What is an Agni Hotra Yantra?
Agni Hotra Yantra/अग्निहोत्र यन्त्र is an important yantra. People use it for the accomplishment of desired tasks through Yajna. Agni has the seven tongues, through which Havishyanna reaches the gods. However, the Gods become happy and grant the completion of their work.
The ritual of worshiping Agnihotra Yantra has been in practice since ancient times, worship and installation of this Yantra is mandatory in every type of Vedic Yajna, it pleases Agnidev.
How is Agni Hotra Yantra Energized?
The sages of Astro Mantra energize this Agnihotra Yantra by chanting Surya Mantras. When the Sun is in its exalted position in the month of Vaishakh. This is a complex process, which is generally impossible to perform through today’s pundits. Only accomplished practitioners can perform this action.
Agnihotra Yantra one can obtain and use directly purchasing from Astro Mantra Institute through fast delivery. Moreover, you can install this energized yantra in any Yajna like Ashvamedha Yajna, Rajsuya Yagya, Putreshti Yajna, Vijay Yajna, Shatkarma Yajna, etc.
How to install Agni Hotra Yantra?
Agnihotra Yantra is a rare yantra, which is not easily available in the market, this yantra must install in the fire corner by reciting the Agnihotra mantra 7 times as per the Yagya rituals. Thereafter, if it is to install in a home, office, or shop, then first of all install the Agnihotra Yantra in the temple on a red cloth and worship it by lighting a pure ghee lamp and offering incense sticks in front of it. Furthermore, after worship, chant the following mantra 540 times i.e. 5 rosaries with red coral rosary.
Mantras of Agni Hotra Yantra:
॥ Agnye Swaha Agnye Idan Na Mam. Prajapataye Swaha Prajapataye Na Mam ॥
Benefits of Agni Hotra Yantra:
- Fire God becomes happy with Agnihotra Yantra.
- Installing this yantra in home, office and shop protects from the fear of fire.
- Besides, in the Yagya ritual, this Agnihotra Yantra is of paramount importance for accomplishment.
- This yantra removes all types of negativities.
- Above all, due to the presence of this yantra, even the biggest tantric experiment fails.
Precautions for Agni Hotra Yantra
- Do not touch the yantra with dirty hands.
- Women should not touch this yantra during menstruation.
- While worshiping the Yantra, stay away from intoxicants and consumption of Tamasic food.
अग्निहोत्र यंत्र क्या है?
अग्निहोत्र यंत्र एक महत्वपूर्ण यंत्र है, इसका प्रयोग यज्ञ कार्य से मनोवांछित कार्यो की सिद्धि के लिए किया जाता है৷ अग्नि की सप्त जिह्वा मानी जाती है, जिसके माध्यम से, हविष्यान्न देवताओं तक पहुँचता है৷ देवता प्रसन्न होकर कार्य सिद्धि प्रदान करते है। अग्निहोत्र यंत्र की पूजा का विधान प्राचीन काल से होता आ रहा है, हर प्रकार के वैदिक यज्ञ में इस यंत्र की पूजा और स्थापना अनिवार्य मानी जाती है, इससे अग्निदेव प्रसन्न होते है।
अग्निहोत्र यंत्र कैसे सिद्ध होता है?
अग्निहोत्र यंत्र बैशाख मास में जब सूर्य उच्च राशी पर होता है, तब सूर्य मंत्रो के पुशचरण से सिद्ध किया जाता है৷ यह एक जटिल विधान है, सामान्य रूप से आजकल के पंडितों के माध्यम से करना संभव नही है৷ इस क्रिया को एस्ट्रो मंत्रा के सिद्ध साधक ही संपन्न करते है।
अग्निहोत्र यंत्र को एस्ट्रो मंत्रा संस्थान से फ़ास्ट डिलीवरी के माध्यम से प्राप्त कर सीधा ही उपयोग किया जा सकता है। इस सिद्ध किये हुए यन्त्र को आप किसी भी यज्ञ कर्म जैसे, अश्वमेध यज्ञ, राजसूय यज्ञ, पुत्रेष्टि यज्ञ, विजय यज्ञ, षट्कर्म यज्ञ आदि में स्थापित कर सकते है।
अग्निहोत्र यंत्र कैसे स्थापित करें?
अग्निहोत्र यन्त्र एक दुर्लभ यन्त्र है, जो बाजार में आसनी से उपलब्ध नहीं है, इस यन्त्र को यज्ञ क्रियाओं के अनुसारअग्नि कोण में अग्निहोत्र मन्त्र का 7 बार उच्चराण कर, स्थापित करना चाहियें। यदि घर, ऑफिस, दुकान में स्थापित करना हो, तो सर्वप्रथम मंदिर में अग्निहोत्र यन्त्र को लाल वस्त्र पर, स्थापित करे और उसके सामने शुद्ध घी का दीपक जलाकर, धुप-दीप देकर, पूजन करें৷ पूजन के बाद निम्नलिखित मन्त्र का 540 बार यानि 5 माला का जाप लाल मूंगा माला से जाप करे।
अग्निहोत्र यंत्र का मंत्र:
॥ अग्नये स्वाहा अग्नये इदं न मम। प्रजापतये स्वाहा प्रजापतये न मम ॥
अग्निहोत्र यंत्र के लाभ:
- अग्निहोत्र यन्त्र से अग्निदेव को प्रसन्न होते है।
- घर, ऑफिस और दूकान में इस यन्त्र को स्थापित करने से अग्नि भय से रक्षा होती है।
- यज्ञ कर्मकांड में यह अग्निहोत्र यन्त्र सिद्धि के लिए सर्वोपरि है।
- यह यन्त्र समस्त प्रकार की नकारात्मकता को दूर करता है।
- इस यन्त्र के होते हुए बड़े से बड़ा तांत्रिक प्रयोग भी विफल हो जाता है।
अग्निहोत्र यंत्र के सावधानियाँ:
- यन्त्र को गंदे हाथों से न छुएं।
- रजस्वला समय से स्त्रियाँ इस यंत्र को हाथ न लगायें।
- यन्त्र की पूजा-साधना के समय नशा व तामसिक भोजन के सेवन से दूर रहे।
Agni Hotra Yantra Details:
Weight: 0.009 gm Approx.
Size: “2” x “2” Inch
Metal: Copper Yantra
Yantra Types: Puja Yantra
Energized: Agnihotra Mantra
Shipping: Within 4-5 Days in India
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