What is an Ashtadhatu Pyramid Ring?
Ashtadhatu Pyramid Ring (अष्टधातु पिरामिड अंगूठी) people wear to remove Vastu defects and for good luck. This ring is the composition of a mixture of eight metals, which are Gold, Silver, Copper, Lead, Zinc, Tin, Iron and Mercury. This ring controls the planets.
By wearing the ring, there is no shortage of money, and obstacles in business, jobs, and other work also start going away. This ring keeps your mental health healthy and increases your self-power. Moreover, wearing this ring eliminates negative energy and protects from evil forces.
Why should wear an Ashtadhatu Pyramid Ring?
If your business is not running well, your work is declining, you are thinking of new work but are not getting success, you are feeling disappointed from all sides. You have lost your job, and your money is decreasing. All these happen due to Vaastu defects. In such a situation you must wear this Ashtadhatu Pyramid Ring.
Moreover, wearing this ring brings success in business, improvement in work, and new avenues of progress open up. This ring has no dearth of comforts and luxuries in life. You can order the Ashtadhatu Pyramid Ring online soon from our Astro Mantra online shop.
How to wear an Ashtadhatu Pyramid Ring?
On any Saturday evening between 5 pm and 7 pm, sit on a Red woolen mat in a secluded place or prayer room in your house, facing east. Place an Idol or Picture of Shri Hanuman in front of you. Make a ‘’Circle’’ with roli in a plate in front of him and write “Hun” on it with roli.
Then place the Ashtadhatu Pyramid Ring on it and apply red vermilion (Sindoor) on the kada. After that, offer red oleander flowers, fruits and sweets on the kada. Light a lamp of pure ghee in front of you and worship it. After the worship, say “Jai Shri Ram” 12 times, recite Hanuman Chalisa once and Bajrang Baan 7 times and wear it.
Benefits of Ashtadhatu Pyramid Ring:
- Wearing this ring provides relief from health-related diseases.
- Wearing the Ashtadhatu Pyramid Ring awakens sleeping luck.
- Besides, wearing this ring brings new job opportunities and increases wealth.
- It strengthens your financial position.
- Additionally, wearing this ring eliminates negative energy and protects from evil forces.
- Ashtadhatu Pyramid Ring boosts self-confidence and creates positive thoughts in the mind.
- This ring leaves no dearth of comforts and luxuries in life.
Precautions of Ashtadhatu Pyramid Ring:
- Do not consume meat, alcohol and avoid getting intimate 24 hours before worship.
- Do the puja with a calm mind and concentration after taking bath.
- Do not touch this product with dirty hands before worshiping.
अष्टधातु पिरामिड अंगूठी क्या है?
अष्टधातु पिरामिड अंगूठी को वास्तु दोष निवारण और सौभाग्य के लिए धारण किया जाता है। यह अंगूठी अष्टधातुओं के मिश्रण से बनी है, जो सोना, चांदी, तांबा, सीसा, जस्ता, टिन, लोहा और पारा है। यह अंगूठी ग्रहों को नियंत्रित करती है। इस अंगूठी धारण करने से धन की कमी नही रहती और व्यापार, नौकरी व अन्य कार्य में आ रही बाधाएं भी दूर होने लगती है। यह अंगूठी आपके मानसिक स्वास्थ्य को स्वस्थ रखती है और आपकी आत्मशक्ति को बढ़ाती है। इस अंगूठी को धारण करने से नकारात्मक ऊर्जा खत्म होती है और बुरी शक्तियों से बचाव होता है।
अष्टधातु पिरामिड अंगूठी क्यों पहननी चाहिए?
अगर आपका व्यापार अच्छे से नहीं चल रहा है, कार्य में गिरावट आ रही है, नए काम की सोच रहे हैं पर सफलता नहीं मिल रही है, सब तरफ से निराशा महसूस हो रही है, नौकरी चली गई है, पैसा कम हो रहा है, तो यह सब वास्तु दोष होने के कारण होता है, ऐसे में आपको यह अष्टधातु पिरामिड अंगूठी जरूर पहननी चाहिए।
इस अंगूठी को पहनने से व्यापार में सफलता मिलती है, काम में सुधार होता है और तरक्की के नए-नए रास्ते खुलने लगते है। यह अंगूठी जीवन में सुख-सुविधाओं की कमी नहीं रखती। अष्टधातु पिरामिड अंगूठी को आप हमारे एस्ट्रो मंत्रा ऑनलाइन शॉप से शीघ्र ही ऑनलाइन मंगवा सकते है।
अष्टधातु पिरामिड अंगूठी कैसे धारण करें?
किसी भी शनिवर के दिन शाम के समय 5 बजे से 7 बजे के बीच अपने घर में किसी एकान्त स्थान या पूजा कक्ष में पूर्व दिशा की तरफ़ मुख करके, लाल ऊनी आसन पर बैठ जाए, अपने सामने श्री हनुमान जी की मूर्ती या चित्र रखें, उनके सामने एक थाली में, रोली से “गोला” बनाकर, उसमें रोली से, “हुं” लिखें।
फिर उसके ऊपर अष्टधातु पिरामिड अंगूठी को रखें, कड़े पर लाल सिन्दूर लगा कर रंग दें, रंगे हुए कड़े पर लाल कनेर पुष्प, फल, मिठाई चढ़ाये, सामने शुद्ध घी का दीपक जलाकर, पूजन करें, पूजन के बाद “जय श्री राम” 12 बार बोले और एक बार हनुमान चालीसा और 7 बार बजरंग बाण का पाठ कर, इसे धारण कर लें।
अष्टधातु पिरामिड अंगूठी के लाभ:
- इस अंगूठी को पहनने से स्वास्थ्य संबंधित रोगों से राहत मिलती है।
- अष्टधातु पिरामिड अंगूठी पहनने से सोई हुई किस्मत जाग जाती है।
- इस अंगूठी को धारण करने से नौकरी के नए अवसर मिलते हैं और धन में वृद्धि होती है।
- यह आपकी आर्थिक स्थिति मजबूत करती है।
- इस अंगूठी को धारण करने से नकारात्मक ऊर्जा खत्म होती है और बुरी शक्तियों से बचाव होता है।
- अष्टधातु पिरामिड अंगूठी आत्मविश्वास को बढ़ाती है और मन में सकारात्मक विचारों को पैदा करती है।
- यह अंगूठी जीवन में सुख-सुविधाओं की कमी नहीं रखती।
अष्टधातु पिरामिड अंगूठी की सावधानियां:
- पूजा करने से 24 घंटे पहले मांस, मदिरा और मैथुन का प्रयोग न करें।
- पूजा स्नान कर शांत मन से एकाग्र होकर ही करें।
- पूजा करने से पहले गंदे हाथों से इस प्रोडक्ट को न छुयें।
Ashtadhatu Pyramid Ring Details:
Weight: 0.006 gm Approx.
Color: Golden
Metal: Ashtadhatu
Product Types: Religious Ring
Shipping: Within 4-5 Days in India.
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