Puja Room Vastu | पूजा रूम वास्तु
Puja Room Vastu (पूजा रूम वास्तु): According to Puja Room Vastu, the worship room should always be built in the North-East. Always keep the worship room neat and clean. According the rules of Puja Room Vastu the room should be performed on an elevated floor level. It is good to keep the lamp or light yellow light bulb in this room, which will always keep getting positive energy, give special attention to some things in the worship house.
- According to Puja Room Vastu do not set up more than one statue of any god in the temple of your worship. This creates Vastu defects. Do not worship Lord Krishna’s statue alone in the idol. If God’s idol is to be given in gift, then on the occasion of marriage gift the idol of Radha Krishna and on the House entry ceremony, give an idol of Lord Ganesha. Shri Ganesh’s idol on sitting position should be established on the door and Puja Sthal. Thereby, always will be progress in the house.
- By keeping the vessel filled with metal coins in the northwest region of the house, Puja Room Vastu increases manifold in your house, and moreover the house becomes like a heaven after destroying all the Vastu defects.
- It is usually seen, most people use paintings of goddesses in the paper, business names, packing of goods, etc., after using the item, we throw out the printed paper or the object. And it comes under our feet in the form of garbage. Thus, we indulge in indirect forms of insult goddesses. By doing so, we unknowingly invite misfortune.
18 Puja Room Vastu Tips:
- According to Puja Room Vastu paintings of the deities are considered to be very auspicious, but it is best to put it on the wall of the East or North, not in the temple.
- According to the scriptures, the height of the temple should be doubled by its width; the spread of the temple complex should be 1/3, so that all the Vastu defects of the house begin to go away.
- Under the idols of God in the house of worship, spread only white, red, yellow coloured clothes according to Puja Room Vastu rules.
- According Puja Room Vastu do not ever keep the books like Mahabharata, Garud-Purana, Indra Jal, in the Puja room.
- In the temple, the face of Brahma, Vishnu, Shiva, Sun and Kartikeya, Ganesha, Durga Deities, should be towards the west direction. Kuber, Bhairav should be on the south side, Hanuman’s face should be towards south or southwest.
- According to Puja Room Vastu, the house text should be of red colour or light cream colour.
- Door of the room of worship should not be made of iron, glass or tin, this creates a Vastu defect.
- According to Puja Room Vastu puja should never be right above or below the toilet; it is a huge Vastu defect.
- According to Puja Room Vastu do not select the room to be built in the bedroom, it gives birth to the Vastu defects, if the temple is made due to the lack of space, then put the curtains around the temple.
- In the worship room, there should not be two idols of any God in the house, there are unrest in the house by worshiping two Shivling, three Ganesha, two conch, three statues, two Gomti chakras and two Shaligram in the house.
- Do not keep God’s picture or idols in the southwest direction by mistake in the temple; obstructions arise from it.
- For the place of worship, the north-east corner of the building (Ishaan) is the best, the land of the worship site leaning towards the north-east and higher than the south-west is the best. If the land is square or round in size it is best.
- According to Puja Room Vastu, there should not be a toilet around the Puja Room, above or below the worship house. For Puja room give special attention to cleanliness in and around the house.
- Do not make kitchens, toilets, worship room near to each other, if they are, then make a wall between them, according to Puja Room Vastu, the house should not be worshiped even under the stairs.
- The threshold must be built at the door of the Puja room. It is good to have a door on the gate, on two doors system made of wood according to Puja Room Vastu.
- Ganesh ji, Lakshmi ji, Vishnu ji, in the sitting position in the room of worship, has been considered auspicious. According to Puja Room Vastu the standing statue or picture of Hanuman ji is auspicious.
- According Puja Room Vastu the worship room should never be cleaned by a broom. With this, the Lakshmi of the house becomes angry, so the place of worship should be cleaned with any clothes.
- According to Puja Room Vastu always use red colour in place of worship, it maintains positive energy and it is helpful in removing all Vastu defects.
