Radha Stuti, श्री राधा स्तुति

श्री राधा स्तुति | Radha Stuti

श्री राधा स्तुति (Radha Stuti)

 नमस्ते परमेशानि रासमण्डलवासिनी।

रासेश्वरि नमस्तेऽस्तु कृष्ण प्राणाधिकप्रिये।।

नमस्त्रैलोक्यजननि प्रसीद करुणार्णवे।

ब्रह्मविष्ण्वादिभिर्देवैर्वन्द्यमान पदाम्बुजे।।

नम: सरस्वतीरूपे नम: सावित्रि शंकरि।

गंगापद्मावनीरूपे षष्ठि मंगलचण्डिके।।

नमस्ते तुलसीरूपे नमो लक्ष्मीस्वरुपिणी।

नमो दुर्गे भगवति नमस्ते सर्वरूपिणी।।

मूलप्रकृतिरूपां त्वां भजाम: करुणार्णवाम्।

संसारसागरादस्मदुद्धराम्ब दयां कुरु।।

Radha Stuti | श्री राधा स्तुति

Hello Parameshani Rasmandalvasini.
Raseshwari Namaste Stu Krishna Pranadhikari dear.
Namastralokyajanani Prasid Karunarnve.

Brahmavishnavadibhirdevavairvandyaman padambuje.
Namah Saraswatirupe Namah Savitri Shankari.

Gangapadmavanirupe Shashthi Mangalchandike.

Namaste Tulsirupe Namo Lakshmiswarupini.

Namo Durga Bhagwati Namaste Sarvarupini.
Moolprakriti rupaam twan bhajam: karunarnavam.

Samsarasagaradasamdudharamba Daya Kuru.

श्री राधा स्तुति विशेषताए:

श्री राधा स्तुति के साथ-साथ यदि राधा आरती का पाठ किया जाए तो, इस स्तुति का बहुत लाभ मिलता है, यह स्तुति शीघ्र ही फल देने लग जाते है| यदि साधक इस स्तुति का पाठ प्रतिदिन करने से बुराइया खुद- ब- खुद दूर होने लग जाती है साथ ही सकरात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है| अपने परिवार जनों का स्वस्थ्य ठीक रहता है और लम्बे समय से बीमार व्यक्ति को इस स्तुति का पाठ सच्चे मन से करने पर रोग मुक्त हो जाता है| यदि मनुष्य जीवन की सभी प्रकार के भय, डर से मुक्ति चाहता है तो वह इस स्तुति का पाठ करे|

श्री राधा स्तुति के पाठ के साथ साथ राधा चालीसा का भी पाठ करने से मनोवांछित कामना पूर्ण होती है| और नियमित रुप से करने से रुके हुए कार्य भी पूर्ण होने लगते है | और साधक के जीवन में रोग, भय, दोष, शोक, बुराइया, डर दूर हो जाते है साथ ही राधा रानी की पूजा करने से आयु, यश, बल, और स्वास्थ्य में वृद्धि प्राप्त होती है। याद रखे इस श्री राधा स्तुति पाठ को करने से पूर्व अपना पवित्रता बनाये रखे| इससे मनुष्य को जीवन में बहुत अधिक लाभ प्राप्त होता है|

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