 7, 8, 9, 10, 11, 12, 13, 14, 15, 16, 17, 18, 19, 20, 21, 22, 23, 24, 25
Weight: 4 gm Approx.
Product Type: Religious Ring
Shipping: Within 7-10 Days in India.
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