Shailputri Devi Kavach | शैलपुत्री देवी कवच
Shailputri Devi Kavach (शैलपुत्री देवी कवच): Shailputri Devi is the form of Mother Parvati, all the desired wishes of the person start getting fulfilled by reciting Shailputri Devi Kavach with a true heart. By recites this kavach, one gets Success, Happiness and Prosperity and the Chandra Dosh is removed from the horoscope of the person. Maa Shailputri wears a semi-moon on her forehead, reciting her kavach helps in removing Chandra Defect from a person’s horoscope. If Chandra Defect is present in a person’s horoscope, then he has to face mental stress, instability and health-related problems. In such a situation, a person gets relief from Chandra Dosh and stress is removed, the mind remains stable by reciting Shailputri Devi Kavach.
If a person has lost his job, he is failing in interviews again and again, not getting a good job, then in such a situation, that person must recite the Shailputri Devi Kavach. The person gets success in interviews, chances of getting a good job start increasing, he moves forward on the path of progress by reciting this kavach. Every person should recite Shailputri Devi Kavach in their regular worship. So that they can get success and progress in their career and all the planetary defects can be removed from their horoscope.
शैलपुत्री देवी कवच | Shailputri Devi Kavach
ओमकार: में शिर: पातुमूलाधार निवासिनी।
हींकार,पातुललाटेबीजरूपामहेश्वरी॥
श्रीकार: पातुवदनेलज्जारूपामहेश्वरी।
हूंकार: पातुहृदयेतारिणी शक्ति स्वघृत॥
फट्कार: पातुसर्वागेसर्व सिद्धि फलप्रदा।
Shailputri Devi Kavach | शैलपुत्री देवी कवच
Omkar: Men Shir: Patumuladhar Nivasini।
Heenkar, Patulalatabijarupaamaheshvari॥
Shrikar: Patuvadanelajjaarupaamaheshvari।
Hunkar: Patuhridayetarini Shakti Svaghrut॥
Fatkar: Patusarvagesarva Siddhi Falprada।
शैलपुत्री देवी कवच के लाभ:
शैलपुत्री देवी माता पार्वती का ही रूप हैं, सच्चे मन से शैलपुत्री देवी कवच का पाठ करने से व्यक्ति की सभी मनोवांछित कामनायें पूर्ण होने लगती हैं। इस कवच का पाठ करने से सफलता, सुख समृद्धि की प्राप्ति होती हैं तथा व्यक्ति की जन्मकुंडली से चंद्र दोष दूर होता हैं। मां शैलपुत्री अपने मस्तक पर अर्द्ध चंद्र धारण करती हैं, इनके कवच का पाठ करने से व्यक्ति की जन्मकुंडली से चंद्र दोष दूर होने लगता हैं। यदि किसी व्यक्ति की जन्मकुंडली में चंद्र दोष मौजूद हो, तो उसे मनसिक तनाव, अस्थिरता तथा स्वास्थ्य संबंधी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता हैं, ऐसे में शैलपुत्री देवी कवच करने से व्यक्ति को चंद्र दोष से मुक्ति मिलने लगती हैं और तनाव दूर होता हैं, मन स्थिर रहता हैं।
यदि किसी व्यक्ति की नौकरी छुट गयी हैं, बार-बार इंटरव्यू में असफल हो रहा हैं, अच्छी नौकरी नही मिल रही हैं, तो ऐसे में उस व्यक्ति को शैलपुत्री देवी कवच का पाठ अवश्य ही करना चाहिए। इस कवच का पाठ करने से इंटरव्यू में सफलता मिलने लगती हैं, अच्छी नौकरी के योग बनने लगते हैं, वह प्रगति के पथ पर आगे बढ़ता है। प्रत्येक व्यक्ति को चाहिए कि वे नित्य पूजा में शैलपुत्री देवी कवच का पाठ अवश्य करे, जिससे करियर में सफलता और उन्नति मिल सके तथा जन्मकुंडली से समस्त ग्रह दोष दूर हो सके।