Sai Baba Aarti, साईं बाबा आरती

Sai Baba Aarti | साईं बाबा आरती

Sai Baba Aarti (साईं बाबा आरती): Sai Baba is also known as Shirdi Sai Baba. Shirdi Sai Baba’s blessings always remain with his devotees by reciting Sai Baba Aarti. All the wishes of the seeker start getting fulfilled. All the sorrows and physical troubles of the seeker start going away. The life of the seeker starts filling with happiness by worshiping the Idol of Sai Baba and start achieving success. Sai Yantra are also very useful and powerful yantra. If aarti is recited by keeping this Yantra in front, then the auspicious planets get strengthened. Also, their positive impact falls on the life of the seeker. The inauspicious planets start calming down and their negative effects end.

साईं बाबा आरती | Sai Baba Aarti

ॐ जय साईं हरे, बाबा शिरडी साईं हरे।
भक्तजनों के कारण, उनके कष्ट निवारण॥
शिरडी में अवतरे, ॐ जय साईं हरे॥ ॐ जय..॥

दुखियन के सब कष्टन काजे, शिरडी में प्रभु आप विराजे।
फूलों की गल माला राजे, कफनी, शैला सुन्दर साजे॥
कारज सब के करें, ॐ जय साईं हरे ॥ ॐ जय..॥

काकड़ आरत भक्तन गावें, गुरु शयन को चावड़ी जावें।
सब रोगों को उदी भगावे, गुरु फकीरा हमको भावे॥
भक्तन भक्ति करें, ॐ जय साईं हरे ॥ ॐ जय..॥

हिन्दु मुस्लिम सिक्ख इसाईं, बौद्ध जैन सब भाई भाई।
रक्षा करते बाबा साईं, शरण गहे जब द्वारिकामाई॥
अविरल धूनि जरे, ॐ जय साईं हरे ॥ ॐ जय..॥

भक्तों में प्रिय शामा भावे, हेमडजी से चरित लिखावे।
गुरुवार की संध्या आवे, शिव, साईं के दोहे गावे॥
अंखियन प्रेम झरे, ॐ जय साईं हरे ॥ ॐ जय..॥

ॐ जय साईं हरे, बाबा शिरडी साईं हरे।
शिरडी साईं हरे, बाबा ॐ जय साईं हरे॥

साईं बाबा आरती के लाभ: 

साईं बाबा को शिरडी वाले साईं बाबा के नाम से भी जाना जाता हैं। शिरडी साईं बाबा आरती का पाठ करने से साईं बाबा की कृपा सदैव अपने साधको पर बनी रहती हैं। साधको की सभी प्रकार की मनोकामनाएं पूर्ण होने लगती हैं तथा साधक के सभी दुःख और शारीरिक कष्ट दूर होने लगते हैं। साईं बाबा की मूर्ति की पूजा करने से साधक का जीवन खुशियों से भरने लग जाता हैं तथा सफलता प्राप्त होने लगती हैं। साईं यंत्र भी अत्यंत उपयोगी और शक्तिशाली यंत्र हैं इस यंत्र को सामने रख कर साईं बाबा आरती का पाठ किया जाए, तो शुभ ग्रह मजबूत होते है और उनका सकारात्मक प्रभाव साधक के जीवन पर पड़ता हैं तथा अशुभ ग्रह शांत होने लगते हैं और उनका नकारात्मक प्रभाव समाप्त हो जाता हैं।