Sarvangasana Benefits | सर्वांगासन के लाभ
Method of Sarvangasana Benefits (सर्वांगासन): Lying on the back with the hands under the mid-back, the legs and lower body are lifted so that the weight of the body is supported on the head, neck, shoulders and upper arms. The gaze is towards the toes and the sagittal and transverse line of the head is perpendicular with the mid sagittal and mid frontal line of the body.
Note of Sarvangasana:
- This Sarvangasana is useful to men and women of all ages.
- This is prohibited for blood pressure patients and heart patients.
- This Sarvangasana should not be done with jerk.
Sarvangasana Benefits:
- Blood circulatory system, respiratory system and digestive system will be vivified.
- While practicing this yoga pose more blood flows into throat, thyroid gland will be invigorated.
- Sexual disorders are cured easily.
- Sarvangasana (Sarvangasana Benefits) rectifies disorders in ears, nose and throat.
- Diseases at the bottom and around the heels are cured.
- Hair loss and premature graying of hair are put to end or controlled.
- Diseases caused in and around groin (also called as hernia) area will be cured.
- Practice Sarvangasana regularly decrease or increase body weight and maintains the perfect body weight.
सर्वांगासन के लाभ | Sarvangasana Benefits
सर्वांगासन विधि: पीठ के बल जमीन पर लेट जाओ फिर हाथों की हथेलियों को नितम्ब की बगल में रखो और कमर के निचले भाग को जमीन से धीरे धीरे ऊपर उठाओ इतना ऊपर ले जाओ कि दोनों पैर के अंगूठे सिर के पीछे जमीन से लगे, जब तक सम्भव हो, इसी स्थिति में रहो। पैरों को धीरे से उस स्थान पर वापस ले जाओ जहां से आरम्भ किया था।
नोट:
- यह आसन हर आयु के स्त्री, पुरुष के लिए लाभदायक है।
- यह आसन ह्रदय रोगियों या उच्च या निम्न रक्त चाप वालों के लिए मना है।
- इस आसन को झटके से नहीं करना चाहिए।
सर्वांगासन के लाभ:
- यह सर्वांगासन सारे शरीर में रक्त संचार को नियमित करता है। फलस्वरूप चर्म सम्बन्धित रोग शीघ्र दूर हो जाते है।
- मोटापा दूर करने के लिए यह सर्वांगासन (Sarvangasana Benefits) सर्वश्रेष्ठ है। कमर और नितम्ब को पतला करता है।
- पेट की स्थूलता को आसानी से कम करता है।
- रीढ़ की हड्डी लचीली होती है। शरीर सुंदर और निरोग हो जाता है।
- आँखों में तेज आ जाता है।
- इस सर्वांगासन से मूत्र रोग दूर होता है।
- इस सर्वांगासन से दमा, गुदा आदि रोग में विशेष लाभ होता है।