What is an Aham Brahmasmi Yantra?
Aham Brahmasmi Yantra/अहं ब्रह्मास्मि यंत्र awakens all the seven chakras of the Kundalini Chakra and provides the highest state of meditation-dharana samadhi. Which is said in the scriptures, Aham Brahmasmi Divyo Na Nasti. This is a very rare yantra, this yantra is the only such yantra. Which is capable of awakening all the seven chakras of the Kundalini Chakra and making it conscious.
It is a matter of great good fortune to get this yantra. Because, this yantra is energized and consecrated by the blessings of Sadgurudev Paramhans Swami Nikhileshwaranand Ji. By worshiping, veneration, and using it, a person becomes a trikaldarshi, a supreme guru and a great yogi. If you want complete spiritual progress by awakening the Kundalini Chakras, then you must use the Aham Brahmasmi Yantra. This Yantra one can easily be in Aham Brahmasmi Sadhana, Kundalini Chakra Jagrati Sadhana, Romekup Sadhana or Chetna Sadhana.
How is an Aham Brahmasmi Yantra Energized?
Aham Brahmasmi Yantra sages accomplish by doing Pushcharan with Kundli Chetna Mantras in the month of Vaishakh when the Sun is in the exalted sign. This is not only a complex method but also a difficult method. Generally, it is impossible to do it through the general Pandits of today. This process only high-level seekers can perform.
This energized Aham Brahmasmi Yantra anyone can obtain and purchase directly from Astro Mantra Institute through fast delivery. Moreover, you can use this energized yantra in Kundalini Chakra Jagrata Sadhana or Prayog. If perform the Prayog and if you do not have complete knowledge of Sadhana. Then you can install the important Brahmasmi Yantra by the method given below.
How to install Aham Brahmasmi Yantra?
On any Sunday, between 5 am and 7 am, after taking a bath, get purified, and spread a red cloth in the home temple. Thereafter, make a heap of rice on it and install this Aham Brahmasmi Yantra. Light a lamp of pure ghee and light incense sticks in front of the Yantra and worship it. After this, chant the following mantra 11 times with a crystal rosary or chant the mantra as per your sadhana.
Mantras of Aham Brahmasmi Yantra:
॥ Om Nim Nikhileshvarayai Brahma Brahmand Vai Namah ॥
Benefits of Aham Brahmasmi Yantra:
- By worshiping, worshiping, and using it, a person becomes a trikaldarshi.
- Besides, the person can intervene in anyone by seeing their past and future.
- This yantra is the only yantra that is capable of awakening all the seven chakras of the Kundalini Chakra and making it conscious.
- Moreover, Aham Brahmasmi Yantra is a very rare Yantra, that energizes the entire body.
- By worshiping, and using it, a person becomes a trikaldarshi, a supreme guru and a great yogi.
Precautions of Aham Brahmasmi Yantra:
- Do not touch the yantra with dirty hands.
- Additionally, women should not touch this yantra during menstruation.
- While worshiping the Yantra, stay away from intoxicants and consumption of Tamasic food.
- Cover or install the Self Consciousness Yantra in a red cloth.
- Above all, be patient and control yourself while using it.
अहं ब्रह्मास्मि यंत्र क्या है?
अहं ब्रह्मास्मि यंत्र कुण्डलिनी चक्र के सातों चक्रों को जागृत कर ध्यान-धारणा समाधि की सर्वोच्च स्थिति प्रदान करता है, जिसको शास्त्रों में कहा गया है, अहं ब्रह्मास्मि दिव्यो न नास्ति। यह बहुत ही दुर्लभ यंत्र है, यह यंत्र एक मात्र अकेला ऐसा यंत्र है, जो कुंडलिनी चक्र के सातों चक्रों को जागृत कर चैतन्य करने में सक्षम है। इस यंत्र को प्राप्त करना बड़ी सौभाग्य की बात है, क्योंकि यह यंत्र सद्गुरुदेव परमहंस स्वामी निखिलेश्वरानन्द जी के आशीर्वाद से सिद्ध एवं प्राण-प्रतिष्ठित है।
इसकी पूजा, साधना और प्रयोग करने से व्यक्ति त्रिकालदर्शी, सर्वोच्च गुरु, महान योगी बन जाता है। यदि आप कुण्डलिनी चक्रों को जाग्रत कर पूर्ण, अध्यात्मिक उन्नति चाहते है, तो अहं ब्रह्मास्मि यंत्र का उपयोग अवश्य ही करे। इस यन्त्र को अहं ब्रह्मास्मि साधना, कुंडलीनी चक्र जाग्रत साधना, रोमकूप साधना या चेतना साधना में आसानी से प्रयोग किया जा सकता है।
अहं ब्रह्मास्मि यंत्र कैसे सिद्ध होता है?
