What is an Aatmdeep Prajvalan Yantra?
Lighting the Aatmdeep Prajvalan Yantra/आत्मदीप प्रज्वलन यंत्र awakens the Kundalini Chakras of the seeker. As a result, the three Nadis in the body, Ida, Pingala and Sushmana become active. Besides, the whole body becomes energetic, friction starts taking place in all the chakras of the body. Furthermore, divine vision starts being attained.
When the seeker starts meditating, new experiences start happening. As a result, the Kundalini power of the seeker awakens. In this way, the subtle body of the seeker comes into a waking state, and the seeker becomes a great yogi, a divine man.
How is Aatmdeep Prajvalan Yantra Energized?
In the month of Baishakh, when the Sun is in its exalted sign, Siddha Chaitanya the seeker achieves by doing Pushcharan with Kundli Chetna Mantras. This is a complex ritual, generally, it is not possible to do it through today’s pundits. This process only high-level seekers can perform. This energized yantra anyone can obtain and use directly from Astro Mantra Institute through fast delivery.
However, you can use this energized Aatmdeep Prajvalan Yantra in Kundali Chakra Jagrata Sadhana, Room Kup Chaitanya Sadhana. Besides, Sukshma Deh Sadhana, Prana Sadhana, Telepathy Sadhana or in any experiment. If you do not have information about its use and meditation, you can use this yantra by the method given below.
How to install Aatmdeep Prajvalan Yantra?
On any Sunday, between 5 am and 7 am, take a bath, get purified, spread a red cloth in the temple of your home, make a heap of rice on it, and install this Aatmdeep Prajvalan Yantra. Light a lamp of pure ghee and offer incense sticks in front of the yantra and worship it. After this, chant the following mantra 16 times with a crystal rosary or chant the mantra as per your sadhana.
Mantra of Aatmdeep Prajvalan Yantra:
॥ Om Hreem Mam Praan Deh Rom Pratirom Chaitanya Jagray Hreem Om Namah ॥
Benefits of Aatmdeep Prajvalan Yantra:
- With this yantra, the main three Nadis of the seeker, Ida, Pingala and Sushmana become active, and Kundalini Shakti awakens. Moreover, his entire body becomes energetic.
- This Yantra is capable of meditating, thereby making the seeker a great yogi, a divine man.
- Additionally, this Aatmdeep Prajvalan Yantra cures brain diseases and nerve diseases.
- If someone’s memory is weak, then he must use this yantra.
- This Yantra is completely beneficial in the manifestation of any God, Goddess, Yaksha, Kinnar, and Apsara.
Precautions for Aatmdeep Prajvalan Yantra:
- Do not touch this Aatmdeep Prajvalan Yantra with dirty hands.
- Besides, women should not touch this Aatmdeep Prajvalan Yantra during menstruation.
- While worshiping the Yantra, stay away from intoxicants and consumption of Tamasic food.
- Cover or install the Aatmdeep Prajvalan Yantra in a red cloth.
आत्मदीप प्रज्वलन यंत्र क्या है?
आत्मदीप प्रज्वलन यंत्र साधक के कुंडलिनी चक्रों को जागृत करता है, जिससे शरीर में जो तीन नाड़ीयां इड़ा, पिंगला, और सुष्मना सक्रिय हो जाती है৷ सारा शरीर ऊर्ज्वावान बन जाता है, शरीर के सारे चक्रों में घर्षण होने लगता है, दिव्यदृष्टि प्राप्त होने लगती है৷ और साधक का ध्यान लगने लगता है, नये- नये अनुभव होने लगते है, फलस्वरूप साधक की कुंडलिनी शक्ति जागृत हो जाती है৷ इस तरह साधक का सूक्ष्म शरीर जाग्रत अवस्था में आ जाता है, साधक एक महान योगी, दिव्य पुरुष बन जाता है।
आत्मदीप प्रज्वलन यंत्र कैसे सिद्ध होता है?
आत्मदीप प्रज्वलन यंत्र बैशाख मास में जब सूर्य उच्च राशी पर होता है, तब कुंडली चेतना मंत्रो से पुशचरण कर सिद्ध चैत्यन्य किया जाता है ৷ यह एक जटिल विधान है, सामान्य रूप से आजकल के पंडितों के माध्यम से करना संभव नही है, इस क्रिया को उच्चकोटि के साधक ही संपन्न करते है। एस्ट्रो मंत्रा संस्थान से फ़ास्ट डिलीवरी के माध्यम से इस सिद्ध किये हुए यंत्र को प्राप्त कर सीधा ही उपयोग किया जा सकता है৷
इस सिद्ध किये हुए आत्मदीप प्रज्वलन यंत्र को आप कुंडली चक्र जाग्रत साधना, रोमकूप चैतन्य साधना, सूक्ष्म देह साधना, प्राण साधना, टेलीपेथी साधना या प्रयोग में आप उपयोग कर सकते है৷ यदि प्रयोग और साधना की जनकारी न हो, तो नीचे दी हुई विधि से आप इस यंत्र को प्रयोग कर सकते है।
आत्मदीप प्रज्वलन यंत्र कैसे स्थापित करें?
किसी भी रविवार के दिन सुबह 5 बजे से 7 बजे क बीच नहा धोकर शुद्ध होकर घर के मंदिर में लाल वस्त्र बिछा कर उस पर चावल की ढेरी बनाकर इस आत्मदीप प्रज्वलन यंत्र को स्थापित करे৷ यंत्र के सामने शुद्ध घी का दीपक जलाकर, धुप-दीप देकर पूजन करें ৷ इसके बाद निम्नलिखित मन्त्र का 16 माला का जाप स्फटिक माला से करे या अपनी साधना के अनुसार मंत्र जाप करे।
आत्मदीप प्रज्वलन यंत्र का मंत्र:
॥ ॐ ह्रीं मम प्राण देह रोम प्रतिरोम चैतन्य जाग्रय ह्रीं ॐ नमः ॥
आत्मदीप प्रज्वलन के लाभ:
- इस यंत्र से साधक की मूल तीन नाड़ियां इड़ा, पिंगला, सुष्मना एक्टिव होने लगती है, कुण्डलिनि शक्ति जाग्रत होती है, उसका पूरा शारीर उर्जावान बन जाता है।
- यह यंत्र ध्यान लगाने में सक्षम है, जिससे साधक एक महान योगी, दिव्य पुरुष बनता है।
- यह यंत्र मस्तिष्क रोग, स्नायु रोगों को दूर करता है।
- यदि किसी की याददास्त कमजोर है, तो उसे इस यंत्र का प्रयोग अवश्य ही करना चाहियें।
- किसी भी देवी-देवता, यक्ष, किन्नर अप्सरा प्रत्यक्षीकरण में यह यंत्र पूर्ण लाभकारी माना गया है।
आत्मदीप प्रज्वलन यंत्र के सावधानियाँ:
- इस आत्म ज्वलन यंत्र को गंदे हाथों से न छुएं।
- रजस्वला समय से स्त्रियाँ इस आत्म ज्वलन यंत्र को हाथ न लगायें।
- यंत्र की पूजा-साधना के समय नशा व तामसिक भोजन के सेवन से दूर रहे।
- आत्म आत्म ज्वलन यंत्र को लाल वस्त्र में ढक कर रखें या स्थापित करें।
Aatmdeep Prajvalan Yantra Details:
Weight: 0.009 gm Approx.
Size: “2” x “2” Inch
Metal: Copper Yantra
Yantra Types: Puja Yantra
Energized: Chetna Mantra
Shipping: Within 4-5 Days in India
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