पूजा रूम वास्तु | Puja Room Vastu
पूजा रूम वास्तु (Puja Room Vastu) के अनुसार पूजा घर हमेशा उत्तर-पूर्व (North East) में बनाना या होना चाहिए। पूजा घर को हमेशा साफ़ और स्वच्छ रखें। पूजा घर फर्श के स्तर से ऊँचा रखना चाहिए। इस कक्ष में दीपक या हल्के पीले प्रकाश का बल्ब जला कर रखें तो अच्छा होता है, जिससे हमेशा सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती रहेगी, पूजा घर में कुछ बातों का विशेष ध्यान दें-
- पूजा रूम वास्तु के अनुसार अपने मंदिर में किसी भी भगवान की एक से अधिक मूर्तियाँ स्थापित न करें। इससे वास्तुदोष उत्पन्न होता है। मूर्ति में अकेले श्रीकृष्ण की मूर्ति की पूजा न करें। यदि भगवान की मूर्ति उपहार में देनी हो, तो शादी पर राधा कृष्ण की और ग्रह प्रवेश के अवसर पर श्रीगणेश की मूर्ति दें। पूजास्थल व दरवाजे पर बैठे हुए श्रीगणेश की स्थापना करनी चाहिए। जिससे घर में सदा उन्नति होती रहे।
- घर के उत्तर पश्चिम क्षेत्र में धातु का सिक्कों से भरा हुआ पात्र रखने से, आपके घर की ऊर्जा कई गुना बढ़ जाती है, पूजा रूम वास्तु (Puja Room Vastu) के अनुसार ऐसा करने से सभी वास्तु दोष नष्ट होकर घर स्वर्ग की तरह बन जाता है।
- देखने में आता है, अधिकतर लोग अपने व्यापार के कागज, सामान के ब्रांडनेम, सामान के पैकिंग आदि में देवी-देवताओं के चित्रों का उपयोग करते है, वस्तु का उपयोग करने के बाद हम छपे हुए कागज को या वस्तु को बाहर फेंक देते है और ये कचरे के रूप में हमारे पैरों के नीचे आती है। इस प्रकार देवी देवताओं का अप्रत्यक्ष रूप में हम अपमान ही करते है। ऐसा करके हम अनजाने में ही दुर्भाग्य को न्यौता देते है।
18 पूजा रूम वास्तु टिप्स:
- पूजा रूम वास्तु अनुसार पूजा स्थान में कुलदेवता का चित्र होना अत्यंत शुभ माना गया है, पर इसे मंदिर में नहीं बल्कि पूर्व या उत्तर की दीवार पर लगाना श्रेष्ठ है।
- पूजा रूम वास्तु (Puja Room Vastu) अनुसार मंदिर की ऊंचाई, उसकी चौड़ाई से दोगुनी होनी चाहिए, मंदिर के परिसर का फैलाव ऊंचाई से 1/3 होना चाहिए, ऐसा होने से घर के सभी वास्तु दोष दूर होने लगते है।
- पूजा घर में भगवान की मूर्तियों के नीचे सफ़ेद, लाल, पीला आदि रंग के कपडों को ही बिछाएं।
- महाभारत, गरुण-पुराण, इंद्र जाल जैसे ग्रंथों को कभी भी पूजा घर में न रखें।
- मंदिर में ब्रह्मा, विष्णु, शिव, सूर्य और कार्तिकेय, गणेश, दुर्गा देवी-देवताओं का मुख मुंह पश्चिम दिशा की ओर होना चाहिए। कुबेर, भैरव का मुंह दक्षिण की तरफ़ हो, हनुमान का मुंह दक्षिण या नैऋत्य की तरफ़ हो।
- पूजा रूम वास्तु अनुसार पूजा घर का कपड़ा लाल रंग या हल्का क्रीम रंग का होना चाहिए।
- पूजा घर का द्वार लोहे, कांच या टिन का नहीं बना होना चाहिए, इससे वास्तु दोष बनता है।
- पूजा रूम वास्तु (Puja Room Vastu) अनुसार कभी भी पूजा घर शौचालय के ठीक ऊपर या नीचे न हो, यह बहुत बड़ा वास्तु दोष है।
- भूलकर भी पूजा घर शयन-कक्ष में न बनाएं, यह वास्तु दोषों को जन्म देता है, अगर जगह की कमी के कारण मंदिर शयनकक्ष में बना हो, तो मंदिर के चारों ओर पर्दे लगा दें।
- पूजा रूम वास्तु अनुसार पूजा घर में दो शिवलिंग, तीन गणेश, दो शंख, तीन देवी प्रतिमा, दो गोमती चक्र और दो शालिग्राम का पूजन करने से घर में अशान्ति बनी रहती है, घर में किसी भी भगवान की दो मूर्तियां न हो।
- मंदिर में गलती से भी भगवान की तस्वीर या मूर्तियों को नैऋत्य कोण में न रखें, इससे बनते कार्यों में रुकावटें आती हैं।
- पूजा स्थल के लिए भवन का उत्तर–पूर्व (ईशान) कोना सबसे उत्तम होता है, पूजा स्थल की भूमि उत्तर-पूर्व की ओर झुकी हुई और दक्षिण-पश्चिम से ऊंची हो, बहुत अच्छा है। पूजा रूम वास्तु अनुसार भूमि आकार में चकोर या गोल हो तो सर्वोत्तम होती है।
- पूजा रूम वास्तु (Puja Room Vastu) अनुसार पूजा घर के आसपास, ऊपर या नीचे शौचालय नहीं होना चाहिये। पूजा घर में और इसके आसपास पूर्णत: स्वच्छता तथा शुद्धता का विशेष ध्यान दे।
- कभी भी रसोई घर, शौचालय, पूजा घर एक-दूसरे के पास न बनाएं, यदि हो तो बीच में दीवार बना दे, पूजा रूम वास्तु के अनुसार घर में सीढ़ियों के नीचे भी पूजा घर नहीं होना चाहिए।
- पूजा घर के द्वार पर दहलीज़ अवश्य बनवानी चाहिए। द्वार पर दरवाज़ा, पूजा रूम वास्तु अनुसार लकड़ी से बने दो पल्लोंवाला हो तो अच्छा होता है।
- पूजा रूम वास्तु पूजा घर में बैठे हुए गणेशजी, लक्ष्मी जी, विष्णु जी, शुभ माने गये है। हनुमान जी की मूर्ति या चित्र खड़े हुए वाला शुभ होता है।
- पूजा घर को कभी भी झाड़ू से साफ़ नहीं करना चाहिये। इससे घर की लक्ष्मी रुष्ट हो जाती है, इसलिए पूजा रूम वास्तु (Puja Room Vastu) अनुसार पूजा स्थान को किसी कपडे से साफ़ करना चाहिये।
- पूजा रूम वास्तु अनुसार पूजा स्थान में हमेशा लाल रंग का उपयोग करे, यह सकारात्मक ऊर्जा बनाये रखता है और सभी वास्तु दोषों को दूर करने में सहायक है।