अहं ब्रह्मास्मि यंत्र बैशाख मास में जब सूर्य उच्च राशी पर होता है, तब कुंडली चेतना मंत्रो से पुशचरण कर सिद्ध किया जाता है, यह न केवल एक जटिल विधान है, साथ साथ एक कठिन विधान भी है৷ सामान्य रूप से आजकल के पंडितों के माध्यम से करना संभव नही है, इस क्रिया को उच्चकोटि के साधक ही संपन्न करते है।
एस्ट्रो मंत्रा संस्थान से फ़ास्ट डिलीवरी के माध्यम से इस सिद्ध किये हुए अहं ब्रह्मास्मि यंत्र को प्राप्त कर सीधा ही उपयोग किया जा सकता है, इस सिद्ध किये हुए यंत्र को आप कुंडलीनी चक्र जाग्रत साधना या प्रयोग में आप उपयोग कर सकते है, यदि प्रयोग और साधना की पूरी जनकारी न हो, तो नीचे दी हुई विधि से आप इस यंत्र को स्थापित कर सकते है।
अहं ब्रह्मास्मि यंत्र कैसे स्थापित करें?
किसी भी रविवार के दिन सुबह 5 बजे से 7 बजे क बीच नहा धोकर शुद्ध होकर घर के मंदिर में लाल वस्त्र बिछा कर उस पर चावल की ढेरी बनाकर इस अहं ब्रह्मास्मि यंत्र को स्थापित करे৷ यंत्र के सामने शुद्ध घी का दीपक जलाकर, धुप-दीप देकर, पूजन करें৷ इसके बाद निम्नलिखित मन्त्र का 11 माला का जाप स्फटिक माला से करे या अपनी साधना के अनुसार मंत्र जाप करे।
अहं ब्रह्मास्मि यंत्र का मंत्र:
॥ ॐ निं निखिलेश्वरायै ब्रह्म ब्रह्माण्ड वै नमः ॥
अहं ब्रह्मास्मि यंत्र के लाभ:
- इसका पूजा, साधना, और प्रयोग करने से व्यक्ति त्रिकालदर्शी बन जाता है।
- जातक किसी को भी भूत भविष्य देखकर उस पर हस्तक्षेप कर सकता है।
- यह यंत्र एक मात्र अकेला ऐसा यंत्र है, जो कुंडलिनी चक्र के सातों चक्रों को जागृत कर चैतन्य करने में सक्षम है।
- अहं ब्रह्मास्मि यंत्र बहुत ही दुर्लभ यन्त्र है, यह यंत्र पुरे शरीर को उर्जावान बनता है।
- इस पूजा, साधना और प्रयोग करने से व्यक्ति त्रिकालदर्शी, सर्वोच्च गुरु, महान योगी बनता है।
अहं ब्रह्मास्मि यंत्र की सावधानियाँ:
- यंत्र को गंदे हाथों से न छुएं।
- रजस्वला समय से स्त्रियाँ इस यंत्र को हाथ न लगायें।
- यंत्र की पूजा-साधना के समय नशा व तामसिक भोजन के सेवन से दूर रहे।
- आत्म चेतना यंत्र को लाल वस्त्र में ढक कर रखें या स्थापित करें।
- प्रयोग करते समय संयम और स्वयं पर नियंत्रण रखें꠰
Aham Brahmasmi Yantra Details:
Weight: 0.013 gm Approx.
Size: “3” x “3” Inch
Metal: Copper Yantra
Yantra Types: Puja Yantra
Energized: Guru Mantra
Shipping: Within 4-5 Days in India
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